Sunday, December 28, 2008

विवाह विलंब दूर करने के उपाय



कुछ ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण कन्या के विवाह में विलंब हो तो इस प्रकार के उपाय स्वयं कन्या द्वारा करवाने से विवाह बाधाएँ दूर होती हैं :- - किसी भी माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से चाँदी की छोटी कटोरी में गाय का दूध लेकर उसमें शकर एवं उबले हुए चावल मिलाकर चंद्रोदय के समय चंद्रमा को तुलसी की पत्ती डालकर यह नेवैद्य बताएँ व प्रदक्षिणा करें। इस प्रकार यह नियम 45 दिनों तक करें। 45 दिन पूर्ण होने पर एक कन्या को भोजन करवाकर वस्त्र और मेहँदी दान करें। ऐसा करने से सुयोग्य वर की प्राप्ति होकर शीघ्र मांगलिक कार्य संपन्न होता है।
- गुरुवार के दिन प्रातःकाल नित्यकर्म से निवृत्त होकर हल्दीयुक्त रोटियाँ बनाकर प्रत्येक रोटी पर गुड़ रखें व उसे गाय को खिलाएँ। 7 गुरुवार नियमित रूप से यह विधि करने से शीघ्र विवाह होता है।
- मंगलवार के दिन देवी-मंदिर में लाल गुलाब का फूल चढ़ाएँ, पूजन करें एवं मंगलवार का व्रत रखें। यह कार्य नौ मंगलवार तक करें। अंतिम मंगलवार को 9 वर्ष की नौ कन्याओं को भोजन करवाकर लाल वस्त्र, मेहँदी एवं यथाशक्ति दक्षिणा दें। शीघ्र फल की प्राप्ति होगी।
- कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नंद गोपसुतं देवि पतिं में कुरु ने नमः॥ (कात्यायनिमंत्र श्रीमद् भागवत)
- माँ कात्यायनि देवी या पार्वतीदेवी के फोटो को सामने रखकर जो कन्या पूजन कर इस कात्यायनि मंत्र की 1 माला का जाप प्रतिदिन करती है, उस कन्या की विवाह बाधा शीघ्र दूर होती है।
- हे गौरी! शंकरर्धाङ्गिस यथा त्वं शंकरप्रिया।
तथा माँ कुरुं कल्याणिस कान्तं कान्तां सुदुर्लभाम्‌।
- भगवती पार्वती का पूजन कर इस मंत्र की 5 माला प्रतिदिन करने से शीघ्र वर प्राप्ति होती है।
- श्री गणपति अथर्वशीर्ष का प्रतिदिन 11 बार पाठ करें। अथर्वशीर्ष के प्रत्येक मंत्र से श्री गणेशजी की प्रतिमा पर दूर्वा चढ़ाएँ। इस प्रकार 84 दिनों तक नियमित करें, शीघ्र मनोकामना पूर्ण होगी।

Friday, December 26, 2008

बिंदी पर लगी पाबंदी अब हटा

nurse


दक्षिण अफ्रीका में भारतीय नर्सों ने बिंदी, मंगलसूत्र और नथ पहनने की लड़ाई जीत ली है। दक्षिण अफ्रीका के अस्पतालों में काम करने वाली हिंदू महिलाओं को किसी तरह का धार्मिक चिन्ह पहनने से रोक दिया गया था जिसका उन्होंने पुरजोर विरोध किया था। क्वाजुलु नाटाल प्रांत की स्वास्थ्य मंत्री पेगी कोनेनी ने घोषणा की है कि "विवाहित हिंदू महिलाएँ ड्यूटी के दौरान भी मंगलसूत्र, नथ पहनने और बिंदी लगाने के लिए स्वतंत्र हैं।"
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "बिंदी हिंदू महिला के शादीशुदा होने का प्रतीक है जिसका हम सम्मान करते हैं, ठीक उसी तरह जैसे शादी की अंगूठी को जिस तरह मान्यता हासिल है वैसे ही हिंदू महिलाओं की बिंदी को भी होनी चाहिए।" सबसे पहले सरकारी एडिंगनटन अस्पताल ने नर्सों को ड्यूटी के दौरान बिंदी, मंगलसूत्र और नथ पहनने से रोक दिया था। मामले ने तूल पकड़ा, नर्सों ने इसका विरोध किया और फिर स्वास्थ्य मंत्री को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। इस फैसले को लागू करने वालों का कहना था कि ऐसा करने का मकसद संक्रमण को रोकना था। इस निर्णय के बाद अफ्रीकी तमिल फेडरेशन और दक्षिण अफ्रीकी हिंदू सभा जैसे संगठनों ने इस मुद्दे पर बड़ा अभियान चलाया था। तमिल फेडरेशन ने इस कदम को 'हिंदू धर्म का मजाक और अपमान' बताया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोई भी सरकारी विभाग किसी धर्म विशेष के व्यक्तियों के लिए अलग मानदंड लागू नहीं कर सकता। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "जब महिलाएँ अपने पूरे चेहरे पर पाउडर और लिपस्टिक लगाती हैं तो हमें कोई एतराज नहीं होता लेकिन एक छोटी सी बिंदी पर आपत्ति होती है, यह कहीं से न्यायसंगत नहीं था।" दक्षिण अफ्रीका के हिंदू संगठनों और भारतीय मूल की नर्सों ने इस फैसले का स्वागत किया है।

बिंदी पर लगी पाबंदी अब हटा

nurse


दक्षिण अफ्रीका में भारतीय नर्सों ने बिंदी, मंगलसूत्र और नथ पहनने की लड़ाई जीत ली है। दक्षिण अफ्रीका के अस्पतालों में काम करने वाली हिंदू महिलाओं को किसी तरह का धार्मिक चिन्ह पहनने से रोक दिया गया था जिसका उन्होंने पुरजोर विरोध किया था। क्वाजुलु नाटाल प्रांत की स्वास्थ्य मंत्री पेगी कोनेनी ने घोषणा की है कि "विवाहित हिंदू महिलाएँ ड्यूटी के दौरान भी मंगलसूत्र, नथ पहनने और बिंदी लगाने के लिए स्वतंत्र हैं।"
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "बिंदी हिंदू महिला के शादीशुदा होने का प्रतीक है जिसका हम सम्मान करते हैं, ठीक उसी तरह जैसे शादी की अंगूठी को जिस तरह मान्यता हासिल है वैसे ही हिंदू महिलाओं की बिंदी को भी होनी चाहिए।" सबसे पहले सरकारी एडिंगनटन अस्पताल ने नर्सों को ड्यूटी के दौरान बिंदी, मंगलसूत्र और नथ पहनने से रोक दिया था। मामले ने तूल पकड़ा, नर्सों ने इसका विरोध किया और फिर स्वास्थ्य मंत्री को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। इस फैसले को लागू करने वालों का कहना था कि ऐसा करने का मकसद संक्रमण को रोकना था। इस निर्णय के बाद अफ्रीकी तमिल फेडरेशन और दक्षिण अफ्रीकी हिंदू सभा जैसे संगठनों ने इस मुद्दे पर बड़ा अभियान चलाया था। तमिल फेडरेशन ने इस कदम को 'हिंदू धर्म का मजाक और अपमान' बताया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोई भी सरकारी विभाग किसी धर्म विशेष के व्यक्तियों के लिए अलग मानदंड लागू नहीं कर सकता। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "जब महिलाएँ अपने पूरे चेहरे पर पाउडर और लिपस्टिक लगाती हैं तो हमें कोई एतराज नहीं होता लेकिन एक छोटी सी बिंदी पर आपत्ति होती है, यह कहीं से न्यायसंगत नहीं था।" दक्षिण अफ्रीका के हिंदू संगठनों और भारतीय मूल की नर्सों ने इस फैसले का स्वागत किया है।

Friday, December 19, 2008

खेती में भी ठिठुरन पैदा कर रही ठंड

कोहरा और बदली से खेती भी 'ठिठुर' रही है। तापमान में गिरावट से एक तरफ जहां पछैती गेहूं के जमाव में कठिनाई हो रही है, वहीं सरसों, तोरिया, अरहर व आलू की फसलों पर खतरनाक कीट मंडराने लगे हैं।कृषि वैज्ञानिक आशंका जता रहे हैं कि सूर्यदेव यदि चार-छह दिन इसी तरह बादलों में छिपे रहे तो रबी की फसलों के विकास पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।नरेन्द्रदेव कृषि विवि, फैजाबाद के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डा.पद्माकर त्रिपाठी का कहना है कि जिन फसलों में फूल निकल रहे हैं, उनके लिए यह मौसम खतरनाक है। इस दृष्टि से सरसों, तोरिया व अरहर खास तौर पर मौजूदा मौसम के निशाने पर हैं।डा. त्रिपाठी ने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से धूप नहीं निकल रही, और आ‌र्द्रता 96-98 फीसदी है। यह परिस्थिति सरसों व तोरिया में माहू व आरा मक्खी तथा अरहर में लीफ वेबर व फलबेधक कीटों के लिए बेहद मुफीद है। वैसे भी जब कोहरा व बदली रहती है, फसल में फूलों की तादात व वृद्धि घट जाती है। डा. त्रिपाठी आगाह करते हैं कि मौजूदा परिस्थिति यदि अगले कई दिन इसी तरह जारी रहती है, और धूप नहीं निकलती है तो किसानों को अपने अनुभव व स्थानीय कृषि अधिकारियों की सलाह से बचाव के कदम उठाने चाहिए।जहां तक गेहूं का सवाल है, ठंड बढ़ने से फसल पर तो कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन जिन पछैती प्रजातियों की बोवाई 15 दिसंबर से शुरू हुई, उनके जमाव में निश्चित रूप में ज्यादा वक्त लगेगा। डा. त्रिपाठी ने बताया कि शुक्रवार को दिन का तापमान 16.5 डिग्री सेन्टीग्रेड रहा, जो सामान्य से 6.5 डिग्री कम है, जबकि रात का तापमान 9-10 डिग्री है, जो सामान्य से थोड़ा ज्यादा है। डा. त्रिपाठी के मुताबिक, तापमान की यह विचित्रता किसी भी तरह फसल के लिए लाभदायी नहीं है।उन्होंने बताया कि आलू किसानों को इस मौसम में झुलसा रोग को लेकर सचेत रहना चाहिए, क्योंकि इस रोग के लिए मौजूदा मौसम पूरी तरह मुफीद है। उन्होंने बताया कि राजस्थान के ऊपर एक सिस्टम विकसित हो रहा है, जिसकी वजह से दो-तीन दिन में प्रदेश में हल्की-फुल्की बारिश हो सकती है।

लिव-इन रिलेशन की परिभाषा बदलने की जरूरत

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने शुक्रवार को लिव-इन रिलेशनशिप (बगैर शादी साथ रहना) को फिर से परिभाषित करने की जरूरत बताई। आयोग ने कहा कि लिव-इन संबंधों को 'महज सुविधा या निजी सुख के लिए साथ रहने' के मामलों से अलग करके देखा जाना चाहिए।एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष गिरिजा व्यास ने कहा कि लिव-इन के तहत केवल उन संबंधों को शामिल किया जाना चाहिए जो शादी की प्रकृति के हैं। उन्होंने कहा, 'इसके तहत महज सुविधा या निजी सुख के लिए बनाए गए संबंधों को शामिल नहीं करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जहां संबंध बमुश्किल छह माह पुराने हैं और दोनों पक्षों के बीच कोई वचनबद्धता नहीं है, अदालत ऐसे संबंधों को अमान्य करार दे सकती है।उल्लेखनीय है कि लिव-इन रिलेशन को मान्यता देने संबंधी महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव के बाद एनसीडब्ल्यू ने इस पर विचार के लिए एक विशेष समिति गठित की थी। इस समिति की पहली बैठक में आयोग ने यह फैसला किया कि किसी भी संबंध की गंभीरता का आकलन करने की जरूरत है और यह काम अदालतों को करना चाहिए। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष ने कहा, 'इसलिए किसी भी तरह की राहत देने के लिए अदालत को हर मामले के तथ्य और परिस्थितियों पर यह विचार करना होगा कि क्या संबंध शादी सरीखी प्रकृति का है या कुछ और।'गिरिजा व्यास ने लिव-इन के तहत रहने वाले साथी के अधिकारों को शामिल करने के लिए दहेज और संपत्ति कानून समेत सभी संबंधित कानूनों में बदलाव की वकालत की। आयोग ने हालांकि इसके साथ ही पहली पत्नी के अधिकारों को कड़ी सुरक्षा देने की भी मांग की।आयोग की वकील मीनाक्षी लेखा ने कहा कि लिव-इन शब्द का आमतौर पर गलत या नकारात्मक अर्थ लगाया जाता है, जिससे बचना चाहिए। 15 दिन पहले गठित एनसीडब्ल्यू की यह समिति अपना विचार-विमर्श जारी रखेगी और जल्द ही इस विषय पर अपनी संपूर्ण सिफारिशें सामने रखेगी।

जबरन दहेज देने का मामला

विवाहिता द्वारा दहेज उत्पीड़न के मामले दर्ज कराना कोई नई बात नहीं है, लेकिन ऐसा सुनने में कम ही आता है जब पति, पत्नी व ससुरालियों पर जबरन दहेज देने का आरोप लगाए। ऐसा एक मामला शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट के आदेश पर कोतवाली सेक्टर-39 में दर्ज किया गया है। जबरन दहेज देने का मामला एक डॉक्टर ने अपनी डॉक्टर पत्नी और उसके परिजनों के खिलाफ दर्ज कराया है। कुछ दिन पहले कोतवाली सेक्टर-20 में भी एक कर्नल के खिलाफ दहेज देने का मामला प्रकाश में आया था।

इस बार दहेज देने का मामला दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा विभाग में तैनात डॉक्टर मनोज मित्तल ने दर्ज कराया है। मेरठ के न्यू फूलबाग कॉलोनी निवासी डॉ. मनोज की वर्ष 2000 में नोएडा के सेक्टर-41, जे 59 निवासी डॉक्टर पीयूषा रस्तोगी से विवाह हुआ था। डॉ. पीयूषा भी निजी प्रैक्टिस करती हैं। दोनों की आठ साल की एक बेटी है, जो अभी अपनी मां के साथ नोएडा में ही रह रही है।पुलिस के मुताबिक डॉ. पीयूषा ने पहले 22 अप्रैल 2007 को अपने पति डॉ. मनोज, ससुर वेद प्रकाश, सास मिथलेश, ज्येष्ठ संजय व राजीव और देवर नवीन के खिलाफ कोतवाली सेक्टर-39 में ही दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। मामले की तफ्तीश कर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी। इसमें डॉक्टर सहित सभी आरोपियों को दोषी पाया गया था। वेदप्रकाश, मिथलेश व संजय को जेल जाना पड़ा था, जबकि अन्य तीन ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी के खिलाफ स्थगनादेश ले लिया था।इसके बाद डॉ. मनोज ने कोर्ट की मदद से शुक्रवार को अपनी पत्नी डॉ. पीयूषा, ससुर राम अवतार, सास यशोदा रस्तोगी और साले अवनीश व रजनीश के खिलाफ कोतवाली सेक्टर-39 में धारा 388 के तहत जबरन दहेज देने का मामला दर्ज कराया। इसके लिए मनोज ने दहेज अधिनियम की उपधारा तीन को आधार बनाया। इसके तहत दहेज देना और लेना दोनों कानूनन जुर्म है। इसके लिए लड़की के घरवालों पर भी कार्रवाई किए जाने का नियम है। गौरतलब है कि इसी तरह का एक मामला हाल ही में चार दिसंबर को भी कोतवाली सेक्टर-20 में दर्ज किया गया था। इस मामले में सेक्टर-20 सी 68 निवासी नमित जुयाल ने सेवानिवृत्त कर्नल सहित छह लोगों के खिलाफ जबरन दहेज देने का मामला दर्ज कराया था। इससे पहले कर्नल नमित और उसके परिजनों के खिलाफ दहेज के लिए बेटी को प्रताड़ित करने का मामला भी दर्ज करा चुके थे।

पंद्रह लाख की चोरी

निजी बैंक की वाइस प्रेसीडेंट के फ्लैट का ताला तोड़ शुक्रवार को दिनदहाड़े चोरों ने 15 लाख के गहनों पर हाथ साफ कर दिए। सेक्टर-39 कोतवाली पुलिस मामला दर्ज कर चार संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।सेक्टर-44 स्थित स्टेला ग्रीन अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर सी-301 में रहने वाली सिटी बैंक की वाइस प्रेसीडेंट देविका गर्ग शुक्रवार को नोएडा सेक्टर-50 में अपने अपने पिता से मिलने गई थी। दोपहर को जब वह घर वापस लौटीं तो फ्लैट का ताला टूटा मिला। जांच पड़ताल में पाया कि चोर घर से 15 लाख की ज्वैलरी चुरा ले गए हैं। देविका ने इसकी सूचना तुरंत कोतवाली सेक्टर-39 पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल के बाद मामला दर्ज कर लिया। शाम को पुलिस ने चार संदिग्धों को हिरासत में लिया है। खबर लिखे जाने तक पूछताछ जारी थी।


Thursday, December 11, 2008

चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता

" लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है.
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है.
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है.
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती'

पूरा विपक्ष सरकार के साथ-आडवाणी

लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने मुंबई की आतंकी घटना को सामान्य आतंकवादी घटना नहीं बल्कि भारत की आर्थिक प्रगति पर हमला बताते हुए कहा कि आतंकवाद के खात्मे के लिए सरकार की किसी भी पहल में उनकी पार्टी और राजग पूरा सहयोग और समर्थन देगा।
मुंबई में गत 26 नवंबर को हुए आतंकवादी हमले पर गृहमंत्री पी. चिदंबरम द्वारा शुरू की गई बहस को आगे बढ़ाते हुए आडवाणी ने कहा कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा का गहराई से विश्लेषण करने का मौका है। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार और पूरा विपक्ष एक है।
उन्होंने सरकार को भरोसा दिलाया कि आतंकवाद के सफाए के लिए की जाने वाली किसी भी पहल में भारतीय जनता पार्टी और समूचा राजग सरकार का साथ देगा। प्रश्नकाल निरस्त कर आज सदन की कार्यवाही की शुरुआत सीधे मुंबई के आतंकी हमले पर चर्चा के साथ की गई। पहले गृहमंत्री ने अपना वक्तव्य दिया और उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने नेता विपक्ष आडवाणी को अपनी बात रखने के लिए कहा। आडवाणी ने कहा कि सरकार को पाकिस्तान द्वारा वहाँ आतंकवादियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से संतुष्ठ होकर नहीं बैठ जाना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा की जा रही कार्रवाई को मात्र दिखावा बताया। उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तोइबा सउदी अरब से मिलने वाले धन से पोषित और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईसीआई द्वारा संरक्षित संगठन है, इसलिए उसके खिलाफ पाकिस्तान में कार्रवाई करना इतना आसान नहीं। नेता विपक्ष ने कहा कि पाकिस्तान के चरित्र को समझने की जरूरत है। पाकिस्तान में अंतिम कमान किसके हाथ में है, यह समझना भी आज काफी मुश्किल है। उन्होंने मुंबई की आतंकी घटना को भारत के खिलाफ वर्षों से चल रहे युद्ध का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने स्वयं ही कहा है कि पूरा दक्षिण एशिया आतंकवाद के साए में है, लेकिन हमें यह कहने में संकोच नहीं करना चाहिए कि इस आतंकवाद का केन्द्र पाकिस्तान में ही है।

चंद्रमोहन की शादी स्वीकार्य नहीं-मौलाना

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन द्वारा मुसलमान बनने के बाद की गई दूसरी शादी से पैदा हुए विवाद के बीच एक वरिष्ठ मौलवी ने मंगलवार को कहा कि इस तरह के उदाहरणों से इस्लाम की बदनामी होती है। इस मौलवी ने इस्लामी संस्था दारूल उलूम देवबंद के मुफ्ती अहसान कासमी से असहमति जताई, जिन्होंने चंद्रमोहन की दूसरी शादी को जायज ठहराया था। जामा मस्जिद पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी ने कहा कि चंद्रमोहन ने अनुराधा के साथ दूसरी शादी कर अपनी पहली पत्नी को धोखा दिया है। चंद्रमोहन और अनुराधा दोनों ने इस्लाम अपनाने के बाद शादी कर ली, जिससे हरियाणा में राजनीतिक भूचाल आ गया है। इस कारण चंद्रमोहन को उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया है। सानी ने कहा इस्लाम में धोखेबाजी के लिए कोई जगह नहीं है। ऐसे लोग हमारे धर्म को बदनाम करते हैं।

उ.प्र.: "गुण्डा टैक्स" की वसूली के लिए गोलीबारी

महोबा उत्तरप्रदेश के महोबा जिले में “गुण्डा टैक्स” की वसूली को लेकर बदमाशों ने कानून-व्यवस्था को कड़ी चुनौती देते हुए, कल रात लिधौरा गांव में जमकर आतंक मचाया। उन्होंने करीब दो घंटे तक गांव में घूम-घूमकर गोलियां चलाई और ग्रामीणों को आतंकित किया। अपराधियों ने कुछ को जान से मार डालने की धमकी भी दी।
नगराघाट चौकी के अन्तर्गत आने वाले लिधौरा गांव में एक बदमाश के नेतृत्व में करीब छह लोगों ने धावा बोला।
इन बदमाशों ने फिर गांव के एक व्यक्ति रामकृपाल के घर के दरवाजे पहुंचकर गाली गलौज शुरु कर दी और गोलियां चलाई। इसके बाद उन्होंने अन्य घरों के बाहर भी गोलियां चलाई।रामकृपाल द्वारा पुलिस को दी गई जानकारी में बताया गया कि दबंग बदमाश उससे 50 हजार रुपए मांग रहे हैं। बदमाशों का सरगना बलवान नामक व्यक्ति है और यह ‘हिस्ट्रीशीटर’ अपराधी है जिसके विरुद्ध करीब 40 मुकदमें पुलिस में दर्ज हैं। दो माह पहले ही वह जेल से छूटकर आया था।घटना की सूचना पाकर पुलिस ने आज सुबह अपराधियों पर काबू पाने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस से लोहा लिया। पुलिस की गोलीबारी के जवाब में अपराधियों ने जमकर गोलियां चलाई। सुबह आधा घंटे के इस संघर्ष के बाद पुलिस अपराधियों को खदेड़ने में कामयाब रही।

Saturday, December 6, 2008

कहीं शौर्य दिवस तो कहीं यौम-ए-गम

मुंबई की घटना को लेकर आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता का शनिवार को यह असर रहा कि विवादास्पद बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 16वीं बरसी पर हिन्दू और मुस्लिम संगठनों ने क्रमश: शौर्य तथा काला दिवस मनाए, लेकिन इन कार्यक्रमों में विगत वर्षों की तरह आक्रामकता नहीं दिखी।
अयोध्या और राजधानी लखनऊ में बाबरी मस्जिद विध्वंस पर पिछले 16 वर्षों की तरह विहिप तथा अन्य हिन्दूवादी संगठन अयोध्या में भव्य राम मन्दिर निर्माण और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी तथा बाबरी मस्जिद पुनर्निर्माण समिति ने मस्जिद की तामीरी का संकल्प तो दोहराया पर एक दूसरे के प्रति हर बार की तरह आक्रामकता नहीं दिखाई बल्कि दोनों ने ही आतंकवाद को निशाने पर रखा। अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े साधु-संतों एवं धर्माचायों ने कार सेवकपुरम में हिन्दू सम्मेलन में आतंकवाद की जमकर आलोचना करते हुए पाकिस्तान के पाँच झंडों को जलाया और आतंकवाद के विरुद्ध एकजुटता का संकल्प लिया। अयोध्या मे बाबरी मस्जिद पुनर्निमाण समिति के संयोजक मोहम्मद आसिम अंसारी ने मुंबई में हुई आतंकवादी घटना में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मुल्क के हालात ठीक नहीं हैं, आतंकी हमले से देशवासी सदमे में हैं। अत: इस बार बाबरी मस्जिद की शहादत पर गम का इजहार नहीं करेंगे।

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने इस वर्ष भी मस्जिद की तामीर को लेकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन की औपचारिकता तो पूरी की पर ज्ञापन में आतंकवाद का भी जमकर विरोध किया गया है। राजधानी लखनऊ में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित हनुमान मन्दिर पर सुरक्षा व्यवस्था के बीच हवन कर आतंकवाद की आलोचना करते हुए इसके विरुद्ध एकजुटता की अपील की।
आल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा ने अपने मुख्यालय पर आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया और संकल्प लिया कि जब तक आतंकवाद का समूल नाश नहीं हो जाता मोर्चा आतंकवाद के विरुद्ध मुहिम जारी रखेगा। मोर्चे के अध्यक्ष डॉ। एमए सिद्दीकी ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं को आतंकवाद के विरुद्ध एकजुटता की शपथ दिलाई एवं मुंबई घटना मे मारे गए लोगों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। विधानसभा के सामने आल इंडिया मुस्लिम फोरम पीपुल्स डेमोक्रेटिक फोरम तथा भारतीय जनसेवा कल्याण समिति ने भी आज के दिन को आतंकवाद विरोधी दिवस के रुप में मनाया। आल इंडिया मुस्लिम फोरम ने आतंकवाद के विरुद्ध धरना प्रदर्शन किया। फोरम के अध्यक्ष सैयद रफत ने संसद हमले के आरोपी अफजल गुरु पर आरोप साबित होने के बाद भी फाँसी न दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए उसे तुरंत फाँसी दिए जाने की माँग की। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि मुंबई हमले में यदि पाकिस्तान की संलिप्तता साबित है तो भारत को पाक स्थित आतंकवादी शिविरों पर हमला कर उन्हें नष्ट कर देना चाहिए।
भारतीय जनसेवा कल्याण समिति के अध्यक्ष इमरान खान भारतीय ने धरने को संबोधित करते हुए मुंबई घटना की कड़े शब्दों मे निंदा की और कहा कि दहशतगर्द अब इस्लाम और जेहाद के नाम पर मुसलमानों को बरगला रहे हैं, लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं होने दिए जाएँगे।समिति ने मुंबई आतंकवादी घटना में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए हवन, यज्ञ और कुरानख्यानी का आयोजन किया।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) ने विधानसभा के सामने धरना दिया और बाबरी मस्जिद का उसी स्थान पर जल्द से जल्द निर्माण और विध्वंस के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने की माँग की।इस बीच प्रदेश सरकार की तरफ से बाबरी मस्जिद विध्वंस की 16वीं बरसी पर अयोध्या फैजाबाद नगरों एवं राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश मे शांति एवं सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और आयोध्या मे निषेधाज्ञा तोड़ने के आरोप मे हिन्दू महासभा के लगभग 50 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने के अलावा कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।अयोध्या से मिली खबर के अनुसार बाबरी विध्वंस की बरसी पर दोनों संप्रदायों के लोगों ने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। फैजाबाद अयोध्या में अधिकांश मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखकर गम का इजहार किया, जबकि कारसेवकपुरम में विहिप और धर्माचार्यों ने हिन्दू सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में मंदिर निर्माण के साथ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से संघर्ष का संकल्प लिया गया।विध्वंस की कटुता को भुलाने की पैरवी करते हुए श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास ने कहा कि छह दिसंबर को राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त और 26 जनवरी की भाँ‍ति नहीं मनाया जाना चाहिए।नृत्य गोपालदास ने कहा कि विध्वंस के 16 साल बीत चुके हैं और अब इसे भूल जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों संप्रदाय मिलकर मंदिर निर्माण के लिए समझौता करें। उन्होंने मुसलमानों से सहयोग की अपील की।
उन्होंने कहा कि यह वक्त का तकाजा है कि दोनों सम्प्रदाय मिलकर राष्ट्र के समक्ष मौजूद आतंकवादी और आर्थिक समस्याओं के समाधान का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि देश में हो रहे आतंकी हमले प्रशासनिक कमजोरी का परिणाम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और मीडिया को छह दिसंबर की घटना को महत्व नहीं देना चाहिए। बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। रेड जोन तथा येलो जोन में आरएएफ, पीएसी तथा बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी। अयोध्या को चार जोन और सात सेक्टर में बाँटकर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। भाकपा (माले) ने भी आतंकवाद, सांप्रदायिकता और क्षेत्रवाद के खिलाफ लखनऊ में चारबाग से विधानसभा तक संकल्प मार्च निकालकर मुंबई की आतंकी घटना की कड़ी निन्दा की और घटना की न्यायिक जाँच की माँग की। सभा को संबोधित करते हुए माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि मुंबई में आतंकी हमलों से पूरा देश चिंतित है। इसकी उच्चस्तरीय न्यायिक जाँच कराकर खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों की विफलता के लिए जवाबदेह लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

Wednesday, December 3, 2008

हर घंटे दो महिलाओं का दुष्कर्म

भारत में प्रत्येक 60 मिनट में दो महिलाएं दुष्कर्म की शिकार होती हैं।राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो [एनसीआरबी] की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले साल 133 बुजुर्ग महिलाओं पर यौन हमले किए गए। पिछले साल बलात्कार के कुल 20737 मामले दर्ज किए गए। यह संख्या वर्ष 2006 की तुलना में 7.2 फीसदी अधिक है। ऐसे अपराधों की सूची में मध्यप्रदेश का नाम सबसे ऊपर है।एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि देश में हर एक घंटे में दो महिलाओं का दुष्कर्म होता है। मध्यप्रदेश में पिछले साल दुष्कर्म के कुल 3010 मामले, पश्चिम बंगाल में 2106 मामले, उत्तरप्रदेश में 1648 मामले, बिहार में 1555 मामले और राजस्थान में 1238 मामले दर्ज किए गए। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दुष्कर्म के 598 मामले दर्ज किए गए।एनसीआरबी ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट भारत में अपराध 2007 में कहा है कि कम से कम 19188 मामलों 92.5 फीसदी में हमलावर पीडि़त के परिचित थे। 6902 मामलों में पड़ोसी लिप्त थे। अभिभावक या परिवार के करीबी सदस्यों द्वारा दुष्कर्म के 405 मामले दर्ज किए गए। 448 मामलों में परिजन लिप्त थे।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि देश में दुष्कर्म के 90 फीसदी से अधिक मामलों में पीडि़त के साथ दुष्कर्म उन लोगों ने किया है जिन्हें वह पहले से जानती हैं। दुष्कर्म पीडि़तों में 11984 महिलाएं 18 से 30 साल की उम्र की हैं, जबकि 30 से 35 वर्षीय महिलाओं की संख्या 3530 है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 617 पीडि़त दस साल से कम उम्र की और 4507 पीडि़त 10 से 18 साल की उम्र की हैं। देश में वर्ष 2006 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 164765 मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2007 में 12.5 फीसदी वृद्धि के साथ यह आंकड़ा 185312 हो गया।महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में आंध्रप्रदेश सबसे आगे है जहां ऐसे 13.3 फीसदी मामले दर्ज किए गए। दूसरे स्थान पर उत्तरप्रदेश है जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध के 11.3 फीसदी मामले दर्ज किए गए। छेड़छाड़ के मामलों में पिछले साल 5.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। छेड़छाड़ के कुल दर्ज 36617 मामलों में से मध्यप्रदेश में सर्वाधिक 6772 मामले ओर आंध्रप्रदेश में 4406 मामले दर्ज किए गए।देश भर में यौन प्रताड़ना के 10950 मामले पिछले साल दर्ज किए गए। इनमें से आंध्रप्रदेश में यौन प्रताड़ना के 3316 मामले, उत्तरप्रदेश में 2882 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल पति और संबंधियों से प्रताड़ना के मामलों में भी 20.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। ऐसे कुल 62128 मामले दर्ज किए गए जिनमें आंध्रप्रदेश 11335 मामलों के साथ सबसे ऊपर रहा।महिलाओं को प्रताड़ना के मामले में दूसरा स्थान पश्चिम बंगाल का और तीसरा स्थान राजस्थान का है जहां क्रमश: ऐसे 9900 मामले और 8170 मामले दर्ज किए गए।

विवाह के लिए 209 पुरुषों का अपहरण

सुनने में भले ही यह अजीबोगरीब लगे, लेकिन सच बात यह है कि ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले साल जबरदस्ती विवाह कराने के लिए 209 पुरुषों का अपहरण किया गया। इसमें तीन पुरुष ऐसे भी हैं जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक थी, जबकि दो की उम्र दस साल से भी कम थी।राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा जारी भारत में अपराध 2007 रिपोर्ट के अनुसार मजे की बात है कि बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है जहां महिलाओं की तुलना में पुरुषों का अधिक अपहरण होता है। इस रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 1268 पुरुषों का अपहरण किया गया था जबकि महिलाओं की संख्या इस आंकड़े से छह कम थी।अपहरण के 27561 मामलों में से 12856 मामले विवाह से संबंधित थे। महिलाओं के अपहरण के पीछे सबसे बड़ा कारण विवाह है। महिलाओं के कुल 20690 मामलों में से 12655 मामले [61.2 प्रतिशत] के पीछे विवाह ही एकमात्र कारण था, जबकि पुरुषों के अपहरण के कुल 7342 मामलों में 596 [8.1 प्रतिशत] में फिरौती मुख्य कारण था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अपहृत युवतियों की सर्वाधिक संख्या 18 से 30 वर्ष की उम्र के बीच है। इस आयु वर्ग की 7930 महिलाओं का अपहरण हुआ। जबकि 15 से 18 वर्ष के बीच अपहृत महिलाओं की संख्या 264 थी।

उधर, अपहृत हुए 417 में से 18 से 30 वर्ष की आयु वर्ग के पांच पुरुष ऐसे थे, जिन्हें वेश्यावृत्ति के लिए अपहृत किया गया था। जबकि इसी उद्देश्य के लिए अपहृत की गई इस आयु वर्ग की महिलाओं की संख्या 264 थी।पिछले साल कुल 28030 लोगों का अपहरण किया गया। इससे पिछले वर्ष की तुलना में अपहरण के मामलों में 15.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों [7340] के मुकाबले दोगुनी संख्या में महिलाओं [20690] के अपहरण के मामले दर्ज किए गए।रिपोर्ट के अनुसार ऐसा एक भी मामला नहीं है जहां शरीर या शरीर के अंगों को बेचने के लिए अपहरण का मामला दर्ज किया गया हो, जबकि भीख मांगने के लिए मजबूर करने वाले लोगों द्वारा अपहरण के 15 मामले दर्ज किए गए।अपहरण के सबसे ज्यादा मामले [4478] उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए जो कुल संख्या का 16.2 प्रतिशत है। इसके बाद बिहार [2530] का स्थान है।

यातायात व्यवस्था में सुधार की योजना

शहर में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस, प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों ने बैठक में योजना तैयार कर ली है। योजना के तहत लिए गए निर्णयों को जल्द लागू किया जाएगा। इसमें यातायात सलाहकार समिति को प्रभावशाली बनाने के साथ मुख्य सड़कों पर नो पार्किंग व स्पीड लिमिट के बोर्ड लगाने के साथ सेक्टर-18 में लगने वाले सीसीटीवी कैमरे और साउंड सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया है।

डीसीईओ एनपी सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि शहर में किसी एक सड़क का चयन करके उसे योजना बनाकर सही किया जाए कि वह यातायात के सभी मानकों को पूरा करती हो। इसके बाद अन्य सड़कों की स्थिति को भी इसी तरह सुधारा जाएगा। इसके अलावा यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए बनाई गई यातायात सलाहकार समिति को प्रभावशाली बनाने का निर्णय लिया गया। मुख्य बाजारों व मुख्य सड़कों पर नो पार्किंग के बोर्ड लगाने के साथ स्पीड लिमिट के भी बोर्ड लगाने का निर्णय लिया गया। सेक्टर-18 में लगने वाले सीसीटीवी कैमरे के साथ में साउंड सिस्टम लगाने को भी हरी झंडी दी गई। इस साउंड सिस्टम के जरिए कंट्रोल रूप में बैठा व्यक्ति अगर बाहर घूम रहे लोगों को कोई संदेश देना चाहता है तो वह आसानी से दे सकेगा। शहर की सड़कों पर बने कट बंद करने के लिए टेक्निकल फिजिबिलिटी का अध्ययन कर लिया जाए। ऐसी सभी जगह के कट बंद किए जाए, जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। मेट्रो स्टेशन के पास बनने वाली पार्किंग की व्यवस्था की जांच करने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा प्राधिकरण की जितनी भी पार्किंग में ठेकेदार के कर्मचारी काम करते हैं, उन सभी का सत्यापन कराया जाएगा। इसके अलावा बैठक में निर्णय लिया गया कि विजयंत थापर पेट्रोल पंप के सामने डीएससी मार्ग पर बने यू-टर्न को सही करने के लिए दोबारा प्लान बनाया जाए। वहीं सेक्टर-61 में ट्रेफिक पार्क विकसित करने के लिए दस एकड़ जमीन को प्रस्तावित किया गया है। विचार विमर्श करने के बाद निर्णय लिया जाएगा कि ट्रेफिक पार्क यहीं बनेगा या किसी अन्य स्थान पर। बैठक में प्राधिकरण, पुलिस व प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर प्राधिकरण में बढ़ी सक्रियता

जनवरी माह में मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे से पहले प्राधिकरण किसानों की समस्याओं को हल करने में जुट गया है। ग्रेटर नोएडा में आबादी की समस्या को हल करने के अलावा जिन किसानों को अभी तक अर्जित भूमि की एवज में छह प्रतिशत के भूखंड नहीं मिले हैं, उन्हें दिसंबर के अंत तक भूखंड देने के निर्देश दिए गए हैं। प्राधिकरण के सीईओ पंकज अग्रवाल ने बुधवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए हैं।बैठक में सीईओ ने कहा कि किसानों के जितने भी मामले लंबित हैं, उनकी सूची बनाकर निस्तारण की कार्रवाई तत्काल शुरू की जाए। जो भी विभाग अपने काम में देरी करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के अधिकारी भी गांव-गांव जाकर किसानों को जमीनों का मुआवजा उठाने के लिए मनाने में जुट गए हैं। बुधवार को डीसीईओ आरके सिंह व ओएसडी कुलवीर सिंह ने अट्टा गुजरान, मूंजखेड़ा, मुस्तफाबाद व दनकौर के किसानों के साथ बैठक कर उनसे मुआवजा उठाने का आग्रह किया।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मायावती 15 जनवरी को गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में परिवर्तन चौक का उद्घाटन करने आ रही हैं। प्राधिकरण अधिकारी चाहते हैं कि इससे पहले किसानों की सभी समस्याओं का समाधान हो जाना चाहिए। ताकि मुख्यमंत्री को कोई शिकायत न मिले। इससे पहले मुख्यमंत्री दो बार ग्रेटर नोएडा का दौरा कर चुकी हैं। पहले दौरे के दौरान उन्होंने मुआवजा वितरण में शिकायत मिलने के बाद एडीएम मानवेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया था। दूसरे दौरे में छह प्रतिशत स्कीम के भूखंडों का समय पर आवंटन न कराने की शिकायतों पर महाप्रबंधक नियोजन लीनू सहगल को प्लानिंग विभाग से हटाकर दूसरे विभाग से अटैच कर दिया था। वहीं किसानों की आबादी की समस्या का निस्तारण न करने के बाद डीसीईओ पीके अग्रवाल समेत दो अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया था। मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर प्राधिकरण अधिकारी इस बात से सहमे हुए हैं कि कहीं कोई शिकायत मिली, तो पता नहीं किस-किस पर गाज गिरे। इसलिए अधिकारी किसानों की मुआवजा, आबादी, छह प्रतिशत का आवंटन व लंबित समस्याओं का समय पर समाधान करने में जुटे हैं।