Monday, January 12, 2009

वसंत के आगमन की खुशी का पर्व है लोहड़ी

हाड़ कँपा देने वाली सर्दी के बीच वसंत आने की खुशी में पंजाब और आसपास के क्षेत्रों में मनाया जाने वाला लोहड़ी पर्व रात में आग जलाकर सामूहिक नाच-गाना तथा मूँगफली, पॉपकार्न और रेवड़ी खाने-खिलाने का त्योहार है। पारंपरिक मान्यता के अनुसार लोहड़ी पौष मास के अंत में मनाई जाती है। प्रायः यह पर्व सूर्य के उत्तरायण में होने के साथ मकर संक्रांति के आसपास पड़ता है। सूर्य के उत्तरायण होने का अर्थ है जाड़े में कमी।
दिल्ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारे रकाबगंज के मुख्य ग्रंथी गुरुचरण सिंह ने बताया कि लोहड़ी मुख्यतः नई फसल के आने और वसंत की शुरुआत का पर्व है। इस बार लोहड़ी नानकशाही कैलेंडर के अनुसार आज (सोमवार) और पुराने मत के अनुसार कल (13 जनवरी को) मनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि सिख धर्म में कोई भी पर्व सोग (शोक) में नहीं मनाया जाता। लोहड़ी तो खैर नाच-गाने का पर्व है ही। उन्होंने बताया कि इस दिन लोग विभिन्न सरोवरों और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान करते हैं। इसके अलावा वे गुरुद्वारों में जाकर मत्था टेकते हैं। दिल्ली के शीशगंज गुरुद्वारे के वरिष्ठ ग्रंथी ज्ञानी हेमसिंह ने बताया कि लोहड़ी शब्द दरअसल तिल और गुड़ से निर्मित रोड़ी से बना था। मूल में यह शब्द तिलोड़ी था और बाद में यह शब्द बदलकर लोहड़ी हो गया। उन्होंने कहा कि लोहड़ी एक सामुदायिक त्योहार है जिसे सब लोग मिलकर मनाते हैं लिहाजा इसका धर्म से बहुत लेना-देना नहीं है। सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही सर्द हवाओं में गर्मी आने लगती है। ये हवाएँ शिराओं में रक्त संचार बढ़ा देती हैं। इस वजह से मनुष्यों में स्वाभाविक खुशी और मस्ती बढ़ने लगती है। लोहड़ी दरअसल इसी मस्ती की शुरुआत का पर्व है। पंजाब की लोककथाओं के अनुसार मुगल शासनकाल के दौरान एक मुसलमान डाकू था दुल्ले भट्टी। उसका काम था राहगीरों को लूटना, लेकिन उसने हिन्दू लड़कियों का विवाह करवाया। इसके बाद से दुल्ला भट्टी जननायक बन गया। लोहड़ी के अवसर पर लड़के-लड़कियाँ आग के सामने नाचते समय जो लोकगीत गाते हैं उनमें इसी दुल्ले भट्टी का जिक्र बार-बार आता है।
ग्रामीण जीवन के इस सामूहिक पर्व लोहड़ी पर बच्चे घर-घर जाकर माँगते हैं। इस दौरान लोकगीत गाने वाले बच्चों को लोग आग जलाने के लिए लकड़ियाँ, रेवड़ी, मूँगफली और पॉपकार्न आदि देते हैं। रात्रि के समय आग जलाई जाती है तथा सभी लोग इस अग्नि की परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा करते समय सभी लोग आदर-सम्मान पाने और दरिद्रता एवं गरीबी दूर होने की प्रार्थना करते हैं। लोहड़ी पर जलती आग के समक्ष महिलाएँ और बच्चे लोकगीत गाते हैं और नाचते हैं। इसके बाद लोगों को लोहड़ी के प्रसाद के रूप में गजक, मूँगफली और रेवड़ियाँ बाँटी जाती हैं। पंजाबी एवं सिख परिवारों में नवविवाहित जोड़े के लिए पहली लोहड़ी का विशेष महत्व होता है। इस दिन नए परिधान पहनकर नवविवाहित दंपति लोहड़ी की आग की पूजा करते हैं तथा परिवार एवं बुजुर्ग लोगों का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं। नवजात बच्चे की पहली लोहड़ी को भी विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन नवजात बच्चे की माँ उसे गोद में लेती है तथा घर के सभी सदस्य उसे उपहार देते हैं। रात में बच्चा और माँ को अग्नि के पास ले जाया जाता है और उसकी पूजा करवाई जाती है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचलप्रदेश के कुछ हिस्सों एवं दिल्ली में मनाया जाने वाला लोहड़ी पर्व दरअसल ग्रामीण भारत एवं लोकजीवन की उत्सव प्रियता की एक झलक है। सर्दी के मौसम में आग के समक्ष नाचना-गाना भला किसको अच्छा नहीं लगेगा और यह मौका अगर लोहड़ी के रूप में मिले तो मजा दुगना हो जाता है।





कांग्रेस की निगाह अब प्रियंका पर

मुरादाबाद लोकसभा सीट से प्रियंका गाँधी को मैदान में उतारने की स्थानीय कांग्रेसी नेताओं की माँग के बीच पार्टी ने आज कहा कि उनका संसदीय चुनाव में उतरना कांग्रेस के लिए काफी फायदेमंद रहेगा। मुरादाबाद सीट से प्रियंका को उम्मीदवार बनाने की स्थानीय कांग्रेसी नेताओं की माँग के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता जयंती नटराजन ने कहा कि अगर ऐसा कोई प्रस्ताव है तो आलाकमान को इस पर विचार करना चाहिए। नटराजन ने कहा कि यह (उनका चुनाव लड़ना) काफी फायदेमंद रहेगा। यह काफी अच्छा और उचित होगा। उनकी एक छवि है। प्रियंका के पति रॉबर्ट वढेरा मुरादाबाद के हैं। उनकी माँ और कांग्रेस अध्यक्ष रायबरेली सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं, जबकि उनके भाई राहुल अमेठी से सांसद हैं।

Thursday, January 1, 2009

खान ने दिया कसाब की पैरवी का प्रस्ताव

दिल्ली के एक वकील ने अजमल आमिर ईमान कसाब के पक्ष में मुकदमा लड़ने का प्रस्ताव दिया है। कसाब मुंबई हमले में शामिल एकमात्र ऐसा आरोपी है, जिसे जिंदा गिरफ्तार किया गया है।आतंकी मामलों में छह आरोपियों का सफलतापूर्वक बचाव कर चुके वकील एम. शानवर खान मानते है कि किसी व्यक्ति के आतंकी होने न होने का फैसला करना अदालत का काम है। खान ने बताया कि मैं अपनी कानूनी व्यवस्था को मजबूत करने में विश्वास करता हूं, लिहाजा कसाब का मुकदमा लड़ने में कोई दिक्कत नहीं है। यह अदालत को तय करना है कि वह आतंकी है या नहीं। ऐसा होने तक उसे कानूनी मदद पाने का पूरा अधिकार है।पटियाला हाउस की अदालत में वकालत करने वाले 30 वर्षीय खान दिल्ली में 13 सितंबर को हुए बम विस्फोटों के आरोपियों की भी पैरवी कर रहे है। इन विस्फोटों में 26 लोग मारे गए थे।

आतंकवाद के खिलाफ केंद्र गंभीर नहीं

शिमला। आतंकवाद निरोधक कानून लाने के लिए संप्रग सरकार की सराहना करने के बावजूद भाजपा ने मंगलवार को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केंद्र के प्रयासों में गंभीरता का अभाव है।हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर रिज मैदान में आयोजित विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पोटा खत्म करने के कई साल बाद आतंकवाद निरोधक विधेयक लाकर अच्छा काम किया है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ इसकी लड़ाई कमजोर है क्योंकि वह वोट बैंक की राजनीति जारी रखे हुए है।उन्होंने संसद हमले में दोषी ठहराए गए अफजल गुरु को फांसी देने के मामले में विलंब करने और लाखों बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार की विफलता का उल्लेख किया। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के दो मुद्दों पर स्पष्ट आदेश के बावजूद मनमोहन सरकार उन पर कार्रवाई नहीं कर रही है। आप [संप्रग सरकार] वोट बैंक की राजनीति करने के साथ आतंकवाद के खिलाफ कैसे लड़ सकते हैं।आडवाणी ने कहा कि मुंबई में आतंकी हमलों के बाद संप्रग सरकार लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों को भ्रामक संकेत दे रही है। सरकार और कांग्रेस में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग अलग-अलग स्वरों में बोल रहे हैं और कई बार विरोधाभासी बात कह रहे हैं।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि उनकी सरकार पाकिस्तान से कैसे निपट रही है। भारत के लोगों को यह जानने का अधिकार है। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि संप्रग सरकार ने पोटा जैसे कड़े कानून को खत्म करने की अपनी गलती का अहसास करते हुए आतंकवाद निरोधक कानून लाकर अपना रुख बिल्कुल बदल दिया लेकिन यह वोट बैंक की राजनीति में कब अपना रुख बदलेगी।देश की सुरक्षा के मामले में केंद्र पर नरमी बरतने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कोई महीना ऐसा नहीं गुजरता जब देश के किसी हिस्से में आतंकी हमला न होता हो। एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे की मौत के बारे में विवादास्पद बयान देने वाले केंद्रीय मंत्री एआर अंतुले का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत सरकार ने उस मंत्री को नहीं निकाला जो पाकिस्तानी जुबान में बोल रहा था।