Friday, December 11, 2009

हस्ताक्षर और आपका भविष्य

यह तो आप जानते ही हैं कि हर व्यक्ति के दो रूप होते हैं - एक रूप जो उसके असली व्यक्तित्व को दर्शाता है तथा दूसरा रूप जो वह समाज में सबको दिखाने के लिए अपनाए रखता है। समाज में लोक मर्यादा के कारण कई बार हमें अलग तरह से व्यवहार करना पडता है जिसे आप कमजोरी भी कह सकते हैं अत: इसके फलस्वरूप व्यवहार में भिन्नता होना स्वाभाविक है।
हस्ताक्षर व्यक्ति के व्यक्तित्व का संपूर्ण आइना होता है अत: व्यक्ति के हस्ताक्षर में उसके व्यक्तित्व की सभी बातें पूर्ण रूप से दिखाई देती है। इस प्रकार हस्ताक्षर एक दर्पण है जिसमें व्यक्तित्व की परछाई स्पष्ट यप से झलकती है।
जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर का पहला शब्द काफी बडा रखता है, वह व्यक्ति उतना ही विलक्षण प्रतिभा का घनी, समाज में काफी लोकप्रिय व उच्चा पद प्राप्त करने वाला होता है। हस्ताक्षर में पहला शब्द बडा व बाकी के शब्द सुन्दर व छोटे आकार में होते हैं, ऎसा व्यक्ति घीरे-घीरे उच्चा पद प्राप्त करते हुए सर्वोच्चा स्थान पाता है। ऎसा व्यक्ति जीवन में पैसा बहुत कमाता है। कई भवनों का मालिक बनता है व समाज में काफी लोकप्रिय होता है, किन्तु कुछ रंगीत तबियत का व संकोची स्वभाव का उत्तम श्रेणी का विद्वान भी होता है। वह अपने कुल का काफी नाम ऊँचा करता है।
जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर इस प्रकार से लिखता है जो काफी अस्पष्ट होते हैं तथा जल्दी-जल्दी लिखे गये होते हैं, वह व्यक्ति जीवन को सामान्य रूप से नहीं जी पाता है। हर समय ऊँचाई पर पहुँचने की ललक लिए रहता है। इस प्रकार का व्यक्ति राजनीति, अपराघी, कूटनीतिज्ञ या बहुत बडा व्यापारी बनता है। जीवन आपाघापी में व्यतीत करने के कारण समाज से कटने लगता है तथा लोगों की अपेक्षा का शिकार भी बनता है। यह व्यक्तिगत रूप से पूर्ण संपन्न तथा इनका वैवाहिक जीवन कम सामान्य रहता है। घोखा दे सकता है परंतु घोखा खा नहीं सकता है। यह इनकी विशेषता है।
जो व्यक्ति हस्ताक्षर काफी छोटा व शब्दों को तोड-मरोडकर उनके साथ खिलवाड करता है जिसके फलस्वरूप हस्ताक्षर बिल्कुल पढने में नहीं आता है वह व्यक्ति बहुत ही घूर्त व चालाक होता है। अपने फायदे के लिए किसी का भी नुकसान करने व नुकसान पहुँचाने से नहीं चूकता। पैसा घन भी गलत रास्ते से कमाता है तथा ऎसा व्यक्ति राजनीति एवं अपराघ के क्षेत्र में काफी नाम कमाता है।
जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर के नीचे दो लाइनें खींचता है वह व्यक्ति भावुक होता है। पूरी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाता, मानसिक रूप से थोडा कमजोर होता है। जीवन में असुरक्षा की भावना रहती है, जिसके कारण आत्महत्या करने का विचार मन में रहता है। पैसा जीवन में अच्छा होता है परंतु कंजूस स्वभाव भी रहता है।
जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर के शब्दों को काफी घुमाकर सजाकर प्रदर्शित करके करता है वह व्यक्ति किसी न कसी हुनर का मालिक अवश्य होता है, यानि कलाकारख् गायक, पेंटर, व्यग्यकार व अपराघी होता है। ऎसे व्यक्तियों का समय जीवन के उत्तरार्द्ध में अच्छा होता है।
जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर में नाम का पहला अक्षर सांकेतिक रूप में तथा उपनाम पूरा लिखता है तथा हस्ताक्षर के नीचे बिन्दु लगाता है, ऎसा व्यक्ति भाग्य का घनी होता है। मृदुभाषी, व्यवहार कुशल, समाज में पूर्ण सम्मान प्राप्त करता है। ईश्वरवादी होने के कारण इन्हें किसी भी प्रकार की लालसा नहीं सताती, इसके फलस्वरूप जो भी चाहता है स्वत: ही प्राप्त हो जाता है। वैवाहिक जीवन सुखी व संतानों से भी सुख प्राप्त होता है।
जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर के अंतिम शब्द के नीचे बिंदु (.) रखता है। ऎसा व्यक्ति विलक्षण प्रतिभा का घनी होता है। ऎसा व्यक्ति जिस क्षेत्र में जाता है काफी प्रसिद्धि प्राप्त करता है और ऎसे व्यक्ति से बडे-बडे लोग सहयोग लेने को उत्सुक रहते हैं।
जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर स्पष्ट लिखते हैं तथा हस्ताक्षर के अंतिम शब्द की लाइन या मात्रा को इस प्रकार खींच देते हैं जो ऊपर की तरफ जाती हुई दिखाई देती हे, ऎसे व्यक्ति लेखक, शिक्षक, विद्वान, बहुत ही तेज दिमाग के शातिर अपराघी होते हैं। ऎसे व्यक्ति दिल के बहुत साफ होते हैं हरेक के साथ सहयोग करने के लिए तैयार रहते हैं। मिलनसार, मृदुभाषी, समाज सेवक, परोपकारी होते हैं। यह व्यक्ति कभी किसी का बुरा नहीं सोचते हैं, सामने वाला व्यक्ति कैसा भी क्यों न हो हमेशा उसे सम्मान देते हैं। सर्वगुण संपन्न होने के बावजूद भी आपको समाज में सम्मान घीरे-घीरे प्राप्त होता है। जीवन के उत्तरार्द्ध में आपको काफी पैसा व पूर्ण सम्मान प्राप्त होता है। जीवन में इच्छाएं सीमित होने के कारण इन्हें जो भी घन व प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। उससे यह काफी संतुष्ट रहते हैं। अंत में यही कहूंगा कि हस्ताक्षर या लिखावट से हमारा सीघा संबंघ मानसिक विचारों से होता है, यानि हम जो सोचते हैं करते हैं। जो व्यवहार मे लाते हैं वह सब अवचेतन रूप में कागज पर अपनी लिखावट व हस्ताक्षर के द्वारा प्रदर्शित कर देते हैं। हस्ताक्षर के अघ्ययन से व्यक्ति अपने भविष्य व व्यक्तित्व के बारे में जानकारी कर सकते हैं और हस्ताक्षर में दिखाई देने वाली कमियों को दूर करते हुए अच्छे हस्ताक्षर के साथ-साथ अपना भविष्य व व्यक्तित्व भी बदल सकते हैं।

Monday, October 19, 2009

हत्या के बाद युवक को जलाया

छावला इलाके में एक व्यक्ति की ईंट व चाकू मारकर हत्या कर दी गई और फिर कार सहित उसे जला दिया गया। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो शव पूरी तरह से जल चुका था। जांच में पुलिस को पता चला कि मामला हत्या का है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच करने के बाद आरोपी राकेश (21) को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि मृतक राजेश उसकी मां से मेल-जोल रखता था। इस पर उसे आपति थी।
पुलिस के अनुसार शुक्रवार की देर रात घुम्मन हेड़ा रोड के पास एक सेंट्रो कार में आग लगने की सूचना मिली थी। मौके पर पुलिस के पहुंचने से पहले आग को बुझाया जा चुका था। कार में सीटों के बीच एक व्यक्ति का शव पूरी तरह से जली अवस्था में पड़ा हुआ था। जांच के दौरान पता चला कि यह कार नंग्ली सकरावती में रहने वाली एक महिला के नाम पर है और उसका बेटा राजेश (39) गाड़ी लेकर गया था। वह इलाके का घोषित अपराधी था। आगे छानबीन करने पर पुलिस को पता चला कि राजेश का एक महिला से काफी मेलजोल था। वह अकसर उससे मिलने के लिए जाता था।इस पर महिला के बेटें आपति करते थे। छानबीन करने के बाद पुलिस ने महिला के बेटे राकेश को गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह राजेश को कई बार घर नहीं आने की चेतावनी दे चुका था। लेकिन वह मानता नहीं था। इसलिए शुक्रवार की रात वह राजेश के साथ गया और दोनों ने शराब पी। शराब पीने के बाद राकेश ने पहले ईंट से और फिर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर राजेश की हत्या कर दी। हत्या करने के बाद राजेश की पहचान मिटाने के लिए उसने सीट का कंवर फाड़ा और फिर गाड़ी में आग लगा दी थी। पुलिस उससे आगे पूछताछ कर रही है।

Saturday, October 10, 2009

हत्यारी पंचायतें

अजय प्रकाश

हर महीने आठ से दस प्रेमियों की हत्या करने वाली मध्ययुगीन बर्बर खाप पंचायतों के खिलाफ हरियाणा में मुकदमा दर्ज करने का इतिहास नहीं है।

मान-सम्मान के नाम पर बलात्कार, हत्या, बेदखली, सामाजिक बहिष्कार और आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाली इन पंचायतों का नेतृत्व ऐसे लोगों के हाथ में है जिन्हें देखकर तालिबान की याद आती है। हरियाणवी समाज में सदियों से पैठी इन तालिबानी मान्यताओं के पूजकों से आधुनिक मूल्यों के साथ खड़ा हो रहा नया समाज थर्राता है।
हरियाणा में पहली बार खाप के एक नेता को एक हत्याकांड के सिलसिले में जेल भेजा गया है। करनाल जिले के बनवाला खाप के नेता सतपाल को मातौर गांव के वेदपाल हत्याकांड मामले में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि खाप पंचायत के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कर पुलिस ने पंचायत को कटघरे में खड़ा होने से हमेशा की तरह फिर एक बार बचा लिया है। फिर भी न्यायालय कानून बनाने के लिए उसी राज्य का मुंह ताक रहा है जिसकी विधानसभा में खाप पंचायतों का सरेआम समर्थन करने वाले प्रतिनिधि बैठे हुए हैं।
राज्य के कानून विशेषज्ञों के मुताबिक छोटी अदालतों से लेकर हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी प्रेमी युगलों की सुरक्षा के आदश से आगे बढ़कर पंचायतों को अवैध घोषित करने या पंचायत सदस्यों के खिलाफ सीधी कार्रवाई करने के बारे में स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं दिये हैं। यहां तक कि प्रेमी युगलों की हत्याओं और सुरक्षा को लेकर पिछले वर्ष उच्च न्यायालय द्वारा गठित उच्चस्तरीय कमेटी ने भी जारी अपनी रिपोर्ट में ऐसा कोई सुझाव नहीं दिया है जिससे खाप या जातिगत पंचायतों के तालिबानी फरमानों पर सीधी चोट हो सके।
कमेटी के सदस्य और चंडीगढ़ उच्च न्यायालय के वरिष्ठ स्थाई अधिवक्ता अनुपम गुप्ता का जवाब है, ‘मैंने जानबूझकर चर्चा नहीं की। सिर्फ जातिगत पंचायतों पर सवाल खड़ा करने से समस्या खत्म नहीं होने वाली।’ कई वकीलों से बातचीत में पता चला कि खाप पंचायतों पर इसलिए मुकदमा नहीं दर्ज किया जा सकता है कि संकट के समय उनकी एक सहयोगी भूमिका होती है। अगर इस आधार पर हम खापों को जायज ठहरायेंगे तो तालिबान के विरोध में कैसे खड़े हो पायेंगे।
कमेटी ने अपने बचाव में यह भी कहा कि कमेटी के गठन होने तक खापों के सीधे हस्तक्षेप जैसे मामले उजागर नहीं हुए थे। लेकिन सच्चाई यह है कि 27 जून 2008 में जब कमेटी का गठन हुआ तो उससे 36 दिन पहले 9 मई को बला गांव में कालीरमन खाप के आदेश पर प्रेमी जोड़े जसबीर और गर्भवती सुनीता की हत्या कर दी गयी थी। इसी तरह 2 अप्रैल को कमेटी की रिपोर्ट पेश होने से 20 दिन पहले 12 मार्च को करनाल जिले के मातौर गांव में बनवाला खाप ने वेदपाल और सोनिया को अलग होने का फरमान सुना दिया था। बाद में 26 जुलाई को वेदपाल की हत्या कर दी गयी।
इसी तरह अगस्त महीने में झज्जर जिले के धाड़ना गांव में रवींद्र और शिल्पा को भाई- बहन बनाये जाने के पक्ष में कादयान खाप का अगस्त के मध्य में चार दिनों का धरना चला। धरने में यह अभूतपूर्व था कि महिलाएं भी शामिल थीं। घोर स्त्री विरोधी इन खाप पंचायतों में महिलाओं का शामिल होना एकदम नयी घटना थी। सैकड़ों की संख्या में पुलिस ड्यूटी बजा रही थी कि कहीं पंचायत रवींद्र के घर में घुसकर आग न लगा दे, हत्या न कर दें। लेकिन किसी पंचायत प्रतिनिधि के खिलाफ इस मामले में कोई मुकदमा नहीं दर्ज हुआ।

हरियाणा पुलिस महानिदेशक विकास नारायण राय भी मानते हैं कि ‘पंचायतों पर शिकंजा कसने के मामले में कोताही बरती जाती रही है।’ पुलिस महानिदेशक को ‘प्रेमी सुरक्षा घर’ योजना से काफी उम्मीदें हैं। उल्लेखनीय है कि हरियाणा पुलिस ने प्रेमी जोड़ों को हत्यारों से बचाने के लिए ‘सेफ होम’ बनाने की घोशणा की है जिसकी देखरेख सीधे पुलिस के हाथों में होगी। लेकिन सवाल है कि हथियारों से लैस दस पुलिस वाले जब कादयान खाप के हमलावरों से वेदपाल को मरने से नहीं बचा सके तो वही पुलिसकर्मी उन घरों को खापों के हमले से कितना सुरक्षित रख पायेंगे। और इससे बड़ी बात है कितने दिन प्रेमी जोड़े गांव-घर से दूर ‘सेफ होम’ में जी पायेंगे।
इन मानवाधिकारों की रक्षा करने वाला दफ्तर मानवाधिकारआयोग’ हरियाणा में नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शब्दों में,‘राज्य में ऐसे आयोग की आवश्यकता नहीं है।’ हां राज्य में महिला आयोग जरूर है जिसकी अध्यक्ष कांग्रेसी नेता सुशीला शर्मा हैं। खापों के खिलाफ आयोग ने किस तरह की कार्यवाई किये जाने की राज्य से सिफारिश की है, उनका जवाब था, ‘टेलीफोन न पर मैं थानों और अधिकारियों को राय सुझाती रहती हूं। महिला आयोग खापों पर शोध कर रहा है। शोध पूरा होने पर फैसला होगा।’
मुख्यमंत्री मानवाधिकार आयोग की जरूरत महसूस नहीं करते, महिला आयोग खापों पर शोध करवा रही है और अदालत की गठित कमेटी की रिपोर्ट में खाप और जातिगत पंचायतों पर कार्यवाही का जिक्र ही नहीं आता। वैसे में जीवनसाथी चुनने का अधिकार हरियाणा में कहां से मिलेगा?

दिल्ली पुलिस का इंसाफ

अजय प्रकाश
गुस्से और बौखलाहट से भर देने वाली ये तस्वीरें आपने देख ली होंगी। ये तस्वीरें दिल्ली प्रेस की अंग्रेजी पत्रिका कारवां से जुड़े पत्रकार जोएल इलिएट की हैं। इससे मिलती-जुलती तस्वीरें हमने इराक के अबू गरेब जेल की देखी थीं। लेकिन यह जेल की नहीं, दिल्ली के सड़कों के जेल बन जाने की बाद की हैं।
पुलिसिया काम के इस नमूने को हम इसलिए देख पा रहे हैं कि यह एक अमेरिकी पत्रकार के साथ किया गया इंसाफ है। पत्रकार जोएल इलिएट पत्रिका कारवां के साथ मई महीने से जुड़े हुए थे। इससे पहले वे न्यूयार्क टाइम्स, द क्रिष्चियन सांइस मानिटर, सैन फ्रांसिस्को, क्राॅनिकल और ग्लोबल पोस्ट के स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर काम करते रहे हैं।
दिल्ली के जंगपुरा की सड़कों पर पुलिस द्वारा पीटे जा रहे एक आदमी को बचाने के चक्कर में खुद षिकार हो गये जोएल फिलहाल अपने देष अमेरिका लौट गये हैं। हमें तो खुषी है वे बेचारे भारत के नहीं हैं, उपर से हिंदी के तो बिल्कुल भी नहीं। नहीं तो पुलिस वाले धमकाकर चुप करा देते, नहीं मानने पर मीडिया घराने का मालिक नौकरी से निकाल देता और बात अगर इससे भी नहीं बनती तो लड़कीबाज, दलाल या रैकेटियर बनाकर रगड़ देते। मौका तो रात का था ही जिसमें यह सब आसान होता।
यहां राहत है कि कारवां पत्रिका के प्रबंध संपादक अनंत नाथ और अमेरिकी दुतावास वाले इस मामले को गंभीरता से उठा रहे हैं। रही बात बिरादरों की तो, सब पूछ रहे हैं कि हम क्या कर सकते हैं......

Monday, July 6, 2009

जनता के लिए खास नहीं रहा बजट

केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी की ओर से सोमवार को पेश किया गया बजट जनता के लिए खास नहीं रहा। उसे बजट में खास जगह नहीं मिली। बजट में विभिन्न टैक्स को कम करने पर जहां खास जोर दिया गया, वहीं उद्योगों की मंदी को लेकर किसी बड़े पैकेज का ऐलान नहीं किया गया। उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार ने टैक्स तो कम कर दिए मगर मंदी से उबरने के लिए कोई बड़ा पैकेज नहीं दिया।बजट में आम वस्तुओं में सरकार ने मोबाइल, वाटर प्यूरीफायर, केबल वायर, ब्रांडेड ज्वेलरी, एलसीडी स्क्रीन आदि के दाम कम किए हैं, वहीं महंगाई को देखते हुए इस बार आम उपभोक्ता वस्तुओं मंे कोई गिरावट नहीं हुई। बुद्धिजीवियों ने बजट को मिला-जुला करार दिया है। उनका कहना कि सरकार ने इस बार सिर्फ टैक्स पर खास ध्यान दिया है। इसमें सरचार्ज, फ्रिंज टैक्स, कापरेरेट टैक्स को हटा दिया गया।

कर्मचारियों का वेतन स्तर बढ़ा :- चार्टर्ड एकाउंटेंट तरुण कुमार गुप्ता ने कहा कि इस बजट से कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होने की संभावना है। मिनिमम वेजेज निर्धारित करने से श्रमिकों को इस बजट से काफी राहत मिल सकती है।अभी मेहनत के बाद भी उन्हें सही वेतन नहीं मिल पाता है। आईसीएआई के प्रधान एसके बंसल ने बजट को मिला-जुला बताया। बजट में फ्रिंज बेनेफिट टैक्स को हटाने का उन्होंने स्वागत किया। माल भाड़े पर सर्विस टैक्स लगाने को उन्होंने गलत बताया।

निराशाजनक रहा आम बजट :- रीयल स्टेट से जुड़े दिव्यंेदु शेखर ने बजट को निराशाजनक बताया। उनका कहना है कि निर्माण के क्षेत्र मंे सरकार ने कोई पैकेज नहीं दिया। इससे मंदी को खत्म होने में समय लगेगा। उद्योगपति शंकर शर्मा का कहना है कि बजट से उद्योगों को खास फायदा नहीं होने वाला। हालांकि अन्य क्षेत्रों में शिक्षा और कृषि में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

बिजली पर नहीं दिया गया ध्यान :- चार्टर्ड एकाउंटेंट संगीत कुमार गुप्ता और संजीव गुप्ता का कहना है कि सरकार को बिजली के मामले में कुछ प्रभावकारी कदम उठाने चाहिए। उद्योगों को इस समस्या से भारी नुकसान हो रहा है। जिले में लगातार बिजली की कमी ने सभी के लिए समस्या पैदा कर रखी है। बजट में बिजली स्रोत को बढ़ाने के कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।

पेट्रो पदाथरें के बढ़े रेट वापस लिए जाएं :- विज्ञापन एजेंसी में काम करने वाले ऋषि का कहना है कि मोबाइल के दाम कम करने से क्या होगा। मोबाइल तो पहले से ही सस्ते थे। सरकार को ईधन के बढ़ाए दामों को वापस लेना चाहिए था। सरकार को महंगाई दर कम करनी चाहिए। हालांकि छात्रों के लिए नई केंद्रीय यूनिवर्सिटी की निर्माण योजना अच्छा कदम है।वहीं मार्केटिंग क्षेत्र से जुड़ी सोनिया का कहना है किसरकार को खाद्य और घरेलू सामानों के दामों में और कमी लानी चाहिए थी। इससे गरीब तबके को राहत मिलती।डाक्टर और वकीलों के ऊपर सर्विस टैक्स लगाने को लेकर दोनों वर्ग ने निराशा जाहिर जताई है। आईएमए के अध्यक्ष डा. अनिल गोयल ने सर्विस टैक्स लगाए जाने पर इलाज के महंगे होने की संभावना जताई है।उन्होंने कहा कि इससे सबसे ज्यादा मार गरीब व मध्यम वर्ग को पड़ेगी। वहीं एडवोकेट अश्विनी त्रिखा ने भी इसे गलत बताया और इससे महंगाई बढ़ने की आशंका व्यक्त की है। हसला के पूर्व प्रधान सुशील कण्वा ने कहा कि आयकर की सीमा पुरुषों के लिए दो लाख, महिलाओं के लिए ढाई लाख और सीनियर सिटीजन्स के लिए तीन लाख होनी थी। आयकर की सीमा जो बढ़ाई गई है वह बहुत कम है।

वकीलों ने की सेवा कर की निंदा:-केंद्रीय बजट में वकीलों पर सेवा कर लगाने की कड़ी निंदा की गई है। पलवल बार एसोसिएसन के सदस्य शिवराम सौरोत व भूप सिंह सौरोत एडवोकेट ने उक्त फैसले की कटु आलोचना की है। उन्होंने कहा कि वकील लोगों को न्याय दिलाते हैं, ऐसे में उन पर सेवा कर लगाना निंदनीय है। सौरोत ने कहा कि वकीलों का कार्य समाज सेवा के दायरे में आता है।वकील प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लोगों की सेवा करते हैं। लोगों को न्याय दिलाना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा सेवा कर लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा जिन लोगों की वकील करने की क्षमता नहीं होती है। ऐसे लोगों के केस वकील मुफ्त लड़ते हैं और उन्हें न्याय दिलाते हैं। साथ ही वकील न्याय पालिका का अहम हिस्सा है।सरकार ने वकीलों पर कर लगाकर उनके साथ कुठाराघात किया है। वकील समुदाय सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध करता है और सरकार से फैसला तुरंत वापिस लेने की मांग करता है।

Monday, June 8, 2009

महिला सांसद पुरुषों से अधिक शिक्षित

नई दिल्ली। भारतीय महिला सांसद अपने पुरुष सहकर्मियों की तुलना में अधिक शिक्षित है और उनके चुनाव में विजयी होने की संभावना भी पुरुषों से अधिक है। एक नए अध्ययन के अनुसार पुरुषों की तुलना अधिक महिला सांसद परास्नातक डिग्रीधारी है।संसदीय शोध को समर्पित एक गैर लाभकारी संस्था 'पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च' के अध्ययन के अनुसार 15वीं लोकसभा की 59 महिला सांसदों में 32 प्रतिशत परास्नातक और शोध डिग्रीधारी है, जबकि पुरुष सांसदों में यह प्रतिशत 30 है। चुनाव में उम्मीदवार बनी 10 प्रतिशत महिलाएं विजयी हुई, वहीं केवल छह प्रतिशत पुरुष प्रत्याशी ही जीतने में सफल हुए।अध्ययन के अनुसार, इस बार लोकसभा में सबसे अधिक महिलाएं है और 545 सदस्यों में उनका प्रतिशत 11 है। राज्यसभा में 10 प्रतिशत और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं की संख्या सात प्रतिशत है।सबसे अधिक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि 29 प्रतिशत महिला सांसदों की संख्या 40 वर्ष के कम है। यह प्रतिशत पिछली लोकसभा से काफी बेहतर है, जिसमें 17 प्रतिशत महिला सांसद 40 वर्ष से कम उम्र की थीं। सभी 59 महिला सांसदों की औसत उम्र 47 वर्ष है, जो पुरुष सांसदों की औसत आयु 54 वर्ष से काफी कम है। किसी भी महिला सांसद की उम्र 70 वर्ष से अधिक नहीं है, जबकि सात पुरुष सांसद 70 साल से अधिक उम्र के है।पीआरएस के अनुसार 40 से 60 वर्ष के आयु समूह के बीच की महिला सांसदों का प्रतिशत इस बार काफी कम हुआ है। वर्ष 2004 में इस समूह की महिला सांसदों का प्रतिशत 73 था जो इस बार घटकर केवल 57 प्रतिशत रह गया। परंतु जहां 14 वीं लोकसभा में 60 वर्ष से अधिक की महिला सांसदों का प्रतिशत 9.8 था वहीं इस बार यह बढ़कर 13.8 प्रतिशत हो गया है।

बेरोजगार पिता ने की 5 बच्चों की हत्या

गाजियाबाद। गरीबी से तंग आकर गाजियाबाद में एक व्यक्ति ने अपने पांच बच्चों की कथित तौर पर हत्या करने और पत्‍‌नी को गंभीर रूप से घायल करने के बाद खुदकुशी की कोशिश की।पुलिस के मुताबिक गाजियाबाद की विजय नगर की रोजी कॉलोनी में रहने वाले 38 वर्षीय रवींद्र वर्मा और उसकी पत्‍‌नी दुर्गावती [35] को पड़ोसियो ने सोमवार सुबह सात बजे के आसपास घायल अवस्था में देखा जबकि दंपति के पांचों बच्चे अंजनी [14], प्रीति [10], मोना [8], देवराज [5] और नौ महीने के लकी का शव घर में पड़े थे।पड़ोसियों से सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने वर्मा और उनकी पत्‍‌नी को अस्पताल में भर्ती करवाया। दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है। क्षेत्रीय अधिकारी आर. के. गौतम ने बताया, 'प्रथम दृष्टया यह अवसाद का मामला लगता है। वर्मा ट्रक चालक था अपने बयान में उसने कहा है कि पिछले दो महीने से वह बेरोजगार था। उसने पहले अपने बच्चों को मारा और फिर पत्‍‌नी एवं खुद को मारने का प्रयास किया।'

Friday, June 5, 2009

लश्कर का शीर्ष कमांडर दिल्ली में गिरफ्तार

नई दिल्ली : नेपाल में रहकर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों को संचालित कर रहा आतंकी मुहम्मद उमर मदनी गुरुवार को दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया। मदनी नेपाल में लश्कर का शीर्ष कमांडर था। उसके पास से पचास हजार के जाली नोट, आठ हजार यूएस डालर और नेपाली मुद्रा के साथ वहां बना ड्राइविंग लाइसेंस व फोन डायरी बरामद हुई है। पुलिस मदनी के दिल्ली आने के मंसूबों का पता लगाने में जुट गई है।दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के उपायुक्त आलोक कुमार के अनुसार जानकारी मिली थी कि नेपाल में भारत विरोधी गतिविधियां चला रहा लश्कर कमांडर मदनी दिल्ली आने वाला है। इस पर इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के जरिए उस पर नजर रखी जा रही थी। पता चला कि वह नेपाल से अलीगढ़ के रास्ते दिल्ली आ गया है। इस पर पुलिस टीम ने गुरुवार शाम उसे कुतुबमीनार के मुख्य गेट के बाहर से गिरफ्तार कर लिया। उपायुक्त ने बताया कि मदनी के पास से पचास हजार के नकली नोट, आठ हजार यूएस डालर व चार हजार की नेपाली मुद्रा बरामद हुई है। इसके अलावा नेपाल का ड्राइविंग लाइसेंस, परिचय पत्र और टेलीफोन डायरी भी मिली है। डायरी में कई फोन नंबर तथा हवाला की जानकारी दर्ज है।उपायुक्त के अनुसार बरामद दस्तावेजों से पता लगाया जा रहा है कि मदनी राजधानी में किससे मिलने आया था। उसका यहां आने मकसद क्या था। सूत्रों के अनुसार मदनी मूल रूप से मधुबनी, बिहार का रहने वाला है। बीस साल से वह नेपाल में रह रहा था। पाकिस्तान में वह आतंकी प्रशिक्षण ले चुका है। वह नेपाल में लश्कर का शीर्ष कमांडर था। उसका काम पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते भारत में आतंकियों को भेजना था। इसके अलावा वह नेपाल में लश्कर और हवाला का सारा काम देखता था। लश्कर के कोषाध्यक्ष जकीउर रहमान से भी वह लगातार संपर्क में था। मदनी को भारत के विभिन्न शहरों में लश्कर के स्लीपर माड्यूल्स तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया था।

Thursday, June 4, 2009

मेरे इतिहास का काला पन्ना है फिजा

पंचकूला। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन उर्फ चांद मुहम्मद ने कहा कि फिजा मेरे इतिहास का काला पन्ना है। वह मनहूस है। जो पत्नी अपने पति पर दुष्कर्म का आरोप लगा सकती है उससे भला और क्या उम्मीद की जा सकती है। इस पूरे प्रकरण में वह अपने विधानसभा क्षेत्र कालका के लोगों से माफी मांगते हैं।

करीब आठ माह बाद विदेश से लौटे चांद ने बुधवार को अपने पंचकुला स्थित आवास पर पत्रकार वार्ता की। कहा कि उन्होंने वकील की सलाह के बाद ही अनुराधा बाली उर्फ फिजा को तलाक दिया है। अब उसका मुझसे कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं की पहले उन्हे फिजा से प्यार हो गया था। बाद में दोनों ने धर्म परिवर्तन करके निकाह भी किया। लेकिन जब फिजा ने उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया, तो वह बर्दाशत नहीं हुआ। इस पर उन्होंने फिजा से नाता तोड़ लिया। विदेश से फिजा को मोबाइल पर तीन बार तलाक कहकर अपने को उससे अलग कर लिया।चांद ने कहा कि जब से वह फिजा के साथ रहने लगे थे तब से वह आर्थिक रूप से कमजोर हो गए थे। घर चलाने के लिए उन्होने अपने मित्रों से उधार लिए। इस प्रकार एकत्रित की एक करोड़ 86 लाख रुपये की राशि घर छोड़ते समय फिजा को दे दी थी। उनके मन मे फिजा के प्रति कोई रंजिश होती तो वह उक्त राशि अपने साथ लेकर जा सकते थे। लेकिन उनका मन सच्चा था इसलिए उन्होंने फिजा को रुपये दिए। उन्होंने कहा कि फिजा उन पर जो आरोप लगा रही है वह एकदम निराधार हैं।एक सवाल के जवाब में चांद ने कहा कि वह फिजा समेत किसी के खिलाफ भी विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। बचपन से ही वह कांग्रेसी हैं। पार्टी का दामन वह कभी नहीं छोड़ेंगे। लेकिन यह भी कहा कि हरियाणा जनहित कांग्रेस [हजकां] ही असली कांग्रेस है। क्योंकि हरियाणा में कांग्रेस चौधरी भजन लाल के नाम से ही जानी जाती है। इस दौरान चांद ने फिजा को चुनौती दी कि वह अपने मुहल्ले में चुनाव लड़कर देख लें। यदि 25 प्रतिशत भी वोट हासिल कर लेती हैं, तो वह सदा के लिए राजनीति छोड़ देंगे।

तलवार से किये ताबड़तोड़ वार, पंजे काट डाले

चरित्र सन्देह को लेकर बुधवार प्रात: तीन बच्चों के पिता ने सुखेर स्थित एक देवरे ले जाकर अपनी पत्नी की तलवार से निर्मम हत्या कर दी। वारदात के बाद अभियुक्त ने स्वयं थाने जाकर समर्पण कर दिया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक शहीद भगतसिंह नगर निवासी सुरेश कुमार (२५) पुत्र गंगाराम प्रजापत आज तड़के करीब ५.३० बजे अपनी पत्नी मांगी बाई (२२) को मोटर साईकल पर सुखेर हाईवे रोड पर भैरूजी के देवरे नारियल चढ़ाने के बहाने ले गया था। जहां उसने पत्नी को बैठा दिया तथा वहां पहले से छिपाकर रखी तलवार निकाल कर पत्नी के सिर व गर्दन पर वार कर दिये। इस अप्रत्याशित हमले से मांगी बाई गिर पड़ी और उसके खून की धारा बह निकली इसके बाद भी युवक ने तलवार से वार करना जारी रखा। पैर व पीठ पर हमले के बाद उसने उसका काम तमाम कर डाला। यही नहीं उसने मांगी बाई के हाथों के दोनों पंजे भी काट डाले।
इस निर्मम हत्या के बाद अभियुक्त ने सीधे सुखेर थाने पहुंच आत्मसमर्पण कर दिया। जब उसने अपनी पत्नी की हत्या करने की बात कही तो स्वयं पुलिस भी भौचक्की रह गई। थानाधिकारी सुमेर सिंह मय जाब्ता अभियुक्त के साथ घटनास्थल पहुंचे जहां मांगी बाई की क्षत विक्षत लाश पड़ी थी। थानाधिकारी सुमेरसिंह ने तुरंत घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को दी। जिस पर डिप्टी (पश्चिम) गोपालंिसंह राठौड़ भी घटनास्थल पहुंचे तथा मौका मुआयना किया। पुलिस ने लाश को मुर्दाघर रखवाया। सूचना पर मृतका के ननिहाल पक्ष के लोग भी मुर्दाघर पहुंच गये थे। पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से मृतका का पोस्टमार्टम करा लाश परिजनों को सुपुर्द की।

Tuesday, May 12, 2009

भुवनेश्वर की दो छात्राओं को नासा का अवार्ड

भुवनेश्वर। अमेरिका के नेशनल एयरोनाटिक्स स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा के स्पेस सेटलमेंट डिजाइन कांटेस्ट-2009में उड़ीसा की दो छात्राओं को सर्वोच्च सम्मान मिला है। ये छात्राएं स्थानीय सेंट जेवियर हाईस्कूल, केदारगौरी और बीजेबी जूनियर कालेज की हैं। 14 देशों के 875 छात्रों ने अंतरिक्ष विज्ञान संबंधी जागरूकता को लेकर 309 प्रकल्पों में उक्त प्रतियोगिता भाग लिया था। इसमें सर्वोच्च पुरस्कार स्वस्तिका भट्टाचार्य और पूजा भट्टाचार्य को मिला है।उक्त दोनों बहनों के प्रकल्प: ओरिशान डिजाइन इनस्पायर्ड सिस्टम एंड एयरो व्हेकिल्स को सर्वोच्च पुरस्कार मिला है। इनके साथ कनाडा के एरिक याम को संयुक्त रूप से यह सम्मान मिला है।दोनों छात्राओं द्वारा उड़ीसा के परशुरामेश्वर, मुक्तेश्वर और लिंगराज मंदिर के स्थापत्य की तर्ज पर एक वक्राकार विमान तैयार कर उसे अंतरिक्ष में भेजने का प्रकल्प तैयार किया गया था। इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए इनके गाइड डा. दीपक भट्टाचार्य ने कहा कि संपूर्ण मौलिक विचारधारा को लेकर इन छात्राओं ने चक्राकार मंदिर के ढांचे में राकेट बनाया है। इसका नाम गजराज रखा गया है। राकेट के ऊपरी हिस्से में अकबर तथा निचले हिस्से में महायान के अंतर्गत ईधन की व्यवस्था की गई है। गाइड ने कहा की गजराज एक वजनदार प्रक्षेपक होने के कारण अंतरिक्ष यान को चंद्रमा तक पहुंचाने में मददगार साबित होगा। इन छात्राओं के प्रकल्प को उच्च स्तरीय प्रकल्प बताया जा रहा है।

आरुषि की बरसी मना तलवार दंपती ने छोड़ा घर

नोएडा । आरुषि हत्याकांड की गुत्थी एक वर्ष बाद भी नहीं सुलझ सकी। लेकिन इसके जख्म अब भी उनके दिलों में हरे हैं, जिनसे संदेह के आधार पर पूछताछ की गई। भले ही किसी पर आरोप साबित न हो सका, लेकिन उन्हें किसी न किसी रूप में आज भी परेशानी उठानी पड़ रही है। आरुषि के माता-पिता तलवार दंपती तो इतना अधिक आहत हुए कि जिस घर में बेटी की याद बसी थी, उसे छोड़ गए।आरुषि के माता-पिता डा. राजेश तलवार और डा. नूपुर तलवार ने नोएडा स्थित एल-32 मकान को हमेशा के लिए छोड़ दिया। वह रहने के लिए दिल्ली चले गए। घर छोड़ने से पहले आरुषि की आत्मा की शांति के लिए दस दिनों पहले यहां उसकी बरसी पर पूजा अर्चना कराई। इसमें खास दोस्तों एवं परिजनों को बुलाया गया। ज्ञात हो कि बेटी के कत्ल के आरोप में जेल से रिहा होने के बाद डा. राजेश तलवार पत्नी नूपुर के साथ काफी दिनों तक एल-ब्लाक स्थित अपनी ससुराल में रहे। कुछ दिनों बाद वह दिल्ली रहने चले गए। इस बीच कभी-कभी इनका एल-32, सेक्टर 25 स्थित घर पर भी आना-जाना लगा रहता था। जिस घर में उन्होंने अपनी बेटी को खोया था, उसमें उनका कभी दिल नहीं लगा।दूसरी ओर, आज भी लोग डाक्टर तलवार के तीनों नौकरों को शक की निगाह से देखते हैं। उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई हो या सीबीआई के पास उनके खिलाफ कोई सबूत न हो, लेकिन बहुत से लोग उन्हें ही दोषी मानते हैं। आरुषि हत्याकांड में डा. तलवार के कंपाउंडर कृष्णा को शामिल मानते हुए गिरफ्तार किया, लेकिन साबित नहीं कर सकी। उसके जीजा भीम बहादुर थापा का कहना है कि कृष्णा की जिंदगी पूरी तरह से तबाह हो गई है। नौकरी की तलाश में वह आज भी दर-दर की ठोकरें खा रहा है। यही हाल डा. दुर्रानी दंपती के नौकर राजकुमार का भी है। जेल से छूटने के बाद वह नेपाल लौट चुका है। उसके चचेरे भाई महेंद्र का कहना है कि नेपाल में उसने नौकरी की काफी तलाश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उधर डा. तलवार के पड़ोसी का नौकर विजय मंडल भी जेल से छूटकर झारखंड चला गया।आरुषि हत्याकांड के वक्त डा. तलवार के घर के आसपास के फ्लैट में काम करने वाले ज्यादातर नौकर व ड्राइवर सीबीआई की पूछताछ के डर से शहर छोड़कर चले गए। जो बचे हैं वो भी दहशत में हैं। कोई भी नया नौकर या ड्राइवर यहां काम करने को तैयार नहीं है। एल 28 का ड्राइवर गजराज भी सीबीआई के पूछताछ करने के बाद ही नौकरी छोड़कर गया था। एक और नौकर जयवीर का कहना है कि हत्याकांड के बाद इस जगह से अपनत्व का भाव ही खत्म हो गया है। मजबूरी में काम करने आना पड़ता है।

आरुषि हत्याकांड-एक नजर में

-16 मई : सुबह डीपीएस छात्रा आरुषि का शव एल 32, सेक्टर 25 स्थित उसके कमरे में मिला। नौकर हेमराज के गायब होने पर पुलिस ने हत्या का शक उस पर जताया

-17 मई : 24 घंटे बाद ही नौकर हेमराज का शव छत पर मिला। सेक्टर-20 थाना प्रभारी और एसपी सिटी का तबादला। एसटीएफ भी जांच में शामिल

-23 मई : आरुषि के पिता डा. राजेश तलवार को दोहरे हत्याकांड का दोषी बताते हुए नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया। मेरठ रेंज के आईजी ने कहा कि आरुषि को नौकर हेमराज के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखकर डा. तलवार ने उसकी हत्या की

-एक जून : सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की। आईजी, डीआईजी व एसएसपी का तबादला

-13 जून : नार्को टेस्ट के बाद सीबीआई ने डा. तलवार के कपाउंडर कृष्णा को गिरफ्तार किया

-27 जून : डा. अनीता दुर्रानी का नौकर राजकुमार गिरफ्तार

-11 जुलाई : सीबीआई ने विजय मंडल को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया। पर्याप्त सुबूत न होने के कारण डा। तलवार को पचास दिन बाद मिली जमानत-9 सितंबर : सीबीआई ने कहा कृष्णा, राजकुमार व विजय मंडल के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं। चार्जशीट दाखिल करने से इन्कार


-12 सितंबर : कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल को मिली जमानत।

प्रधानमंत्री के बयान पर भड़के सिख

नई दिल्ली: दिल्ली में हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल गया। प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने सोमवार को पंजाब में कहा था कि सिख समाज '84 के सिख विरोधी दंगों को भूल जाए। इस मामले का पटाक्षेप हो चुका है। इस बयान से विरोधियों, खासकर शिरोमणि अकाली दल को एक मुद्दा मिल गया है। चूंकि बुधवार को पंजाब में मतदान होना है, इसलिए विरोधी दल इसे हर हाल में भुनाना चाहता है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री के इस बयान को शिरोमणि अकाली दल ने तूल दे दिया। साथ ही प्रधानमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी शिअद नेता व समर्थक डा. मनमोहन सिंह के खिलाफ आग उगल रहे थे। भड़के सिखों ने प्रधानमंत्री को कातिलों का सरदार तक कह डाला।उनका कहना था कि आज सिख होकर प्रधानमंत्री सिखों के कत्लेआम को भुलाने की बात कर रहे हैं। क्या देश को कहेंगे 1947 को भूल जाएं। दंगे में निर्दोष सिख मारे गए थे, किसी का सुहाग उजड़ा तो कई बच्चा यतीम हो गए। डा. मनमोहन सिंह के परिवार या उनके रिश्तेदार इस दंगे के शिकार नहीं हुए इसलिए वह इसे भुलाने की बात कर रहे हैं। अकाली दल के नेता कुलदीप सिंह भोगल, अवतार सिंह हित, जसवीर सिंह काका व महेंद्र पाल सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मानवता व धर्म भूलकर कुर्सी को प्राथमिकता दे रहे हैं। '84 में सिखों का कत्लेआम देश हमेशा याद रखेगा। इसे देश के इतिहास में हमेशा काले अक्षरों में याद किया जाएगा। कत्लेआम की अगुवाई करने वाले जगदीश टाइटलर को सरकार बचा रही है। उन्हें सजा मिलनी चाहिए।

भाजपा ने भी की बयान की आलोचना

प्रधानमंत्री के सिख विरोधी दंगों को भुलाने के बयान की भारतीय जनता पार्टी ने भी आलोचना की। प्रदेश के महामंत्री आरपी सिंह ने कहा कि ऐसा कह कर प्रधानमंत्री ने पद की गरिमा धूमिल की है। साथ ही उन्होंने परोक्ष रूप से भारत की न्यायपालिका पर दबाव भी बनाया है। उन्होंने कहा कि जब '84 के दंगों को सिख कौम भूल सकता तो जालियांवाला बाग में जनरल डायर द्वारा सिखों को गोलियों से उड़ाने की घटना को भी भूल गया होता।

Tuesday, March 31, 2009

गेहूं पर स्टॉक सीमा हटी, खाद्य तेल और चावल पर रहेगी जारी

केंद्र सरकार ने गेहूं पर लगी स्टॉक सीमा को हटा दिया है जबकि चावल और खाद्य तेलों पर लगी स्टॉक सीमा की अवधि को इस साल 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को हुई मंत्रीमंडल की बैठक के बाद इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि अक्टूबर में इस फैसले की समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सरकार के इस फैसले से बाजार में इन जिंसों की आवक बढ़ेगी, जिससे भाव में और कमी आएगी। गौरतलब है कि जमाखोरी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने डेढ़ साल पहले गेहूं पर स्टॉक सीमा लगा दी थी। बाद में तिलहनों और खाद्य तेलों के स्टॉक की भी सीमा तय कर दी गई थी। इस साल मार्च के अंत में इसकी अवधि समाप्त होने पर केंद्र ने जहां खाद्य तेलों और चावल पर लगी स्टॉक सीमा को 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। वहीं गेहूं पर लगी स्टॉक सीमा को हटा दिया है। रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की सचिव वीना शर्मा के मुताबिक स्टॉक लिमिट की वजह से फ्लोर मिलें किसानों से भारी मात्रा में गेहूं की खरीद नहीं कर पाती। लेकिन अब मिलों को गेहूं खरीदने में सहुलियत होगी जिससे घरलू बाजार में कीमतें भी नीचे आ सकेंगी। पिछले साल की तरह इस साल भी गेहूं का बंपर उत्पादन होने से भंडारण की समस्या आड़े सकती है। इस वजह से भी सरकार को यह फैसला लेना पड़ा है। आटा चक्की वालों द्वारा ज्यादा मात्रा में गेहूं की खरीद करने से सरकार को भंडा़रण में आसानी हो सकती है।
मौजूदा समय में स्थानीय बाजारों में गेहूं का भाव करीब 1150-1160 रुपये `िं टल है। अखिल भारतीय अनाज निर्यात संघ के अध्यक्ष डी पी सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त भंडार है, लिहाजा अब बाजार में जमाखोरी के आसार नहीं हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस समय सरकार के पास करीब 2.126 करोड़ गेहूं और 1.528 करोड़ टन चावल का स्टॉक मौजूद है। पिछले साल सरकारी एजेंसिंयों ने करीब 2.26 करोड़ टन गेहूं और 2.849 करोड़ टन चावल की खरीद की थी। इस साल भी इसी मात्रा में अनाजों की खरीद होने की संभावना है। खाद्य तेलों पर लगी स्टॉक सीमा को बढ़ाने का कीमतों पर असर पड़ने के आसार नहीं हैं।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने बताया कि पिछले महीनों के दौरान खाद्य तेलों की कीमतों में काफी गिरावट आ चुकी, सस्ते आयात की वजह से भाव में इजाफे के आसार नहीं हैं। इसके अलावा, सीसीईए ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) में चल रही योजनाओं को चालू पंचवर्षीय योजना के दौरान जारी रखने की अनुमति दे दी है। साथ ही, अन्य योजनाओं को भी जारी रखने पर मोहर लगा दी है। इसके लिए फ्क्क्त्त-फ्क्ख्फ् के दौरान बागवानी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए ख्99.म्ब् करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। आईसीएआर के अंतर्गत चल रही सभी योजनाओं का क्रियान्वयन पहले के अनुसार भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बंगलुरु द्वारा ही किया जाएगा।

Friday, March 27, 2009

बेवफा होती हैं खूबसूरत महिलाएं!

लंदनः खूबसूरत पार्टनर की तमन्ना रखने वालों के लिए बुरी खबर है ! सुंदर महिलाएं अक्सर बेवफा होती हैं

? यह हम नहीं कह रहे , बल्कि ब्रिटेन में हुई एक स्टडी के कुछ यही रिजल्ट हैं।

हालांकि यह बात हर किसी पर फिट नहीं बैठती , लेकिन स्टडी में पाया गया कि अधिकांश खूबसूरत महिलाओं के अवैध संबंध थे। उनकी इस बेवफाई की वजह एक हार्मोन है। रिसर्चर्स ने स्टडी में पाया कि जिन महिलाओं में ओस्ट्रोजन हॉर्मोन की मात्रा अधिक होती है , वह न केवल खूबसूरत होती हैं बल्कि थोड़ी बेवफा भी होती हैं। स्टडी के मुताबिक इस तरह की महिलाओं के काफी लोगों से संबंध होते हैं और वे अक्सर नए संबंध बनाने के लिए तैयार रहती हैं।रिसर्चर्स के मुताबिक अपनी खूबसरती के कारण ऐसी महिलाएं पुरुषों को आसानी से आकर्षित कर लेती हैं। रीसर्च से जुड़ीं टैक्सस यूनिवर्सिटी की डॉ. क्रिस्टीना कहती हैं ,' यदि ऐसी महिलाओं को अच्छे मर्द नजर आते हैं , तो वह अपने पार्टनर के प्रति वफादारी कम ही दिखाती हैं। '

महंगी कार से आओगे तो सीधे दिल में उतर जाओगे

लंदन ।। अगर आप शानदार

ार
में सफर करते हैं तो किसी भी हसीना के दिल तक पहुंचने में आप ज़्यादा वक्त नहीं लगाएंगे। जी हां , यह हम नहीं कह रहे बल्कि यह एक ताज़ा स्टडी की हकीक़त है। स्टडी बताती है कि अगर पुरुष किसी लकदक कार में जलवा बिखेरता है तो वह बड़ी आसानी से किसी भी हसीना का दिल जीत लेता है। यूनिवर्सिटी ऑफ वेल्स के मनोविज्ञानियों ने एक महिला और पुरुष को बारी - बारी से सिल्वर बेंटले कॉन्टिनेंटल कार और फिर रेड फोर्ड फिएस्टा में सफर कराया।

ऐश नहीं, कटरीना बनेंगी बार्बी डॉल

मुंबई में होने जा रहे फैशन वीक
में
कटरीना बार्बी डॉल बनकर रैंप पर उतरेंगी। यह पहली बार है कि कोई इंडियन ऐक्ट्रिस बार्बी डॉल के आउटफिट में नज़र आएंगी। पहले बार्बी डॉल के लिए ऐश का नाम लिया जा रहा था। बार्बी के 50 वें जन्मदिन पर सभी डिज़ाइनरों को बार्बी के आउटफिट डिज़ाइन किए जाने का मौका दिया जा रहा है। बाद में अंतिम विनर को बार्बी डॉल के आउटफिट डिजाइन का मौका दिया जाएगा। फिल्म स्टार कटरीना कैफ इस बार्बी शो की शो स्टॉपर बनेंगी। कैट इस मौके पर काफी खुश दिखीं। कैट ने कहा , ' हर लड़की कभी कभी बार्बी डॉल के साथ खेलती है। इसलिए बार्बी डॉल के आउटफिट में आकर मैं खुश हूं। ' न्यू यॉर्क में मर्सिडीज़ बेंज फैशन वीक में प्रदर्शन के बाद बार्बी अपने 50 वें जन्मदिन पर शुक्रवार को भारत के सबसे बड़े फैशन इवेंट में रैंप पर उतरेगी।

Thursday, March 19, 2009

शिमला में छह मूक बधिर छात्राओं के साथ दुष्कर्म

अंकुर वत्स
शिमला : शिमला की एक स्वयं सेवी संस्था 'प्रेरणा वेल्फेयर एसोसिएशन' के टूटू सेंटर में 6 मूक बधिर छात्राओं के साथ दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। लड़कियों के साथ यह सब पिछले एक-डेढ़ साल से चल रहा था। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ धारा 376 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। पीड़ित लड़कियों को मेडिकल के लिए भेज दिया गया है। दुष्कर्म का यह आरोप संस्थान के समन्वयक-प्राचार्य के अलाव तीन शिक्षकों पर है। दुष्कर्म की शिकार बच्चियां 13 से 21 आयु वर्ग की है।केंद्र में कुल 27 विशेष बच्चे हैं जिनमें से 22 हास्टल में रहते हैं जबकि पांच रोज घरों से आते हैं।पुलिस सूत्रों के अनुसार पीड़ित लड़कियों के साथ पिछले एक साल से उक्त शिक्षक इन लड़कियों के साथ दुष्कर्म करते आ रहे थे। खुलासा तब हुआ जब एक लड़की ने अपने घर पर यह जानकारी दी। लड़की के परिजनों ने इस बारे में पुलिस को शिकायत की जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बुधवार को संस्थान के समन्वयक एवं प्राचार्य विजय कुमार व दो अन्य ट्रेनरों अमरजीत व दिनेश को गिरफ्तार कर लिया। तीनों आरोपी बिलासपुर जिले के घुमारवीं के रहने वाले हैं। चौथे आरोपी विनोद को सरकाघाट (मंडी) में उसके घर से गिरफ्तार किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए तथ्यों को जुटाने के लिए फॉरेसिक लैब जुन्गा की टीम मौके पर पहुंच गई थी।

उक्त स्वयंसेवी संस्था टूटू में अक्षम बच्चों की पढ़ाई के लिए 2004 से केन्द्र चला रही है जहां कुल 27 अक्षम लड़के-लड़कियां हैं। इनमें 12 लड़कियां लड़कियां ठियोग, अर्की, हीरानगर व सुन्नी क्षेत्र की हैं जिनमें से 11 हास्टल में रहती हैं। एक लड़की कसुम्पटी से हर रोज उक्त सेंटर में पढ़ाई के लिए जाती है। अक्षम बच्चों को पढ़ाई करवाने के लिए ंप्रेरणा संस्था को सर्वशिक्षा अभियान के तहत यह प्रोजेक्ट मिला है और 20 बच्चों के लिए प्रतिमाह 30 हजार रुपये मिलते है। एसपी शिमला आरएम शर्मा ने बताया कि टूटू में हुए दुष्कर्म के मामले में मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़ित लड़कियों का मेडिकल करवा दिया गया है और मामले की छानबीन की जा रही है। उधर, मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने स्वयं सेवी संस्था प्रेरणा वेल्फेयर एसोसिएशन के टूटू सेंटर में 6 लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण के मामले में सभी दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। घटना पर दु:ख जताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है व सभी दोषियों को पकड़ा जा चुका है। उनके मुताबिक सरकार इस मामले में तत्काल कार्रवाई की है।

बेटियों से बलात्कार के आरोप में बिजनसमैन गिरफ्तार

मुम्बई के एक बिजनसमैन ने अपनी ही दो बेटियों का हवस का शिकार बनाया और वह लगातार नौ साल से अपनी बडी बेटी का यौन शोषण करता रहा। इस पूरे मामले में दोनों लडकियों की मां ने भी अपने पति का विरोघ नहीं किया और इस पूरे अपराघ में उसकी स्वीकृति रही। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बिजनसमैन ने यह सब एक तांत्रिक के कहने पर किया।
मुम्बई के मीरा रोड पुलिस ने बलात्कारी पिता के साथ लडकियों की मां और तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है। मीरा रोड पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर मुकुद महाजन ने पत्रकारों को बताया कि गुजराती मूल का यह बिजनसमैन अंघेरी में रेडियम प्लेट्स बनाने की यूनिट चलाता है। बिजनसमैन 2000 में एक तांत्रिक के सम्पर्क में आया। उस तांत्रिक ने सलाह दी कि वह अपनी बेटी से यौन संबंघ बनाए तो उसके घर में समृद्धि आ जाएगी। तांत्रिक के बहकावे में आकर उसने अपनी बडी बेटी को हवस का शिकार बनाना शुरू कर दिया, उस समय उसकी उम्र करीब 12 साल थी। इसके बाद से वह लगातार अपनी बडी बेटी का यौन शोषण करता रहा। बिजनसमैन अपनी बडी बेटी का 2000 से लगातार यौन शोषण करता आ रहा था। हाल ही में उसने अपनी 15 वर्षीय छोटी बेटी के साथ भी कुकर्म किया। उसके बाद बडी बेटी का भी सब्र टूट गया और उसने यह बात अपनी नानी और मामा को बताई। इन दोनों के साथ दोनों बहनों ने बलात्कारी पिता और तांत्रिक के खिलाफ मीरा रोड थाने में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।

Monday, March 16, 2009

फर्जी डॉक्टर ने ली मासूम की जान

चंडीगढ़ ravi एक झोला छाप डॉक्टर की दवा खाने से रामदरबार में रहने वाले अमरीक सिंह की तीन साल की मासूम बच्ची की जान चली गई। बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने जम कर हंगामा किया और झोला छाप डॉक्टर के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।रामदरबार के मकान (नंबर 1823) में रहने वाले अमरीक सिंह एक गैस एजेंसी पर काम करते हैं। उनकी तीन साल की बेटी नयन्सी को शनिवार की शाम को उल्टियां होने लगी। बच्ची की हालत बिगड़ती देख परिजनों ने पास में दुकान चलाने वाले एक डॉक्टर को दिखाया। अमरीक के मुताबिक डॉक्टर ने कुछ दवाओं को पीस कर उसकी पांच पुड़िया बनाई और एक-एक पुड़िया दिन में तीन बार बच्ची को खिलाने के लिए कहा। अमरीक ने बच्ची को पहली खुराक दी। लेकिन उल्टी बंद नहीं हुई। उसकी हालत बिगड़ती देख परिजनों ने समझा कि तबीयत ज्यादा खराब है और एक खुराक दवा फिर दे दी।दवा की दूसरी खुराक देते ही मासूम की हालत और नाजुक हो गई हालत में बिलकुल भी सुधार नहीं हुआ और रविवार सुबह उसकी मौत हो गई। बच्ची की मौत के बाद परिजन उक्त डॉक्टर की दुकान पर पहुंचे तो दुकान बंद मिली। परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की लेकिन वह दुकान पर नहीं आया। काफी देर इंतजार करने के बाद लोगों ने दुकान के सामने हंगामा करना शुरू कर दिया। कुछ लोग बच्ची के पिता अमरीक सिंह और उसके रिश्तेदारों के साथ इंड्रस्टियल एरिया पुलिस स्टेशन पहुंचे। वहां डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई।

डिग्री फर्जी, रजिस्ट्रेशन भी नहीं, पर बने हैं डॉक्टर:-चंडीगढ़. डिग्री फर्जी है। रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। बावजूद इसके झोला छाप डॉक्टरों की दुकानें चल रही हैं। क्योंकि इन पर कार्रवाई से पहले कोर्ट जाना पड़ेगा। वहां सिद्ध करना पड़ेगा कि डॉक्टर साहब की डिग्री फर्जी है। इस लिए स्वास्थ्य विभाग की चेकिंग फॉर बोगस डॉक्टर्स कमेटी के सदस्य चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते और झोला छाप डॉक्टरों की दुकानों में इजाफा होता रहता है।सूत्रों के मुताबिक इस टीम के सदस्य सबसे पहले डॉक्टर की डिग्री की जांच-पड़ताल करते हैं। अगर डिग्री फर्जी होती है तो मामला कानूनी सलाह के लिए कानून विभाग के पास भेज दिया जाता है। वहां से मामले को कोर्ट में ले जाने की सलाह मिलती है। चंडीगढ़ के तमाम झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ मामला कोर्ट में है और वे प्रैक्टिस भी कर रहे हैं।उल्लेखनीय है कि शहर भर में सौ से भी ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बाकायदा उनकी सूची भी बना रखी है। लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। और ये झोला छाप डॉक्टर रोजाना मरीजों की जान से रोजाना खिलवाड़ करते हैं। उनके गलत इलाज से कई बार मरीजों की जान भी जा चुकी है। इनमें से अधिकतर डॉक्टरों के पास कोई वैधानिक डिग्री नहीं है। वे किसी फर्जी यूनिवर्सिटी अथवा कॉलेज से कुछ पैसे देकर ये कथित रूप से डिग्री हासिल कर लेते हैं। उसके बाद प्रैक्टिस शुरू कर देते हैं। कई डॉक्टर तो ऐसे हैं, जिन्होंने बिहार के किसी क़ॉलेज से डिग्री खरीदी है। वहां के कॉलेज डिग्री देने के बाद उनका वहीं के पते से प्रांतीय काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करा देते हैं ।

मैजिक एंड रैमिडी एक्ट हवा में:-प्रशासन ने जादू टोने और भ्रामक प्रचार से मरीजों को अपनी ओर आकर्षित कर इलाज करने पर उनके खिलाफ मैजिक एंड रैमिडी एक्ट के दंड का प्रावधान किया है। लेकिन हैरत की बात है कि इस एक्ट के तहत अभी तक कोई ऐसी कार्रवाई नहीं हुई, जिससे कि मरीजों की जान से हो रहे खिलवाड़ को रोका जा सके।

पहले भी हुई हैं मौतें:-तीन साल की मासूम नयन्सी पहली मरीज नहीं है, जिसकी जान झोला छाप डॉक्टर के इलाज की वजह से चली गई हो। कजेहड़ी में प्रसव के दौरान एक झोला छाप डॉक्टर ने पीड़िता की जान ले ली थी। इससे पहले हल्लो माजरा के एक रिक्शा चालक के सिर में चोट लगने के बाद में उसने रामदरबार के एक झोला छाप डॉक्टर से इलाज कराया, और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

वरुण गांधी पर भड़काऊ भाषण देने का मामला

पीलीभीत. चुनाव आयोग ने रविवार को भाजपा के युवा चेहरे वरुण गांधी को निर्वाचन क्षेत्र में भड़काऊ भाषण देने के मामले में नोटिस जारी किया। वरुण पीलीभीत से लोकसभा के लिए भाजपा के उम्मीदवार हैं। चुनाव आयोग ने उनसे तीन दिन में जवाब मांगा है।स्थानीय प्रशासन के सूत्रों के अनुसार वरुण गांधी ने शनिवार को यह भाषण दिया था तथा इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवा दी गई है। उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, कांग्रेस सांसद राजेश मिश्रा तथा राज्य में सत्तारूढ़ बसपा के बस्ती जिला अध्यक्ष कृपाशंकर को आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में नोटिस जारी कर चुका है।

Saturday, March 7, 2009

प्यार के लिए अपनाएँ कमजोरी भी


निर्मेश त्यागी
हर व्यक्ति अपने प्यार और साथी की एक छवि बनाकर रखता है और जीवन में जब भी कोई व्यक्ति उसे इस छवि से मिलता-जुलता मिलता है तो वह उसकी ओर आकर्षित होने लगता है। दोनों ही एक-दूसरे की पसंद-नापसंद का ध्यान रखते हैं और बेहद करीब आ जाते हैं। दिन बीतने के साथ ही औपचारिकत
ाएँ खत्म होने लगती हैं और दोनों खुलकर एक-दूसरे के सामने आने लगते हैं। फिर एक दिन जब आप अपने साथी की किसी ऐसी आदत, मानसिकता, व्यवहार या कुंठा आदि से अचानक रूबरू होते हैं, जिनकी आपने अपेक्षा नहीं की थी, तो आप हतप्रभ-से रह जाते हैं। इस वक्त आप बड़ी मुश्किल से अपनी नफरत छुपा पाते हैं। आप उससे दूर होने की सोचने लगते हैं पर हो नहीं पाते हैं क्योंकि उस एक कमजोरी के अलावा उसकी बाकी शख्सियत आपको अच्छी लगती है। उसका साथ अच्छा लगता है। ऐसे में उस प्यार को कैसे बरकरार रखा जाए? अपने प्यार करने वालों की कमजोरियों को समझते हुए उसे स्वीकार करना फायदेमंद लव-मंत्र है।
जीवन के हर पहलू में हम एक आदर्श स्थिति को मापदंड बनाकर चलते हैं। उस धरातल पर जब कुछ खरा नहीं उतरता है तो हमें बड़ी निराशा मिलती है और हम उसके आलोचक बन जाते हैं। जीवन का कौन-सा ऐसा क्षेत्र है जहाँ हमें शिकायत नहीं रहती? माँ-बाप से लेकर बच्चे, यार-दोस्त हर किसी में हमें नुक्स दिखते हैं किंतु हम इसके बावजूद काम चलाना सीख जाते हैं। दरअसल, उनकी कमजोरियों को अनदेखा कर हम उनके साथ खुश होने के रास्ते ढूँढ़ लेते हैं।
सच तो यह है कि जिस प्रकार दूसरे हमें परिपूर्ण नहीं लगते हैं उसी प्रकार हम भी दूसरों के लिए आदर्श नहीं हो सकते हैं। दोनों ही इस सच्चाई को स्वीकार करते हुए आगे चलते हैं तो प्यार की गाड़ी सुचारू रूप से चलती जाती है अन्यथा एक-दूसरे की कमियाँ गिनाने का सिलसिला चल पड़ता है। यह बताने की जरूरत नहीं कि कमियाँ बताना अपने-आप में एक कमजोरी व कमी है। इस तू-तू, मैं-मैं का अंजाम क्या होता है यह हम सभी जानते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि हम जिसे प्यार करते हैं, उसे मन ही मन पूजना चाहते हैं पर कमियों से दो-चार होने के बाद हमारा सपना टूटने लगता है और हमारे मन में प्यार करने वाले के प्रति आदर कम होने लगता है। अगर सब्र और समझदारी से काम लें तो यह मनोदशा थोड़े ही दिनों में सुधर सकती है। जाति, धर्म, म हिला-पुरुष, वर्ग-व्यवस्था आदि से संबंधित विचारों एवं पूर्वाग्रहों से भी आप विचलित से हो जाते हैं पर इस आधार पर रिश्ता तोड़ देना कोई अक्लमंदी नहीं है। हाँ, दोनों को ही एक-दूसरे के साथ विचारों का आदान-प्रदान खुले दिल से करना चाहिए। हो सकता है सामने वाले के पूर्वग्रह आपके अन्य विचारों के कारण धीरे-धीरे समाप्त या कम हो जाए। हम हर रोज ही जीना सीखते हैं। प्यार में आगे बढ़ने का यह मूल मंत्र है।
कई लोग बिल्कुल ही अव्यविस्थत से होते हैं तो कुछ जरूरत से ज्यादा ही व्यवस्थित होते हैं। कोई खूब फिजूलखर्ची होता है तो कोई बिल्कुल कंजूस। कोई सेहत को लेकर बेहद जागरूक है तो कोई बेइंतहा लापरवाह है। कोई व्यावहारिक है तो कोई अतिभावुक एवं संवेदनशील। पर ये सारी खूबियाँ या कमियाँ ऐसी नहीं हैं कि इनके लिए बहुत ज्यादा हाय-तौबा मचाई जाए। यदि हमारे नजरिए में व्यापकता है तो हम अपने साथी की कमजोरियों को बहुत ही सम्मान के साथ स्वीकार कर सकते हैं। ऐसा करने से रिश्ते को मजबूती मिलती है। कई बार दूसरे की कमजोरियाँ ही आपके जीवन में नए आयाम जोड़ती है। मिसाल के तौर पर यदि आप फिजूलखर्च हैं तो आपके साथी की कंजूसी आप पर भी अंकुश लगाने का काम करती है और आप पैसे का सही उपयोग करना सीखते हैं। यदि आप हर बात को लेकर अति चाक-चौबंद रहते हैं तो दूसरे की बेफिक्री से थोड़ी राहत में रहना भी सीखते हैं। जिंदगी का मजा बुत के साथ जीवन जीने में नहीं है बल्कि विविधता में एकरूपता महसूस करने में है। हाँ, ऐसी कमजोरी जिससे आपका जीना दुश्वार हो रहा हो, दिन-रात तनाव रहता हो, शारीरिक व मानसिक हानि पहुँच रही हो तो बेशक उस रिश्ते से किनारा कर लें। कमजोरियों का उलाहना देने के बजाय उसे स्वीकार करते हुए, मुस्कुराते हुए रिश्ते को निभाना बहुत ही अच्छा लव-मंत्र है।

छह बलात्कारी शिक्षकों को उम्रकैद

पाटन में एक विशेष अदालत ने प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के छह शिक्षकों को एक छात्रा के साथ बलात्कार के मामले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पाटन के कॉलेज का यह मामला पिछले साल फरवरी में सामने आया था, जब 19 वर्षीय छात्रा ने अपने घरवालों को इस संबंध में जानकारी दी। दोषी शिक्षकों को चार-चार हजार रुपए का अर्थदंड भी किया गया है। अदालत ने पीड़ित छात्रा को 60 हजार रुपए मुआवजे के रूप में देने का भी निर्देश दिया है।

Thursday, March 5, 2009

कार लूट कर भाग रहे दो बदमाश मुठभेड़ में ढेर

इंदिरापुरम (गाजियाबाद)। पुलिस ने बुधवार को तड़के क्वालिस लूटकर भाग रहे दो बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया, जबकि उनके दो साथी भाग निकले। पुलिस ने मारे गये बदमाशों के कब्जे से लूटी गयी कार, दो तमंचे व सात सौ रुपये बरामद किये हैं। मौके से आठ खाली कारतूस भी मिले हैं। मुठभेड़ में एक दारोगा भी घायल हुए। मारे गये बदमाशों की शिनाख्त नहीं हो सकी है। एसएसपी ने मुठभेड़ में शामिल पुलिस टीम को ढाई हजार रुपये का इनाम देने का एलान किया है।पुलिस के मुताबिक नयी दिल्ली की जाकिर नगर कालोनी निवासी नौशाद मंगलवार को देर रात सहारनपुर में अपनी बहन ताहिरा से मिलकर घर लौट रहा था। रात्रि करीब बारह बजे इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के वसुंधरा सेक्टर-दस में रेड लाइट पार करते ही उसकी क्वालिस कार के सामने एक युवक लहराता हुआ आया और गिर गया। नौशाद कार से उतरकर उसे देखने पहुंचे तभी तीन बदमाशों ने उनको तमंचे व चाकू लगा दिये। नौशाद ने चाकू हाथ में पकड़ने की कोशिश की, जिससे उसका एकहाथ जख्मी हो गया। चारों बदमाश नौशाद के मुंह में कपड़ा ठूंसकर गाड़ी में डालकर ले गये और हिंडन नदी के निकट उसे फेंककर भाग निकले। बाद में किसी तरह नौशाद ने हिंडन पुलिस चौकी जाकर लूट की सूचना दी।जानकारी पर पुलिस फोर्स ने नाकेबंदी करते हुए वाहनों की चेकिंग कराना शुरू किया। बुधवार सुबह करीब साढ़े चार बजे एक क्वालिस कार तेज रफ्तार से आती दिखी, जिसे पुलिस ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन बदमाश पुलिस दल पर फायर कर एनएच-24 की ओर भाग निकले। पुलिस ने भी बदमाशों का पीछा किया और छिजारसी मोड़ से कनावनी कच्चे मार्ग पर दोनों ओर से फायरिंग हुई जिसमें दो बदमाश मारे गये, जबकि उनके दो साथी फरार हो गये।

मुठभेड़ के बाद बवाल, चौकी फूंकी


इंदिरापुरम (गाजियाबाद), जागरण संवाद केंद्र : बुधवार को तड़के क्वालिस कार लूट कर भाग रहे दो बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराने के बाद भीड़ ने करीब डेढ घंटे तक जबरदस्त बवाल काटा। उत्तेजित लोगो ने नया बस अड्डा की पुलिस चौकी पर तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी। जीटी रोड पर पुलिस की जीप समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। कंट्रोल रूम को तहस-नहस कर दिया। पुलिस वालों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। दरोगा ने भागकर किसी तरह जान बचाई। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और घायल पुलिसकर्मियों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। तनाव के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी बल तैनात है।उपद्रव शाम को हुआ। सुबह मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों के शव शाम को जिला अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए लाए गए थे। वहां करीब दो सौ लोगों की भीड़ पहुंच गई व शव देखकर उत्तेजित हो गई। लोगों ने फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाकर पुलिस पर हमला कर दिया। पंचनामा भर रहा उपनिरीक्षक किसी तरह जान बचाकर भागा, मगर इंदिरापुरम थाने के दो कांस्टेबल सतीश त्यागी व विपिन भीड़ के हत्थे चढ़ गए। आक्रोशित लोगों ने इन्हें बुरी तरह पीटा। मौके से भागे दरोगा ने घटना की जानकारी आलाधिकारियों को दी।

उधर आक्रोशित भीड़ पैदल ही नया बस अडडा पहुंच गई। भीड़ ने नया बस अड्डा पुलिस चौकी पर तैनात स्टाफ पर पथराव कर दिया। यहां मौजूद स्टाफ अपनी जान बचाकर भागा। इसके बाद भीड़ ने चौकी में तोड़फोड़ की व आग लगा दी। वहां खड़ी चार मोटर साइकिलों व एक स्कूटर को भी आग के हवाले कर दिया। भीड़ ने वाहनों पर पथराव किया। कई प्राईवेट बसों के शीशे तोड़ डाले। आक्रोशित लोगों का यह रेला बाद में मेरठ रोड तिराहा स्थित यातायात पार्क में बने पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचा। चौराहे पर डयूटी दे रहे यातायात पुलिस के कांस्टेबल मुकेश कुमार ने बताया कि करीब दो सौ लोगों की भीड़ ने एकाएक पथराव करते हुए धावा बोल दिया और मारपीट शुरू कर दी। वह किसी प्रकार अपनी जान बचाकर भागा। लोगों की भीड़ कंट्रोल रूम में घुस गई। यहां पूरे फर्नीचर, वायरलेस सेट, टेलीफोन व टीवी को तोड़ डाला। आंगन में खड़े दुपहिया वाहनों को आग लगा दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस की एक जीप को भी लोगों की आक्रोशित भीड़ ने आग लगा दी। पुलिस व पीएसी बल के पहुंचने पर भीड़ वहां से भाग चुकी थी। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस बवाल से आम लोगों में दहशत छा गया। देर शाम तक पुलिस मुख्य मार्गो व बाजारों में गश्त कर रही थी।दिन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिल कुमार ने पुलिस लाइन में संवाददाताओं को बताया था कि मुठभेड़ में दो बदमाश मारे गए हैं। इनके कब्जे सेलूटी गई कार, दो तमंचे व दोनों की जेब से सात सौ रुपये बरामद किए हैं। मौके से आठ खाली कारतूस भी मिले हैं। मुठभेड़ में वैशाली चौकी प्रभारी एच.एन.सिंह भी घायल हो गए। एसएसपी ने मुठभेड़ में शामिल पुलिस टीम को ढाई हजार रुपये का ईनाम देने की घोषणा की थी।उन्होंने बताया था कि नई दिल्ली की जाकिर नगर कालोनी निवासी नौशाद मंगलवार को देर रात सहारनपुर में अपनी बहन ताहिरा से मिलकर घर लौट रहा था। रात्रि करीब बारह बजे इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के वसुंधरा सेक्टर-दस में रेड लाइट पार करते ही उसकी क्वालिस कार के सामने एक युवक आकर गिर गया, जब नौशाद ने कार से उतरकर उसे देखने का प्रयास किया तभी तीन बदमाशों ने उसको तमंचे व चाकू से काबू कर हिंडन नदी के निकट उसे फेंक दिया और कार लेकर फरार हो गए। बाद में किसी तरह नौशाद ने हिंडन पुलिस चौकी जाकर लूट की सूचना दी। इंदिरापुरम थाना प्रभारी जितेंद्र कालरा ने पुलिस फोर्स के साथ चेकिंग शुरू कर दी, सुबह करीब साढ़े चार बजे छिजारसी मोड़ से कनावनी कच्चे मार्ग पर बदमाशों से मुठभेड़ हुई, जिसमें दो बदमाश मारे गए, जबकि उनके दो साथी फरार हो गए। एसपी सिटी अनंत देव के अनुसार मारे गए बदमाशों की पहचान फिरोज पुत्र अनीश व रईस पुत्र अजीज के रूप में हुई है। दोनों ही युवक मूल रूप से कोतवाली नगर क्षेत्र की चमन कालोनी के रहने वाले थे। अनंत देव का यह भी कहना है कि रईस पर चोरी व चोरी के माल बरामद होने का एक मामला सिहानी गेट थाने में दर्ज था।

Wednesday, March 4, 2009

हफ्ते में 3 बार सेक्स, खुशहाल जिंदगी का राज

हफ्ते में तीन बार सेक्स करें और अपनी शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल बनाएं। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह बात एक नए रिसर्च से सामने आई है। इस रिसर्च में कहा गया है कि अगर आप अपनी शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल बनाना चाहते हैं , तो हफ्ते में तीन बार सेक्स करें और हर दिन 4 बार अपनी बीवी या पति को किस करें। हैपी मैरिज लाइफ के लिए अपनी पत्नी या पति को रोज एक बार आई लव यू कहना भी जरूरी है। इसके अलावा अगर प्रत्येक दिन अपने पार्टनर को कम से कम तीन बार गले लगाते हैं और महीने में दो बार उसके साथ रोमांटिक अंदाज में भोजन करते हैं , तो आपकी मैरिज लाइफ में सिर्फ और सिर्फ खुशी ही होगी दूर तक गम का नामोंनिशां तक नहीं होगा।
डॉ बी.पी.सिंह परयाग ओस्स्पिटेल नॉएडा


पुलिस के साए में निकली प्रिंसी की अंतिम यात्रा

गंजबासौदा.princhiकड़ी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंगलवार को इंजीनियरिंग की छात्रा प्रिंसी जैन की अंतिम यात्रा निकाली गई। शाम चार बजे पारासरी नदी स्थित श्मशान घाट पर गमगीन माहौल में भाई सौरभ ने प्रिंसी की चिता को मुखाग्नि दी। सोमवार को भोपाल के एमपी नगर मुख्य बाजार में एक युवक ने प्रिंसी जैन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद प्रिंसी के परिजनों ने विरोध स्वरूप एक सराफा दुकान सहित आरोपी के घर पर तोड़-फोड़ की थी। तनाव की स्थिति बनने पर वहां पुलिस बल तैनात करना पड़ा था।प्रशासन को आशंका थी कि जब प्रिंसी का शव गंजबासौदा आएगा तो अप्रिय स्थिति बन सकती है। इसलिए जिले भर के थानों और भोपाल से बड़ी संख्या में पुलिस बल को बासौदा बुलवा लिया गया था।

अस्पताल के सामने हुई नारेबाजी:-जैसे ही प्रिंसी की अंतिम यात्रा सरकारी अस्पताल के सामने स्थित थाने के समीप पहुंची तो वहां शवयात्रा को रोक दिया गया। शवयात्रा में शामिल आक्रोशित लोग नारेबाजी करने लगे। यहां पर एसडीएम नरेंद्र त्रिवेदी व नगर निरीक्षक वीरेंद्र मिश्रा ने समझाने का प्रयास किया। आक्रोशित लोगों ने हत्या के आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ ही उसको संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए पूर्व नपाध्यक्ष कंछेदीलाल जैन के विरुद्ध मामला दर्ज करने की मांग की।

हर जगह पुलिस के जवान तैनात:-गांधी चौक से जैसे ही शव यात्रा उठी उसको पुलिस वाहन में बैठे सुरक्षा कर्मी कवर करते आगे बढ़े। शवयात्रा के साथ और पीछे भी पुलिस के वाहन चल रहे थे। अंतिम यात्रा के दौरान पुलिस प्रशासन को अप्रिय घटना की आशंका थी। इसी आशंका के कारण रास्ते भर सशस्त्र पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था।

श्मशान घाट पर हुआ विवाद:-श्मशान घाट पर उस समय विवाद की स्थिति बन गई जब किराना व्यापार संघ के अध्यक्ष और व्यापार महासंघ के सचिव शांतिप्रकाश ओसवाल वहां पहुंच गए। आक्रोशित लोग उनसे विवाद करने लगे। स्थिति बिगड़ते देख लोगों ने हस्तक्षेप किया। बाद में श्री ओसवाल वक्त की नजाकत समझकर वहां से चले गए।

प्यार में पगलाए युवक ने छात्रा को गोली मारा

भोपाल.murderएमपी नगर जैसे व्यस्ततम इलाके में सोमवार शाम कोचिंग सेंटर के पास छात्रा की हत्या की खबर से सनसनी फैल गई। यह वह समय था जब इस क्षेत्र में दो दर्जन कोचिंग सेंटर्स में हजारों छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए आते हैं, साथ ही कारोबार के लिए भी इसी समय बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। भीड़भाड़ भरे इस इलाके में खुलेआम हत्या कर आरोपी के फरार हो जाने से पुलिस की चौकसी पर भी सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं।

पीछा करता था सुलभ:-गंजबासौदा निवासी प्रिंसी जैन इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष में आईटी की छात्रा थी। कालेज में प्रवेश लेने के बाद से वह इसी हॉस्टल में रह रही थी। सुलभ उसे हाल ही में दो दिन से परेशान कर रहा था। उसका पीछा कर बात करने की कोशिश करता था। इसकी शिकायत प्रिंसी ने हॉस्टल संचालक प्रवीण सक्सेना से की थी। श्री सक्सेना ने उसकी शिकायत एमपी नगर पुलिस में करने की सलाह दी थी। इसके पहले वह एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को इस शिकायत भी कर चुकी थी। बावजूद इसके इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने प्रिंसी के बेग से एक पत्र बरामद किया है। हॉस्टल संचालक प्रवीण सक्सेना ने बताया कि प्रिंसी ने उन्हें बताया था कि सुलभ जैन नामक युवक उसे दो दिन से परेशान कर रहा था। श्री सक्सेना के कहने पर प्रिंसी ने एमपी नगर थाने में सुलभ के खिलाफ शिकायत करने के लिए आवेदन तैयार किया था। शाम को वह श्री सक्सेना के साथ एमपी नगर थाने शिकायत करने जाने वाली थी। इसके पहले वह कोचिंग सेंटर के लिए निकल गई और सुलभ ने पीछे से आकर पीठ में गोली मार दी। पीठ में लगी गोली हृदय में फंस गई।

डरी-सहमी हैं छात्राएं:-प्रिंसी के एमपी नगर जोन टू स्थित हॉस्टल में जब उसकी मौत की खबर पहुंची तो छात्राएं बदहवास सी हो गई। उन्हें प्रिंसी की मौत ने हिला कर रख दिया। डरी सहमी छात्राएं झुंड बनाकर बैठी आपस में चर्चा करती रहीं।

ट्रैफिक जाम से इलाज में देरी:-घटना के बाद जमीन पर अचेत तड़प रही प्रिंसी को नजदीक ही निजी अस्पताल ले जाने में 15 से 20 मिनट का समय लगा। प्रिंसी ने अस्पताल के गेट पर ही दम तोड़ दिया। महज 150 मीटर के फासले में लंबा समय लगने के लिए एमपी नगर की सड़कें और बिगड़ैल पार्किग व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। सड़क के किनारे बेतरतीब खड़ी रहने वाली गाड़ियों की वजह से शाम 5 से रात 8 बजे तक वाहन धीमी गति से रेंगते हैं।दो-दो कदम की दूरी पर वाहनों का जाम लग जाता है। जिस आटो से प्रिंसी को लाया गया था, वो भी कई बार जाम में फंसा रहा। जैसे-तैसे बाहर की सड़क से होकर आटो चालक अस्पताल पहुंचा। अस्पताल के सामने भी खड़ी बेतरतीब खड़ी गाड़ियों की वजह से स्ट्रैचर लगाने में भी परेशानी हुई।

लाल कपड़े में लाया था रिवाल्वर:-प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आरोपी सुलभ उर्फ बिटटू लाल रंग के कपड़े में रिवाल्वर छिपाकर लाया था। कोचिंग के नीचे खड़े होकर प्रिंसी ऊपर किसी अपने दोस्त से मोबाइल पर क्लास शुरू होने का समय पूछ रही थी। बात खत्म होने के बाद प्रिंसी मोबाइल देख रही थी कि अचानक पीछे से सुलभ ने उसे गोली मार दी।

Monday, January 12, 2009

वसंत के आगमन की खुशी का पर्व है लोहड़ी

हाड़ कँपा देने वाली सर्दी के बीच वसंत आने की खुशी में पंजाब और आसपास के क्षेत्रों में मनाया जाने वाला लोहड़ी पर्व रात में आग जलाकर सामूहिक नाच-गाना तथा मूँगफली, पॉपकार्न और रेवड़ी खाने-खिलाने का त्योहार है। पारंपरिक मान्यता के अनुसार लोहड़ी पौष मास के अंत में मनाई जाती है। प्रायः यह पर्व सूर्य के उत्तरायण में होने के साथ मकर संक्रांति के आसपास पड़ता है। सूर्य के उत्तरायण होने का अर्थ है जाड़े में कमी।
दिल्ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारे रकाबगंज के मुख्य ग्रंथी गुरुचरण सिंह ने बताया कि लोहड़ी मुख्यतः नई फसल के आने और वसंत की शुरुआत का पर्व है। इस बार लोहड़ी नानकशाही कैलेंडर के अनुसार आज (सोमवार) और पुराने मत के अनुसार कल (13 जनवरी को) मनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि सिख धर्म में कोई भी पर्व सोग (शोक) में नहीं मनाया जाता। लोहड़ी तो खैर नाच-गाने का पर्व है ही। उन्होंने बताया कि इस दिन लोग विभिन्न सरोवरों और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान करते हैं। इसके अलावा वे गुरुद्वारों में जाकर मत्था टेकते हैं। दिल्ली के शीशगंज गुरुद्वारे के वरिष्ठ ग्रंथी ज्ञानी हेमसिंह ने बताया कि लोहड़ी शब्द दरअसल तिल और गुड़ से निर्मित रोड़ी से बना था। मूल में यह शब्द तिलोड़ी था और बाद में यह शब्द बदलकर लोहड़ी हो गया। उन्होंने कहा कि लोहड़ी एक सामुदायिक त्योहार है जिसे सब लोग मिलकर मनाते हैं लिहाजा इसका धर्म से बहुत लेना-देना नहीं है। सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही सर्द हवाओं में गर्मी आने लगती है। ये हवाएँ शिराओं में रक्त संचार बढ़ा देती हैं। इस वजह से मनुष्यों में स्वाभाविक खुशी और मस्ती बढ़ने लगती है। लोहड़ी दरअसल इसी मस्ती की शुरुआत का पर्व है। पंजाब की लोककथाओं के अनुसार मुगल शासनकाल के दौरान एक मुसलमान डाकू था दुल्ले भट्टी। उसका काम था राहगीरों को लूटना, लेकिन उसने हिन्दू लड़कियों का विवाह करवाया। इसके बाद से दुल्ला भट्टी जननायक बन गया। लोहड़ी के अवसर पर लड़के-लड़कियाँ आग के सामने नाचते समय जो लोकगीत गाते हैं उनमें इसी दुल्ले भट्टी का जिक्र बार-बार आता है।
ग्रामीण जीवन के इस सामूहिक पर्व लोहड़ी पर बच्चे घर-घर जाकर माँगते हैं। इस दौरान लोकगीत गाने वाले बच्चों को लोग आग जलाने के लिए लकड़ियाँ, रेवड़ी, मूँगफली और पॉपकार्न आदि देते हैं। रात्रि के समय आग जलाई जाती है तथा सभी लोग इस अग्नि की परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा करते समय सभी लोग आदर-सम्मान पाने और दरिद्रता एवं गरीबी दूर होने की प्रार्थना करते हैं। लोहड़ी पर जलती आग के समक्ष महिलाएँ और बच्चे लोकगीत गाते हैं और नाचते हैं। इसके बाद लोगों को लोहड़ी के प्रसाद के रूप में गजक, मूँगफली और रेवड़ियाँ बाँटी जाती हैं। पंजाबी एवं सिख परिवारों में नवविवाहित जोड़े के लिए पहली लोहड़ी का विशेष महत्व होता है। इस दिन नए परिधान पहनकर नवविवाहित दंपति लोहड़ी की आग की पूजा करते हैं तथा परिवार एवं बुजुर्ग लोगों का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं। नवजात बच्चे की पहली लोहड़ी को भी विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन नवजात बच्चे की माँ उसे गोद में लेती है तथा घर के सभी सदस्य उसे उपहार देते हैं। रात में बच्चा और माँ को अग्नि के पास ले जाया जाता है और उसकी पूजा करवाई जाती है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचलप्रदेश के कुछ हिस्सों एवं दिल्ली में मनाया जाने वाला लोहड़ी पर्व दरअसल ग्रामीण भारत एवं लोकजीवन की उत्सव प्रियता की एक झलक है। सर्दी के मौसम में आग के समक्ष नाचना-गाना भला किसको अच्छा नहीं लगेगा और यह मौका अगर लोहड़ी के रूप में मिले तो मजा दुगना हो जाता है।





कांग्रेस की निगाह अब प्रियंका पर

मुरादाबाद लोकसभा सीट से प्रियंका गाँधी को मैदान में उतारने की स्थानीय कांग्रेसी नेताओं की माँग के बीच पार्टी ने आज कहा कि उनका संसदीय चुनाव में उतरना कांग्रेस के लिए काफी फायदेमंद रहेगा। मुरादाबाद सीट से प्रियंका को उम्मीदवार बनाने की स्थानीय कांग्रेसी नेताओं की माँग के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता जयंती नटराजन ने कहा कि अगर ऐसा कोई प्रस्ताव है तो आलाकमान को इस पर विचार करना चाहिए। नटराजन ने कहा कि यह (उनका चुनाव लड़ना) काफी फायदेमंद रहेगा। यह काफी अच्छा और उचित होगा। उनकी एक छवि है। प्रियंका के पति रॉबर्ट वढेरा मुरादाबाद के हैं। उनकी माँ और कांग्रेस अध्यक्ष रायबरेली सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं, जबकि उनके भाई राहुल अमेठी से सांसद हैं।

Thursday, January 1, 2009

खान ने दिया कसाब की पैरवी का प्रस्ताव

दिल्ली के एक वकील ने अजमल आमिर ईमान कसाब के पक्ष में मुकदमा लड़ने का प्रस्ताव दिया है। कसाब मुंबई हमले में शामिल एकमात्र ऐसा आरोपी है, जिसे जिंदा गिरफ्तार किया गया है।आतंकी मामलों में छह आरोपियों का सफलतापूर्वक बचाव कर चुके वकील एम. शानवर खान मानते है कि किसी व्यक्ति के आतंकी होने न होने का फैसला करना अदालत का काम है। खान ने बताया कि मैं अपनी कानूनी व्यवस्था को मजबूत करने में विश्वास करता हूं, लिहाजा कसाब का मुकदमा लड़ने में कोई दिक्कत नहीं है। यह अदालत को तय करना है कि वह आतंकी है या नहीं। ऐसा होने तक उसे कानूनी मदद पाने का पूरा अधिकार है।पटियाला हाउस की अदालत में वकालत करने वाले 30 वर्षीय खान दिल्ली में 13 सितंबर को हुए बम विस्फोटों के आरोपियों की भी पैरवी कर रहे है। इन विस्फोटों में 26 लोग मारे गए थे।

आतंकवाद के खिलाफ केंद्र गंभीर नहीं

शिमला। आतंकवाद निरोधक कानून लाने के लिए संप्रग सरकार की सराहना करने के बावजूद भाजपा ने मंगलवार को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केंद्र के प्रयासों में गंभीरता का अभाव है।हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर रिज मैदान में आयोजित विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पोटा खत्म करने के कई साल बाद आतंकवाद निरोधक विधेयक लाकर अच्छा काम किया है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ इसकी लड़ाई कमजोर है क्योंकि वह वोट बैंक की राजनीति जारी रखे हुए है।उन्होंने संसद हमले में दोषी ठहराए गए अफजल गुरु को फांसी देने के मामले में विलंब करने और लाखों बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार की विफलता का उल्लेख किया। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के दो मुद्दों पर स्पष्ट आदेश के बावजूद मनमोहन सरकार उन पर कार्रवाई नहीं कर रही है। आप [संप्रग सरकार] वोट बैंक की राजनीति करने के साथ आतंकवाद के खिलाफ कैसे लड़ सकते हैं।आडवाणी ने कहा कि मुंबई में आतंकी हमलों के बाद संप्रग सरकार लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों को भ्रामक संकेत दे रही है। सरकार और कांग्रेस में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग अलग-अलग स्वरों में बोल रहे हैं और कई बार विरोधाभासी बात कह रहे हैं।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि उनकी सरकार पाकिस्तान से कैसे निपट रही है। भारत के लोगों को यह जानने का अधिकार है। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि संप्रग सरकार ने पोटा जैसे कड़े कानून को खत्म करने की अपनी गलती का अहसास करते हुए आतंकवाद निरोधक कानून लाकर अपना रुख बिल्कुल बदल दिया लेकिन यह वोट बैंक की राजनीति में कब अपना रुख बदलेगी।देश की सुरक्षा के मामले में केंद्र पर नरमी बरतने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कोई महीना ऐसा नहीं गुजरता जब देश के किसी हिस्से में आतंकी हमला न होता हो। एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे की मौत के बारे में विवादास्पद बयान देने वाले केंद्रीय मंत्री एआर अंतुले का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत सरकार ने उस मंत्री को नहीं निकाला जो पाकिस्तानी जुबान में बोल रहा था।