Saturday, November 29, 2008

राजनीतिक दखल न होने से हुई आसानी

मुम्बई में आतंकवादियों के खिलाफ करीब 58 घंटे के बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन के बाद सैन्य बलों के अधिकारियों के चेहरे पर संतोष और सफलता की गौरवशाली मुस्कान थी।
सैन्य सूत्रों ने ऑपरेशन साइक्लोन की सफलता के चार प्रमुख बिंदुओं का जिक्र करते हुए कहा कि सबसे अहम बात यह रही कि पूरी कार्रवाई के दौरान राजनीतिक नेतृत्व ने कम से कम दखल देने का अपना वादा निभाया और सुरक्षा बलों को खुले हाथ से सूझबूझ भरे निर्णय लेने का मौका दिया। सूत्रों ने कहा ऑपरेशन शुरू होने के पहले घंटों में ही इस बात का अहसास हो गया था कि कार्रवाई लम्बी चल सकती है, क्योंकि नौसेना के मार्कोस कमांडो ने शुरुआती पलों में ही अंदाजा लगा लिया था कि आतंकवादी न सिर्फ बेहद जोश के साथ मैदान में आए हैं, बल्कि वे अत्यंत पेशेवर अंदाज में तैयार किए गए हैं। यह भी स्पष्ट हो गया था कि उनके पास लड़ने के लिए भारी असलाह है और उनमें लम्बे समय तक टिके रहने का माद्दा है।
सूत्रों के अनुसार इस स्थिति को भाँपते ही तीनों सैन्य बलों और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के अधिकारियों ने एक एकीकृत आपात नियंत्रण कक्ष कायम कर लिया था और राजनीति नेतृत्व को विनम्रतापूर्वक बता दिया गया था कि उनकी कार्रवाई में जितना कम हस्तक्षेप होगा, उतना ही ऑपरेशन अधिक कामयाब होगा। समझा जाता है कि केंद्रीय नेतृत्व से सैन्य बलों को अपना काम करने की पूरी छूट दिए जाने का आश्वासन दिया गया और 'जीरो दखल' के वादे को अंतिम समय तक निभाया गया।
आतंकियों को चुकाना होगी कीमत-प्रियंका
मुम्बई हमलों के दोषियों को अपने गुनाहों की कीमत चुकाना होगी। हर भारतीय को आतंकवाद से लड़ने का संकल्प लेना चाहिए। यह बात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी की बेटी प्रियंका वढेरा ने कही। दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए लोधी एस्टेट कार्यालय पर मतदान करने आईं श्रीमती वढेरा ने कहा हम सब बहुत मजबूत हैं और एक राष्ट्र के रूप में हम और ज्यादा मजबूत हैं। मुम्बई में आतंकवादियों से संघर्ष में शहीद हुए पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के बारे में उन्होंने कहा मैं दिल से उनके परिवारों के साथ हूँ। आतंकवाद के कारण मैंने भी किसी को खोया है और मैं जानती हूँ कि यह कितना दर्दनाक होता है।
जरा याद करो कुर्बानी...
एक बार फिर देश की अस्मिता बचाने के लिए भारत माता के वीर सपूतों ने अपनी जान कुर्बान कर दी। मुंबई पर हुए देश के सबसे बड़े आतंकवादी हमले का मुकाबला करते हुए 15 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए।


एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे, एसीपी अशोक काम्टे, सीनियर इंस्पेक्टर विजय सालस्कर, राजकीय रेलवे पुलिस में इंस्पेक्टर शशांक शिंदे, रेलवे सुरक्षा बल के प्रधान आरक्षक एमएल चौधरी, इंस्पेक्टर एआर चितले, उपनिरीक्षक प्रकाश मोरे एवं बाबू साहब दुरगुडे, एएसआई नानासाहेब भोंसले एवं वी। अबोले, आरक्षक विजय खांडेकर, जयवंत पाटिल एवं योगेश पाटिल जैसे जाँबाजों ने कर्त्तव्य परायणता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करते हुए राष्‍ट्र के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इनके अतिरिक्त एनएसजी के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, हवलदार चंदर और हवलदार गजेन्द्रसिंह अलग-अलग जगह आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए। साथ ही हमें उन लोगों को भी नही भूलना चाहिए जिनकी इन हमलों में मौत हुई है। 'करेज अंडर फॉयर' का सच्चा उदाहरण होटल ताज तथा ओबेरॉय के कर्मियों ने दिखाया है। भारी गोलाबारी के बावजूद अपनी जान की परवाह किए बिना इन होटलकर्मियों ने सैकड़ों लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दुःखद घटना में अन्य लोगों के साथ बहुत से कर्मचारी भी मारे गए हैं।

Thursday, November 27, 2008

सुरक्षित निकली नन्हीं जान

देश की औद्योगिक राजधानी मुंबमें बुधवार की रात से जारी आतंकी हरकत गुरुवार की शाम तक जारी है। ये आतंकवादी ताज, ओबेराय होटल और नरिमन हाऊस (कोलाबा) में लोगों को बंधक बनाए हुए हैं। आज आतंकियों के कब्जे से नरीमन हाऊस से एक नन्हीं-सी जान को मुक्ति मिली।गुरुवार को नरीमन हाऊस से 2 साल की बच्ची और उसकी आया ने खुली हवा में राहसाँस ली। फिलहायह पता नहीं चला है कि मुक्त हुई बच्ची और उसकी आया को आतंकवादी ने छोड़ा है या फिर सुरक्षा दस्तों ने उस आतंकी को मार गिराया, जिसने इन्हें बंधक बनाया था। वैसे नरीमन हाऊस में एक आतंकी को मार गिराने की खबर आ रही है। उधर 'यरुशलम पोस्ट' के हवाले से बताया गया है कि नरीमन हाऊस में बंधक बनाए गए लोगों में चबद लुबाविच के निदेशक गेब्रियल होल्ट्‍सबर्ग तथा उनकी पत्नी रेवेका भी हैं। आज मुक्त हुई बच्ची उन्हीं की है। बच्ची के माता-पिता अचेतावस्था में हैं।
कई विदेशी बॉम्बे अस्पताल में : बताया जा रहा है कि प्रभावित लोगों में स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जापान तथा जॉर्डन के नागरिकों को भी घायल अवस्था में बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बॉम्बे अस्पताल कर्मचारी यूनियन के संजय सावंत ने बताया कि बुधवार को आतंकवादी हमले के बाद अस्पताल में 20 विदेशी और 40 भारतीय नागरिक अपना इलाज करवा रहे हैं। सावंनहीबताया ‍ि घायलोमेकितनलोगंभीअवस्थमेहैं

मुंबई में आतंकी हमला, 132 की मौत, 350 जख्मी

देश का दिल कही जाने वाली वाणिज्यिक राजधानी मुंबई पर बुधवार रात से बरपा आतंक गुरुवार को भी जारी है। अब तक अलग-अलग जगहों पर हुए 11 आतंकवादी हमलों में 132 लोगों की मौत हो गई, जबकि 350 घायल हैं।


इन हमलों में अब तक आतंकियों से लोहा लेते हुए मुंबई आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे, एसीपी अशोक काम्ते और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालस्कर समेत कुल 14 पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं। ताज होटल के जनरल मैनेजर की पत्नी और उनका बच्चे की आतंकी हमलों में मौत होने की खबर हैताजा जानकारी के मुताबिक एनएसजी के कमाडो नरीमन हाउस में प्रवेश करने में सफल रहे है। वहाँ पर कार्रवाई अंतिम चरण में है। ओबेराय होटल में भी ऑपरेशन का अंतिम चरण जारी है। ताज होटल में अभी भी 2-3 आंतकियों के छिपे होने के आसार है
बुधवार रात को शुरू हुआ यह संकट गुरुवार को भी जारी रहा। दोपहर में ओबेराय होटल में तीन धमाके सुने गए। इसके अलावा चौथा विस्फोट ताज होटल में हुआ। इस बीच ताज होटल में फिर फायरिंग शुरू हो गई। सेना के कमांडो लगातार आतंकियों से मुठभेड़ कर रहे थे। ताज और ओबेराय दोनों में ही आतंकी छिपे थे। आतंकियों के पास भारी मात्रा में ग्रेनेड और अत्याधुनिक व शक्तिशाली हथियार भी थे। एआतंकपासेटेलाइफोथाशाम होते-होते होटल ओबेराघायलोनिकालचुकथाबाद में आतंकियों के कब्जे से सैलानियों को छुड़ाने के लिए नरीमन हाउस को सेना ने घेर लिया। बिल्डिंग की 8वीं से 26वीं मंजिल को खाली करा लिया गया। भवन में भारी संख्या में जवान तैनात किए गए। आतंकी अंधेरे का फायदा न उठा सकें, इसलिए पूरी इमारत के लिए बाहर से हेलोजन का इंतजाम किया गया। बिल्डिंग के अंदर की लाइट काट दी गई। इस बीच भवन की आठवीं मंजिल पर फायरिंग भी हुई।
राजकीय सम्मान से हुई शहीदों की अंत्येष्टि : हमलों में शहीद राज्य के तीन आला पुलिस अधिकारियों का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। आतंकियों से लोहा लेते हुए कुल 14 पुलिसकर्मियों की जान चली गई।
वारदात में मरने वाले ।4 पुलिसर्मियों में आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे भी शामिल हैं। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी करकरे यहाँ कामा अस्पताल परिसर में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान मारे गए। शहीद हुए अन्य पुलिसकर्मियों में मुठभेड़ विशेषज्ञ वरिष्ठ निरीक्षक विजय सालस्कर तथा पुलिस उपायुक्त अशोक कामटे भी हैं।
मृतकों के परिजनों को 5 लाख : उपमुख्यमंत्री आरआर पाटिल ने बताया हमले में मृत लोगों के परिजनों को क्षतिपूर्ति के रूप में पाँच-पाँच लाख रुपए दिए जाएँगे। घायलों को 50 हजार की राशि दी जाएगी
गृह मंत्रालय को थी खबर! : जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस बात की खबर थी कि कराची से किसी आतंकवादी हमले को अंजाम दिया जा सकता हैसूत्रों के मुताबिक सेना और पुलिस ने बगैर किसी पुख्ता जाँच पड़ताल के सामान को भारतीय सीमा में प्रवेश की इजाजत दे दी। अधिकारियों ने रेडियो पर ही इस बात की तसल्ली कर ली कि आने वाले सामान में विस्फोटक है या कोई अन्य सामग्री
सभी आतंकी सीमापार के : मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सभी पाकिस्तान सीमापार के बताए जाते हैं। पहले ये समुद्री रास्ते से गुजरात के पोरबंदर पहुँचे। यहाँ आतंकियों ने भारतीय नौका कुबेर पर जबरिया कब्जा कर लिया। बाद में इसी नाव से मुंबई पहुँचे। आतंकियों ने नाव के पायलेट को मार दिया। नौका के पाँच सदस्य अभी भी लापता हैं। बुधवार रात से अब तक नौ विदेशी सैलानी आतंकियों की गोली का शिकार हो चुके हैं।
गिरफ्तार आतंकी की पहचान ! : कमांडो ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार एक आतंकी की पहचान हो गई है। बताते हैं वह पाकिस्तान का रहने वाला है। अपुष्ट जानकारी के अनुसार इस्माईल नामक यह आतंकवादी पाकिस्तान के फरीदकोट का रहने वाला है। उसके लश्कर-ए-तोयबा से संबंध होने की आशंका है। उसे बुधवार रात तलाशी अभियान के दौरान हिरासत में लिया गया।
मनमोहन का कड़ा रुख : देश के नाम अपने संदेश में प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने आतंकियों से कड़ाई से निपटने की बात कही। उन्होंने कहा संदिग्धों को देश में घुसने नहीं दिया जाएगा। देश हमलों में शहीद हुए पुलिस और सेना के जाँबाज वीरों को सलाम करता है।
टाटा ने की हमलों की निंदा : जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा ने मुंबई में हुए आतंकी हमलों की निंदा की है। उन्होंने ताज और ओबेराय दोनों होटलों में ठहरे सैलानियों को रिहा करने के लिए सेना का धन्यवाद अदा किया। उल्लेखनीय है कि 'ताज' इंडिया होटल ग्रुप का हिस्सा है और रतन टाटा इस ग्रुप के अध्यक्ष हैं।

Wednesday, November 26, 2008

नशे का गढ़ है अफगानिस्तान

आधुनिकता की दौड़ में अफगानिस्तान की अपनी एक अलग दास्तां है। कहने को तो यहां तालिबान की सत्ता खत्म हो गई है लेकिन अभी भी कई मोर्चो पर फौजें विद्रोहियों से जूझ रही हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की मानें तो तबाही के आलम में जीता यह मुल्क दुनिया भर में 90 फीसदी हेरोइन की तस्करी कर सालाना 200 अरब डालर की उगाही कर रहा है।2001 में अमेरिकी फौजों के अफगानिस्तान में पहुंचने के बाद से ड्रग के इस कारोबार में 33 गुना [हर साल 8,250 मीट्रिक टन] की वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि पिछले सात सालों में अमेरिका अफगानिस्तान की सुरक्षा पर 177 अरब डालर खर्च कर चुका है। सीआईए का कहना है कि अमेरिकी अगुवाई वाले बहुराष्ट्रीय सेना की लाख कोशिश के बाद भी अफगानिस्तान में ड्रग का धंधा धीमा पड़ने का नाम नहीं ले रहा है। बल्कि यह कारोबार रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। जानकारों का कहना है कि नशे का यह कारोबार दरअसल अमेरिका की ही देन है।वियतनाम युद्ध के समय से ही अफगानिस्तान दुनिया भर में हेरोइन का एक बड़ा भाग सप्लाई करने लगा था। 1975 में इस युद्ध के खत्म होने के बाद सोवियत यूनियन ने अफगानिस्तान में पैर पसारने शुरू किए। इसे देखते हुए सीआईए ने रूसियों को खदेड़ने के लिए अफगानी मुजाहिदीनों को सहायता दी। उन्हें हेरोइन के जरिए फंड जुटाने की छूट दी। इस विषय के जानकार अल्फ्रेड मेकाय के अनुसार 'सोवियत संघ को खदेड़ने के लिए सीआईए की अफगानिस्तान में चलाई गई गतिविधियों के कारण ही पाकिस्तान-अफगान सीमा वाला क्षेत्र दुनिया का सबसे बड़ा हेरोइन उत्पादक क्षेत्र बन गया और उसका वैश्विक तंत्र मजबूत हो गया।

Monday, November 24, 2008

छोटे भाई की पत्नी से दुष्कर्म

दहेज की मांग पूरी न होने पर एक व्यक्ति ने रिश्तों को तार-तार करते हुए अपने छोटे भाई की पत्नी को बंधक बनाकर उसके साथ चार-पांच दिन तक दुष्कर्म किया। महिला ने किसी तरह इसकी सूचना अपने मायके वालों को दी। मायके वालों ने सोमवार को उसे ससुरालियों के चंगुल से मुक्त कराया। पीड़ित का पिता जब मामले की शिकायत करने थाने पहुंचा, तो पुलिस ने उल्टे उसे ही हवालात में बंद करने की धमकी देकर भगा दिया। बाद में मामला आला अफसरों के संज्ञान में आने के बाद तहरीर ली गई।बिसरख थाना क्षेत्र के हबीबपुर गांव निवासी जयराम जाटव के बेटे राधेश्याम की करीब ढाई साल पहले निलोनी शाहपुर गांव के भीखा की बेटी से शादी हुई थी। पीड़ित के पिता का आरोप है कि राधेश्याम और उसके परिवार वाले दहेज के लिए उनकी बेटी को लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। शादी में पल्सर मोटरसाइकिल समेत काफी सामान दिया गया था, लेकिन ससुराल वाले इससे भी खुश नहीं हुए। बाद में ससुराल वाले मारुति कार व पांच लाख रुपये की मांग करने लगे। बीते 16 नवंबर को राधेश्याम और उसके घर वाले निलोनी शाहपुर पहुंचे और मिन्नत करके महिला को हबीबपुर ले आए। महिला के पिता का आरोप है कि दहेज न देने पर राधेश्याम के घर वालों ने उनकी बेटी को बंधक बना लिया और उसके जेठ राजाराम ने उसके साथ चार-पांच दिन तक दुष्कर्म किया। सोमवार को किसी तरह उनकी बेटी ने फोन पर अपनी मां को पूरी बात बताई। इसके बाद वह हबीबपुर पहुंचे और ससुराल वालों के चंगुल से बेटी को मुक्त कराया। जब वह बिसरख थाने पहुंचे, तो थानाध्यक्ष ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। उनका आरोप है कि पुलिस ने उन्हें धमकी दी कि वह मामले की शिकायत किसी ओर से करेगा तो उसे हवालात में बंद कर दिया जाएगा।सीओ राजेश कुमार सिंह ने कहा कि मामले की तहरीर ले ली गई है और जांच के लिए पुलिस को गांव में भेज दिया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

भारतीय युवती को पति ने मारी गोली

भारत के केरल राज्य की एक 24 वर्षीय आप्रवासी युवती की उसके पति ने न्यूजर्सी के एक गिरिजाघर में गोली मारकर हत्या कर दी और दो अन्य को गंभीर रूप से घायल कर दिया।हमलावर की पहचान 27 वर्षीय जोसेफ सेनिश पाल्लीपर्थ के रूप में की गई है। अपनी बीवी रेशमा जेम्स की तलाश में वह कैलिफोर्निया से न्यूजर्सी तक की यात्रा कर आया था।पुलिस का कहना है कि जोसेफ अभी और खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि उसके पास अब भी वह एक सिल्वर हैंडगन है, जिससे उसने अपनी पत्नी को गोली मारी थी। हादसे के चार घंटे बाद रेशमा ने दम तोड़ दिया जबकि दो अन्य घायल अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। अस्पताल ने इस संबंध में कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया।सूत्रों का कहना है कि गिरिजाघर में जोसेफ का रेशमा से कुछ विवाद हुआ और जोसेफ ने उसे तथा दो अन्य लोगों को गोली मार दी। रेशमा हाल ही में जोसेफ को छोड़कर न्यूजर्सी में अपने एक परिजन के साथ रहने लगी थी। जिस समय चर्च में यह घटना हुई उस समय वहंा करीब 200 लोग मौजूद थे।घटना के फौरन बाद पुलिस को ढेर सारे आपात फोन मिले। लेकिन पुलिस के चर्च पहुंचने से पहले जोसेफ एक जीप में बैठकर फरार हो गया। उसे तलाश किया जा रहा है।

Sunday, November 23, 2008

आर्ट ऑफ लिविंग को आतंकवाद से जोड़ना साजिश

आर्ट ऑफ लिविंग को आतंकवाद से जोड़ना सोची-समझी साजिश है। यह सब राजनैतिक लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है। श्रीश्री रविशंकर ने सेक्टर-32 में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग विश्व में शांति का संदेश देने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि दर्शन लाइन के दौरान शिविर में आने वाले लोगों का कोई रिकार्ड नहीं रखा जाता है। ले. कर्नल श्रीकांत पुरोहित कब शिविर में आए, कब उनसे मिले, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। यह कहना सरासर गलत है कि कर्नल ने मालेगांव धमाकों की सारी योजना उन्हें बताई थी। मानसिक तनाव दूर करने के उपाय जानने उनके पास कई सैन्य अधिकारी आते हैं। उन पर कैसे शक किया जा सकता है। कर्नल पुरोहित के बारे में कोई भी जानकारी उनके पास होती, तो वह उससे बात कर हिंसा का पथ त्यागने की शिक्षा देते। इसके लिए वह किसी भी जांच से गुजरने को तैयार हैं। जांच में हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से जेल में आतंकवादियों व श्रीलंका में माओवादियों को सुदर्शन क्रिया करवाई जा रही है। उनमें लिट्टे से लेकर हिजबुल मुजाहिदीन तक के आतंकी शामिल होते हैं। उन्हें सही राह अपनाने को योग की शरण में आने के लिए प्रेरित किया जाता है, लेकिन यह कहना सरासर गलत है कि आर्ट ऑफ लिविंग आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। वह तो आतंकवाद से जुड़े लोगों को खुला निमंत्रण देते हैं कि वह उनके शिविर में आएं व अपनी मानसिकता बदलें। किसी को फासी चढ़ाने से आतंकवाद जैसी समस्या का समाधान होने वाला नहीं है। चाहे वह अफजल गुरु ही क्यों न हो। साधु समाज की आड़ में अगर कोई आतंक को बढ़ावा दे रहा है, तो यह बहुत ही निंदनीय है। पंचमढ़ी में 16 से 18 अक्तूबर तक कर्नल पुरोहित द्वारा लगाए गए बच्चों के शिविर में आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षक जिगीस सुदर्शन क्रिया व प्राणायाम करवाने गए थे। शिविर में रोजाना सुबह छह से सात बजे तक एक घंटे पचास बच्चों को सुदर्शन क्रिया करवाई जाती थी। शिविर किस उद्देश्य से चलाया जा रहा था, उसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। जिगीस ने कहा कि वह छतीसगढ़ में थे व उन्हें कहा गया कि बच्चों में देशभक्ति की भावना को जागृत करने के लिए शिविर लगाया गया है। उसमें जाकर अध्यात्मिक शिक्षा देनी है। इस दौरान वह कर्नल पुरोहित से एक बार मिले, लेकिन ऐसा कभी नहीं लगा कि वह आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं।

पांच सौ एकड़ जमीन का भू उपयोग बदला

शहर में कमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकरण ने पांच सौ एकड़ भूमि का भू-उपयोग परिवर्तित किया है। इसके लिए मास्टर-प्लान में भी संशोधन किया गया है। अब प्राधिकरण के पास उपलब्ध कमर्शियल भूमि नोएडा की कुल भूमि की चार प्रतिशत से बढ़कर पांच प्रतिशत हो गई है। एक प्रतिशत के रूप में बढ़ी पांच सौ एकड़ भूमि अलग-अलग सेक्टरों में ली गई है।

कुछ दिन पहले हुई प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इसे हरी झंडी दी गई थी। कमर्शियल गतिविधियां बढ़ाने के साथ अधिक आमदनी के उद्देश्य से कमर्शियल प्रयोग की कुल चार प्रतिशत भूमि को बढ़ाकर पांच प्रतिशत किया जाना था। बोर्ड बैठक से हरी झंडी मिलने के बाद प्राधिकरण अधिकारियों ने इस दिशा में कार्य शुरू किया था। पांच सौ एकड़ भूमि का भू-उपयोग परिवर्तित करने के लिए मास्टर प्लान में भी संशोधन किया जाना था। चूंकि सबसे महंगी जमीन के रूप में कमर्शियल भूमि को बेचा जाता है। ऐसे में पांच सौ एकड़ जमीन बढ़ने के बाद प्राधिकरण को इससे खासी आमदनी भी होगी। वहीं प्राधिकरण को किसी अन्य प्रकार की भूमि को कमर्शियल के लिए देना होगा। प्राधिकरण किसी भी स्थिति में ग्रीन एरिया को कम नहीं कर सकता। वहीं नोएडा की स्थापना औद्योगिक नगरी के रूप में की गई थी, ऐसे में प्राधिकरण औद्योगिक प्रयोग के लिए चिंहित की गई भूमि का भू-उपयोग नहीं करेगा। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए रिहायशी क्षेत्र को बसाना भी आवश्यक है। ऐसे में प्राधिकरण के पास संस्थागत क्षेत्र को कम करने का विकल्प बचा हुआ था। हालांकि सभी प्रकार की जमीन के भू-उपयोग को थोड़ा परिवर्तित करके पांच सौ एकड़ भूमि कमर्शियल क्षेत्र के रूप में बढ़ाई गई है। कमर्शियल एरिया में व्यवसायिक गतिविधियों के साथ मॉल, शापिंग कांप्लेक्स, शोरूम, दुकानें व अन्य गतिविधियों को करने की अनुमति होगी।

बाला साहब से मिले राज ठाकरे

मराठी गर्व का एजेंडा शिवसेना से झटकने वाले महाराष्ट्र नव निर्माण सेना [मनसे] प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को अपने चाचा और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे से मुलाकात की। भले ही इसे सामान्य मुलाकात बताया जा रहा है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है। 2006 में मनसे के गठन के बाद बाला साहब के साथ राज की यह पहली मुलाकात है।मनसे के सूत्रों ने कहा कि राज ने वयोवृद्ध नेता से बांद्रा स्थित उनके आवास मातोश्री में मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली, लेकिन इस मुलाकात से अफवाहों का बाजार गर्म है।

मनसे सूत्रों ने कहा कि चाचा-भतीजे की मुलाकात का प्रभाव सेना और मनसे के कार्यकर्ताओं पर पड़ेगा। इससे पहले राज ने बाल ठाकरे से 23 जनवरी 2006 को सेना प्रमुख के जन्मदिन पर मुलाकात की थी।अपने चाचा की ही तरह कार्टूनिस्ट राज ने कहा कि मैं आज उनकी कुछ पुरानी किताबों को लौटाने के लिए उनसे मिलने गया था जो अब तक मेरे पास थीं। हमने कार्टून पर बात की। राज ने कहा कि हमने राजनीति के इतर बातें कीं।मुलाकात के दौरान उद्धव भी मौजूद थे जिनसे मतभेद के कारण राज ने सेना छोड़कर मनसे का गठन किया था। राज ने कहा कि उनके चाचा ने आज सुबह फोन करके पुरानी किताबें मातोश्री भेजने को कहा। मैंने उन्हें किताबें पहुंचाने की पेशकश की और मातोश्री चला आया। उन्होंने कहा कि इतने समय बाद उनसे मुलाकात कर मैं खुश हूं।दो साल पहले बाल ठाकरे ने शिवसेना की एक बैठक में सार्वजनिक रूप से राज को डांटा था और कहा था कि उन्हें उनके नाम एवं फोटोग्राफ का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। पिछले दो साल में चाचा एवं भतीजे में संवाद का एकमात्र माध्यम कभी कभार फोन करना एवं जन्मदिनों पर तोहफे का आदान-प्रदान था।राज ने 18 दिसंबर 2005 को घोषणा की थी कि वह शिवसेना छोड़ रहे हैं और 2006 में उन्होंने मनसे का गठन किया। राज ने 27 नवंबर 2005 को उद्धव की कटु आलोचना करते हुए शिवसेना के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि शिवसेना को समान हितों वाले किरानी चला रहे हैं। शिवसेना छोड़ने के कारणों के बारे में राज ने कहा था कि मुझे सम्मान मिलने की उम्मीद थी लेकिन मेरा तिरस्कार हुआ।

Friday, November 21, 2008

एसएसपी के आश्वासन के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं

कैब में सवारी बनकर बैठे आधा दर्जन बदमाशों ने एक आईटी कर्मी को बंधक बनाकर करीब 45 हजार रुपये का सामान लूट लिया। वारदात के बाद बदमाश उसे सुनसान जगह पर उतार कर भाग गए। वारदात 17 नवंबर की रात की है। एसएसपी से गुहार लगाने के बावजूद कोतवाली सेक्टर-58 पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। हालांकि पुलिस जांच करने का दावा कर रही है।वारदात वाली रात साढ़े ग्यारह बजे सेक्टर-58 स्थित सीएससी आईटी कंपनी में काम करने वाला युवक दफ्तर से रजत विहार स्थित अपने घर के लिए निकला था। वह ऑफिस के बाहर ऑटो का इंतजार कर रहा था, तभी सफेद रंग की आठ सीटर मारुति ओमनी कैब उसके पास आकर रुकी, जिसमें पहले से ही छह लोग बैठे थे। वह भी रजत विहार जाने के लिए गाड़ी में बैठ गया। पिछली सीट पर बैठे दो लोगों ने किसी कंपनी का फर्जी पहचान पत्र लटका रखा था।रजत विहार पहुंचने पर उसने गाड़ी रोकने को कहा तो कार में बैठे बदमाशों ने उसे धमकी दी कि वह चुपचाप बैठा रहे, नहीं तो मार दिया जाएगा। उसने एक बार शोर मचाने का प्रयास किया, लेकिन शीशे बंद होने के कारण उसकी आवाज बाहर नहीं गई। इस पर बदमाशों ने उसकी पिटाई कर दी। बदमाश उसे गाड़ी में बंधक बनाकर पहले रजत विहार में घूमते रहे फिर ममूरा गए और वहां से सेक्टर-61 की तरफ चलने लगे। बदमाश तब तक उससे 35 हजार रुपये की दो अंगूठी, हजार रुपये की घड़ी और दस हजार रुपये के दो मोबाइल फोन लूट चुके थे। सेक्टर-61 के पास बदमाशों ने अपनी कार सुनसान व अंधेरे रास्ते पर मोड़ दी। करीब एक किलोमीटर जाकर उन्होंने उसे उतार दिया। भागते समय बदमाशों ने बैक लाइट बंद कर दी, जिससे वह कार का नंबर नोट नहीं कर सका।वारदात के बाद पीड़ित कोतवाली सेक्टर-58 में अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचा, लेकिन पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। पुलिस ने उससे केवल मोबाइल गुमशुदगी की तहरीर मांगी, लेकिन उसने तहरीर देने देने से इनकार कर दिया। रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वह तीन दिन तक कोतवाली के चक्कर काटता रहा। कोई कार्रवाई होती न देख उसने 20 नवंबर को एसएसपी आरके चतुर्वेदी से मुलाकात की। उन्होंने उसे रिपोर्ट दर्ज करा जांच का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद चार दिन बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।

इतिहास बनी सितार की झंकार

बांसुरी की मधुर धुन, तबले की तान व सितार की भाव-विभोर करने वाली झंकार से माहौल संगीतमय हो गया। एक ही मंच पर बारह सौ सितार जब एक साथ बजे, तो लगा मानो किसी दूसरे ही लोक में पहुंच गए हैं। लोग राग-गारा, राग बागेश्वरी और राग हंस ध्वनि की लय व ताल पर झूम रहे थे। मौका था सेक्टर-32 में आर्ट आफ लिविंग द्वारा आयोजित ब्रह्मानाद का।शुक्रवार की शाम पौने सात बजे शुरू हुआ ब्रह्मानाद नाम से यह अनोखा संगीत कार्यक्रम गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज होगा।प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने लोगों को योग का संदेश दिया। उनके नाद ब्रह्मा, निनाद ब्रह्मा, शब्द ब्रह्मा, नि:शब्द ब्रह्मा उच्चारण करते ही हजारों की संख्या में उपस्थित उनके साधक अभिभूत हो उठे। उन्होंने कहा कि असंभव को संभव करना ही योग की शक्ति है। जिस तरह मछली जल में विचरण करती है, योग में ध्यान करते समय मनुष्य भी उसी तरह हवा में विचरण करता है। ब्रह्मानाद को आयोजित करने का उद्देश्य लुप्त होते भारतीय शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाना व संगीत के माध्यम से विश्व में शांति व सद्भाव का संदेश फैलाना है। इससे एकत्रित होने वाली राशि को बिहार बाढ़ पीड़ितों की राहत व पुर्नवास कार्य के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि अहिंसा योग का पहला नियम है। तनाव मुक्त होने के लिए संगीत का सहारा जरूरी है। ब्रह्मानाद के दौरान राजस्थान से आए स्वामी स्वतंत्र आनंद ने श्रीश्री रविशंकर की स्मृति पत्रिका का विमोचन भी किया। यूरोपियन सांसद एरिक मार्ट ने इस मौके पर निर्वाण व ब्लिस दो सीडी रिलीज की। ब्रह्मानाद में पांच हजार युवकों ने देश को तंबाकू मुक्त करने का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम में कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया।

Wednesday, November 19, 2008

माकपा के 21 कार्यकर्ताओं को उम्रकैद

पश्चिम बंगाल की एक त्वरित अदालत ने बुधवार को मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता जहूर अली की हत्या के आरोप में पार्टी के 21 कार्यकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।आरामबाग उपमंडलीय अदालत के अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश गौतम सेन गुप्ता ने मुख्य आरोपी असगर अली और 20 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। लोक अभियोजक अब्दुल समद ने बताया कि माकपा कार्यकर्ता असगर अली और उसके 20 सहयोगियों ने पार्टी की आतंरिक दुश्मनी की वजह से बुलुंडी गांव में पार्टी नेता जहूर अली की 25 मार्च 2006 को हत्या कर दी थी। त्वरित न्यायालय ने इस मामले में 20 गवाहों की गवाही के आधार पर आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी। बचाव पक्ष के वकील स्वप्न घोष ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे।

सिस्टर अभया मर्डर केस में दो पादरी बंदी

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 16 साल पुराने सिस्टर अभया हत्याकांड मामले में पहली महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए दो पादरियों को गिरफ्तार किया है।सीबीआई अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दोनों कैथोलिक पादरियों फादर थामस कोट्टूर और फादर जोंस पुथरीक्कायिल को कल शाम कोट्टायम से गिरफ्तार किया गया। अपुष्ट समाचारों के अनुसार कोट्टायम के पायस टेंथ कंवेंट की सिस्टर सेफी को भी गिरफ्तार किया गया है।

सीबीआई ने गत वर्ष इन तीनों का नार्को टेस्ट कराया था और तीनों के खिलाफ सिस्टर अभया की हत्या में हाथ होने के सबूत मिले थे। कोट्टायम स्थित पायस टेंथ कांवेंट की 21 वर्षीय सिस्टर अभया की लाश 27 मार्च, 1992 में कांवेट के एक कुएं में मिली थी। हालांकि पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या का मामला बताया था लेकिन बाद में सीबीआई की जांच और फारेंसिक रिपोर्टो से पता चला कि सिस्टर अभया की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई।गौरतलब है कि इस साल चार सितंबर को केरल हाईकोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीबीआई की दिल्ली शाखा को निर्देश दिया था कि मामले की जांच कोच्चिं शाखा को सौंप दें। सीबीआई ने 29 मार्च 2003 को मामले को अपने हाथ में ले लिया था और तीन रिपोर्ट जमा की थी। इसमें कहा गया था कि यह हत्या का मामला था लेकिन उसे संदिग्ध नहीं मिला। हाईकोर्ट ने रिपोर्ट को स्वीकारने से इनकार कर दिया था और जांच एजेंसी से आगे तहकीकात करने को कहा था। इस मामले की अब तक 12 बार जांच हो चुकी है। इस मामले की जांच करने वाला सीबीआई का यह 13 वां दल है।

पिछले वर्ष अप्रैल में एक समाचार पत्र ने खबर दी कि तिरूवनंतपुरम स्थित एक प्रयोगशाला में नन की मेडिकल रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ की गई थी। इसके बाद इस मामले पर जांच फिर से शुरू की गई। अभया के पिता ने इन गिरफ्तारियों पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे मामले की जांच में मदद मिलेगी और सच्चाई सामने आएगी। गिरफ्तारियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केरल के मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन ने कहा कि कुछ लोगों को काफी अधिक सम्मान दिया जाता है लेकिन ऐसी घटनाओं से सिद्ध होता है कि वे भी अन्य लोगों की तरह ही सामान्य लोग है।



प्रियंका-अंजू में थे समलैंगिक संबंध

उत्तरप्रदेश के मेरठ में अपने माता-पिता को मौत के घाट उतारने वाली बेटी और उसकी सहेली के बीच समलैंगिक संबंधों का आरोप लगने से इस चर्चित मामले में एक नया मोड़ ले लिया है।दूसरी तरफ, आनन-फानन में इसका खुलासा करने वाली पुलिस की कहानी में भी काफी झोल नजर आने लगे हैं। मृतक दंपति के परिजनों ने पुलिस की यह बात मानने से इनकार कर दिया है कि दोनों अकेली लड़कियों ने घर में पालतू कुत्ता होते हुए इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया।

उल्लेखनीय है कि गत 10 नवंबर की देर रात मेडिकल थाना क्षेत्र स्थित प्रेम प्रयाग कॉलोनी निवासी उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन से सेवानिवृत्त जूनियर इंजीनियर प्रेमवीर सिंह और उनकी पत्नी संतोष की गला दबाकर और चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। मौके से बरामद साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने इस दोहरे हत्याकांड में परिवार के किसी नजदीकी सदस्य के शामिल होने की आशंका व्यक्त की थी।

गत 17 नवंबर को पुलिस ने इस हत्याकांड के आरोप में मृतक दंपति की बेटी प्रियंका एवं उसकी सहेली अंजू को गिरफ्तार करके पत्रकारों के समक्ष पेश किया था। उनके कब्जे से घर से चुराए गए 50 हजार रुपये, लाखों की एफडी और सोने के आभूषण भी बरामद किए गए थे। दोनों ने ही स्पष्ट रूप से अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया था।इस दोहरे हत्याकांड के बाद मृतकों के परिजन आमतौर पर चुप्पी साधे रहे लेकिन आज हत्यारोपी प्रियंका की बुआ प्रभावती यहां मीडिया से रूबरू हुईं। उन्होंने स्पष्ट आरोप लगाया कि प्रियंका और अंजू के बीच समलैंगिक संबंध थे। प्रभावती के अनुसार अंजू ने ही प्रियंका से अंतरंग संबंध रखने के लिए अपने छोटे भाई अजेंद्र से शादी करवाई थी, जबकि अजेंद्र न सिर्फ प्रियंका से करीब चार वर्ष छोटा है बल्कि विवाह से पहले उसे दीदी कहकर बुलाता था। उन्होंने इस दोहरे हत्याकांड का मास्टर माइंड अंजू को करार देते हुए कहा कि दोनों को अलग-अलग रखकर उनका नार्को टेस्ट करवाया जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी।पुलिस की कहानी में अनेक पेचीदगी बताते हुए प्रभावती ने कहा कि अकेली लड़कियां कैसे दोहरे हत्याकांड को अंजाम दे सकती हैं, जबकि घर में कुत्ता भी पाला हुआ था। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि दोनों लड़कियों के साथ कुछ युवक अवश्य रहे होंगे, जिन्होंने यह हत्याएं कीं।पुलिस अधीक्षक राकेश जौली के अनुसार प्रियंका और अंजू के बीच अंतरंग संबंधों की बात सामने आने के बाद इस बारे में छानबीन शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि दोनों को यहां अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

Saturday, November 15, 2008

बिना खर्च, चार करोड़ की कमाई!

पुलिस के सामने ही सड़क पर खुलेआम चलता है आटो चालकों से वसूली का कारोबार एक ऑटो से निर्धारित है दस रुपया प्रतिदिन:- बिना एक पैसे की पूंजी लगाए करोड़ों की कमाई। एक अवैध कारोबार, वो भी खुलेआम सड़क पर। उस पर तुर्रा यह कि सब कुछ पुलिस की आखों के ठीक सामने। जी हां, हम बात कर रहे हैं बीच सड़क ऑटो चालकों से जबरन उगाही की। एक ऐसा धंधा जिसमें हींग लगे न फिटकरी फिर भी रंग चोखा। उगाही भी ऐसी जिसे सुनकर हर कोई दांतों तले उंगली दबा लेगा। एक लाख बीस हजार रुपये प्रतिदिन। 36 लाख रुपया महीना। यानी 4 करोड़ 32 लाख रुपया सालाना! चौंकिये मत, यह कोई मजाक नहीं बल्कि हकीकत है। डंडे के जोर पर होता है कारोबार : इस अवैध कारोबार को कुछ दबंग किस्म के लोग डंडे के जोर पर संचालित करते हैं। इसके लिए बाकायदा एक संगठित तरीके से काम किया जाता है। अगर कोई ऑटो चालक इन लोगों को रुपया देने से इंकार करता है तो ऐसे में यह मारपीट करने से भी नहीं चूकते।

उगाही के बदले गारंटी :-सूत्र बताते हैं कि दस रुपया प्रतिदिन देने पर आटो चालकों की प्रत्येक समस्या के समाधान की गारंटी ली जाती है। इसमें यदि किसी आटो चालक के खिलाफ चालान की कार्रवाई होती है तो गिरोह द्वारा ही इस चालान के जुर्माने का भुगतान किया जाता है।

पुलिस की मिलीभगत :-सूत्र बताते हैं कि इस पूरे अवैध कारोबार में कुछ पुलिसकर्मी भी जुडे़ होते हैं। इस बात को इससे भी बल मिलता है कि पुलिस के सामने ही यह लोग आटो चालकों से उगाही करते हैं और पुलिसकर्मी आराम से इस पूरे कृत्य को देखकर भी अनजान बने रहते हैं। महानगर में ऐसे कई स्थान हैं जहां पुलिस की चेकिंग भी होती है और दबंगों द्वारा आटो चालकों से उगाही भी। घंटाघर चौक, सीमापुरी बार्डर, महराजपुर बार्डर, लालकुआं व विजयनगर तिराहा ऐसे ही कुछ स्थान हैं, जहां आटो चालकों से खुलेआम उगाही की जाती है।

महानगर में 12 हजार आटो :-वर्तमान समय में महानगर में 12 हजार से ज्यादा आटो विभिन्न रूट पर दौड़ते हैं। प्रति आटो चूंकि दस रुपये की वसूली की जाती है। यानी एक लाख बीस हजार रुपया प्रतिदिन व 36 लाख रुपया महीना इन आटो से वसूली की जाती है। यदि एक साल का आंकड़ा निकाला जाए तो पता चलता है कि यह रकम 4 करोड़ 32 लाख बैठती है। सूत्र बताते हैं कि उगाही की इस बड़ी रकम का एक हिस्सा पुलिस को भी जाता है। इसी से पुलिस इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती।

पूर्व एसएसपी द्वारा की गई थी कार्रवाई:-करीब दो वर्ष पूर्व गाजियाबाद के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीयूष मोर्डिया द्वारा आटो चालकों से उगाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। एसएसपी ने स्वयं घंटाघर चौक से उगाही करते कुछ युवकों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद कुछ दिनों तक तो यह धंधा बंद रहा, मगर समय के साथ-साथ फिर से इस अवैध कारोबार से जुडे़ लोगों ने अपनी जडे़ जमा लीं।

सख्त होगी कार्रवाई : एसएसपी एसएसपी एल। रवि कुमार का कहना है कि इस प्रकार का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है तो यह वाकई गंभीर अपराध है। एसएसपी का कहना है कि अब वह स्वयं गोपनीय तरीके से इस मामले की जांच करेंगे। आटो चालकों से उगाही करने वाले तो जेल जाएंगे ही साथ ही साथ संबंधित पुलिसकर्मियों व थानेदारों के खिलाफ भी सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

Friday, November 14, 2008

तीन साल में परिवहन विभाग को सात करोड़ का चूना

विभिन्न कंपनियों में चल रही एक सौ सत्तर गाड़ियों के मार्फत हरियाणा के दो लोगों ने यूपी परिवहन विभाग को 33 माह में लगभग सात करोड़ का चूना लगा दिया। इसके लिए परिवहन विभाग की फर्जी रसीद व फर्जी मोहरों का सहारा लिया गया। सेक्टर-58 कोतवाली ने दो ट्रेवल एजेंसी मालिकों को गिरफ्तार किया है। डीएम ने परिवहन विभाग की भूमिका की जांच के लिए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।एसएसपी आरके चतुर्वेदी ने बताया कि सूचना मिली कि ट्रेवल एजेंसियां परिवहन विभाग के टैक्स की चोरी कर रही हैं। सूचना के आधार पर मामूरा चौक से हिसार (हरियाणा) निवासी करमवीर व फतेहाबाद (हरियाणा) निवासी गुरविंदर सिंह को सेक्टर-58 कोतवाली ने गिरफ्तार किया। इनसे हुई पूछताछ के आधार पर इनके वर्तमान निवास मानसरोवर अपार्टमेंट, सेक्टर-61 से फर्जी मोहरें, यूपी परिवहन विभाग की फर्जी रसीद, एक लैपटॉप व स्टांप पैड बरामद किया। गिरफ्तार दोनों आरोपी सिपीया व गुरुकृपा ट्रेवल नाम से ट्रेवल एजेंसी चलाते हैं। इनकी 170 गाड़ियां नोएडा में स्थित अल्का टेक , पटनी समेत कुछ और कंपनियों में चलती थीं।

कई रसूखदार भी हैं शामिल:-पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस घपले में हरियाणा व नोएडा के कई रसूखदार लोग भी शामिल हैं। इसकी जांच की जा रही है। साथ ही उन कंपंनियों के अधिकारियों के मिले होने की भी संभावना है, इनकी कंपनियों में गाड़ियां चलती थीं।

कैसे हो रहा था घपला:-कंपनियां से ट्रेवल एजेंसी यूपी के बाहर की गाड़ियों के लिए तय किराये से लगभग चौदह हजार रुपये ज्यादा परिवहन विभाग के टैक्स के नाम पर लेती हैं। मार्च 2006 के शासनादेश के अनुसार अन्य राज्यों की गाड़ियों को यूपी में व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए चलाने के एवज में परिवहन विभाग को 13,680 रुपये प्रति माह देने होंगे। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को फर्जी मोहर व परिवहन विभाग की फर्जी रसीद बना कर परिवहन विभाग को पैसा जाम होने का सबूत कंपनियों को पेश कर देते थे, जबकि ये लोग तीस दिन की बजाए परिवहन विभाग से तीन दिन के ही टैक्स का रसीद कटाते थे। यही नहीं यूपी की गाड़ियों को भी अन्य राज्यों का नंबर लगा उनके भी पैसे कंपनियों से वसूला करते थे।कौन-कौन है जांच के घेरे मे

-परिवहन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी

-अन्य ट्रेवल एजेंसियां

-जिन कंपनियों में चल रही थी गाड़ियां उनके अधिकारी

-हरियाणा से जुड़े कुछ सफेदपोश

-लगभग तीन हजार ऐसी गाड़ियां जो अन्य राज्यों से नोएडा में आती हैं।

कूड़े में बम धमाका, दो बच्चे घायल



नॉएडा शहर के सेक्टर 22 में शुक्रवार दोपहर सड़क किनारे पड़े कूड़े में धमाका होने से कचरा बीन रहे दो सगे भाई घायल हो गए। दोनों को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। धमाके के बाद पुलिस तो तत्काल मौके पर पहुंच गई, लेकिन बम स्क्वॉयड और डॉग स्क्वायड सहित बम निरोधक दस्ता लगभग एक घंटे देरी से पहुंचा। घायल बच्चे के मुताबिक धमाका हरे रंग के देसी बम से हुआ। प्रशासन ने दोनों बच्चों के इलाज का खर्च उठाने की घोषणा की है। एसएसपी ने इसे आतंकी गतिविधि मानने से इनकार किया है। पुलिस को मौके से कोई सबूत नहीं मिला है।

धमाका शुक्रवार दोपहर एक बजकर तीन मिनट पर सेक्टर 22 की मुख्य सड़क पर राजकीय इंटर कॉलेज के ठीक सामने हुआ। मौके पर पहुंची कोतवाली सेक्टर 24, 58 व 20 पुलिस ने पट्टी लगाकर घटना स्थल के आसपास घेराबंदी कर दी। धमाके के समय चौड़ा गांव निवासी लखन के दो बेटे मोनू व गोलू वहां कूड़ा बीन रहे थे। लखन मूल रूप से बिहार के सीतामणी का रहने वाला है और सेक्टर 12 में पराठे की ठेली लगाता है। अस्पताल में भर्ती गोलू के मुताबिक कूड़े से कुछ दूरी पर हरे रंग की सुतली से लिपटी हुई गोलाकार चीज दिखाई दी थी, जिसे उसके भाई मोनू ने उठाकर कूड़े में डाल दिया। इससे जोरदार धमाका हुआ। फिर क्या हुआ उसे पता नहीं। घटना स्थल के पास ही चाय की दुकान लगाने वाले प्रत्यक्षदर्शी सोनू का कहना है कि दोनों बच्चों ने सड़क किनारे से हरे रंग की कोई गोलकार चीज उठाई थी। आकार में वह क्रिकेट की गेंद से थोड़ी बड़ी थी। उसे कूड़े में डालते ही जोरदार धमाका हुआ और तेज धुआं उठा। इसके बाद मोनू हाथ झटकता हुआ सड़क पर बदहवास दौड़ने लगा, जबकि गोलू बेसुध था। वहां से गुजर रहे एक मोटरसाइकिल सवार ने एक बच्चे को और दूसरे बच्चे को आसपास के लोगों ने जिला अस्पताल पहुंचाया। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद दोनों बच्चों को एक निजी अस्पताल की एंबुलेंस से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल के डॉक्टर डीके वर्मा ने बताया कि मोनू के एक हाथ का पंजा उड़ गया है। उसके पैर व चेहरे पर भी गंभीर चोट है। वहीं गोलू के दोनों पैर जख्मी हैं। उनके मुताबिक मोनू के जख्मों से लोहे का बुरादा और कुछ कंकरीट जैसी चीज निकली है। उसके चेहरे पर बाई तरफ भी बारूद लगा था। जिस कूडे़ में बम फटा, उसे जांच के बाद प्राधिकरण की मदद से उठवा दिया गया।

एसएसपी आरके चतुर्वेदी का कहना है कि डाक्टरों से हुई बातचीत के आधार पर बम में कम क्षमता का बारूद था, जिसे पटाखों में प्रयोग किया जाता है। उन्होंने धमाकों के पीछे किसी आतंकी साजिश से साफ इनकार किया है। धमाके के करीब दो घंटे बाद मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी श्रवण कुमार शर्मा ने घोषणा की कि घायलों के इलाज में आने वाला खर्च प्रशासन वहन करेगा। इसके अलावा प्रशासन उसके परिवार को भी संभव आर्थिक मदद देगा।

Wednesday, November 12, 2008

तलाक चाहिए पत्नियों को

ब्रिटेन के 2 हजार शादीशुदा महिलाओं और पुरुषों पर किए गए एक सर्वे में चौंकाने वाली बात सामने आई है। सर्वे में 59 फीसदी महिलाओं का कहना है कि अगर वे आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़ी हो जाएँ तो तुरंत अपने पति से तलाक ले लेंगी। महिलाओं और पुरुषों दोनों में 10 में से एक का कहना था कि काश मैंने किसी और से शादी की होती। सर्वे के मुताबिक आधे से ज्यादा पति अपनी शादीशुदा जिंदगी में प्यार का अभाव मानती हैं। इनमें करीब 30 फीसदी ने अपनी शादी को नाकाम माना और कहा कि अचानक जिंदगी में उथल-पुथल से बचने के लिए शादी के बंधन को निभा रहे हैं। महिलाओं और पुरुषों में करीब आधे ने कहा कि परिवार को बिखरने से बचाने के लिए हम साथ रह रहे हैं। 30 फीसदी पुरुषों का कहना था कि हम अपने बधनों की खातिर साथ रह रहे हैं। 56 फीसदी लोगों ने माना कि अपने वैवाहिक रिश्तों से पूरी तरह खुश नहीं हैं। आधे से ज्यादा लोगों ने कहा कि हमने तलाक लेने पर विचार किया था।

समझौता एक्स. विस्फोट, पुरोहित से होगी पूछताछ

एटीएस लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित से 2007 में समझौता एक्सप्रेस में हुए बम धमाके के बारे में पूछताछ करने वाली है। एटीएस सूत्रों ने बताया समझौता एक्सप्रेस बम धमाके में भी पुरोहित का हाथ होने की आशंका है। इसके साथ ही और भी कुछ बम विस्फोटों के बारे में पुरोहित के साथ ही अन्य लोगों की भी जाँच की जा सकती है। भारत-पाकिस्तान के बीच शुरू हुई समझौता एक्सप्रेस में 17 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत में बम विस्फोट हुआ था, जिसमें 68 लोग मारे गए थे। बम विस्फोट के बाद जाँच में लश्कर-ए-तोएबा का नाम सामने आया था। एटीएस अब इस बम विस्फोट की नए सिरे से जाँच करना चाहती है। उसे शक है कि इस विस्फोट में भी पुरोहित का हाथ हो सकता है।

Sunday, November 9, 2008

अजनबी शैतान का तेजाबी निशाना

वो मानसिक रोगी हो, चाहे शातिर अपराधी या फिर किसी साजिश का सूत्रधार- 'अजनबी शैतान' डेढ़ महीने से न्यू उस्मानपुर इलाके में आतंक का पर्याय जरूर बना है। महिलाएं तो उसके बारे में चर्चा होते ही कांप उठती हैं। न किसी ने उसका चेहरा देखा, न ही उसकी कोई और पहचान पता चल सकी है। एकदम सुबह या शाम के समय 'अजनबी शैतान' किसी सुनसान इलाके से गुजर रही महिला या लड़की पर अचानक पीछे से आकर तेजाब फेंक देता है। हमले की शिकार जब तक तेजाब की जलन के बीच उसे देखने की कोशिश करती है, संकरी गलियों से वो फरार हो जाता है।एक अक्टूबर को उस्मानपुर थाना क्षेत्र के ब्रह्मपुरी इलाके में रहने वाली नगमा इस सिरफिरे का पहला शिकार बनी। सुबह सात बजे वो घर के पास ही एक दुकान से ब्रेड लेने गई थी। दुकान से लौटते समय अचानक किसी ने उस पर तेजाब फेंका। जब तक वह खुद को संभालती, तेजाब फेंकने वाला नजरों के सामने से ओझल हो चुका था।उस दिन से आज तक कुल आठ युवतियां 'अजनबी शैतान' का शिकार बन चुकी हैं। ज्यादातर घटनाएं सुबह सुनसान माहौल में अथवा शाम को धुंधलका होने के बाद अंजाम दी गई। ये घटनाएं या तो ब्रह्मपुरी में या फिर गौतमपुरी में हो रही हैं। लगातार हो रही इन वारदात के बाद तमाम घरों से तो लड़कियों ने सुबह जल्दी अथवा शाम को घर से निकलना ही बंद कर दिया है। हर घर में तेजाबी हमलावर के किस्से चर्चा में है। सुबह स्कूली छात्रों को घर से बाहर कोई न कोई बड़ा सदस्य ले जाता है। कामकाजी अभिभावकों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है।गौतमपुरी की रहने वाली रुक्सा बताती हैं कि शाम को उन्होंने टीवी पर समाचार देखा था-किसी ने हमारे इलाके में लड़की पर तेजाब फेंक दिया। अगली ही सुबह मेरी बहन अमरीन के साथ वही हादसा हो गया। रुक्सा का पूरा परिवार इस घटना से बुरी तरह डरा है। उसने तो घटना के बाद से कालेज जाना छोड़ दिया है। सुबह-शाम वो घर से बाहर भी नहीं निकल रही है।रुक्सा के ही पड़ोस में रहने वाले श्यामलाल कालेज के छात्र जेएन सिद्धिकी गौका के अनुसार, कोई सिरफिरा ही ऐसी हरकत कर सकता है। बिना कारण कोई लड़कियों व युवतियों को निशाना बना रहा है तो वो सिरफिरा ही हो सकता है। तेजाबी हमले का शिकार हो चुकी चिंकी ओझा के पिता ओम प्रकाश ओझा के अनुसार इस तरह की वारदात करने वाला या तो मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति हो सकता है अथवा किसी साजिश का सूत्रधार। वे आशंका जताते हैं कि ये सब कुछ राजनीति से भी प्रेरित हो सकता है।

मेरठ धमाका कबाडि़यों के लालच का नतीजा

मेरठ में कबाड़ में शनिवार को हुए बम धमाकों को पुलिस ने कबाडि़यों के लालच का नतीजा बताया।रेंज के पुलिस महानिरीक्षक गुरुदर्शन सिंह के मुताबिक कबाड़ी सेना की फायरिंग रेंज से इस तरह के बम उठाकर ले आते हैं और उनमें से पीतल निकालते हैं। उन्होंने कहा कि कल भी पीतल निकालने के लालच में एक बम पर हथौड़े से चोट की गई जिससे उसमें धमाका हो गया।पुलिस उपमहानिरीक्षक पीवी रामाशास्त्री और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रघुवीर लाल ने भी घटना को आतंकी घटना मानने से इनकार कर दिया। सैन्य प्रवक्ता कर्नल एनके बख्शी ने कहा कि कल जिस बम के फटने से हादसा हुआ और जिन बमों को पुलिस ने घटनास्थल से बरामद किया उनका इस्तेमाल मेरठ में नहीं होता है। एक सेनाधिकारी के अनुसार सेना जांच में पुलिस के साथ पूरा-पूरा सहयोग कर रही है।

Saturday, November 8, 2008

संगीतकारों-साहित्यकारों के बीच छिड़ी बहस

कलाओं के आपसी संबंधों को लेकर राजधानी में चल रही दो दिन की राष्ट्रीय संगोष्ठी में गायकों, संगीतकारों और साहित्यकारों के बीच एक नई बहस छिड़ गई है। ललित कला अकादमी केन्द्रीय हिन्दी संस्थान साहित्य अकादमी तथा एशियन फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान द्वारा आयोजित संगोष्ठी में साहित्यकारों का कहना था कि देश के शास्त्रीय गायकों तथा संगीतकारों का संबंध खड़ी बोली के सहित्य से नहीं है और वे अपनी परम्परा से इतने बँधे हैं कि वे अपना आधुनिक विकास नहीं कर पा रहे हैं, जबकि गायकों, संगीतकारों का कहना था कि खड़ी बोली के साहित्य में वह माधुर्य और लोच नहीं है, जो ब्रज भाषा और अवधी में है यही कारण है कि आज भी गायक ब्रज और अवधी भाषा में लिखी गई बंदिशों का इस्तेमाल करते हैं।
वयोवृद्ध संगीतकार एलके पंडित ने कहा कि ब्रज भाषा और अवधी में मधुरता है उसमें रस है और उसमें लिखे गए पद भी काफी छोटे हैं तथा उनमें संगीत का तत्व है इस लिए आज भी गायक इन्हीं भाषाओं की बंदिशें गाते हैं।
हिन्दी के प्रसिद्ध कवि विष्‍णु खरे का कहना था कि भारत के शास्त्रीय गायक आधुनिक हिन्दी साहित्य से बिलकुल कटे हैं और उन्हें खड़ी बोली के साहित्य से कोई लेना देना नहीं है। वे परम्परा से इतने बँधे हैं कि आगे नहीं बढ़ रहे हैं, जबकि पश्चिमी देशों के संगीतकार आधुनिक साहित्य में रचे बसे हैं और उन्होंने उसे संगीत में उतारा है। खरे ने यह स्वीकार किया कि हिन्दी के लेखक भी संगीत की दुनिया से कटे हैं। प्रसिद्ध संस्कृति कर्मी अशोक वाजपेयी का कहना था कि जिस तरह से रवीन्द्र संगीत बना उस तरह से हिन्दी में निराला संगीत नहीं बना और हिन्दी की रचनाओं का संगीत तथा गायन में इस्तेमाल नहीं हुआ। हिन्दी के लेखकों के उस कथन का प्रतिवाद पद्मश्री से सम्मानित मशहूर शस्त्रीय गायिका एवं बेगम अख्तरी की शिष्या रीता गांगुली ने किया। प्रसिद्ध संगीत विशेषज्ञ मुकंद लाठ और जाने माने चित्रकार कृष्ण खन्ना ने खरे की बातों का प्रतिवाद करने की कोशिश की। अंत में संगोष्ठी में यह तय हुआ कि इस विषय पर विस्तारपूर्वक बातचीत होनी चाहिए तथा कलाकारों, लेखकों और चित्रकारों के बीच आपसी संवाद बढ़ना चाहिए। संगोष्ठी में यह भी आम राय उभरी कि संगीत नाटक अकादमी ललित कला अकादमी तथा साहित्य अकादमी को आपस में तालमेल बढ़ाकर इस संवाद को दिशा देनी चाहिए। संगोष्ठी में सर्वश्री कुँवर नारायण, मधुप मुद्गल, मुकेश गर्ग, राजेन्द्र नाथ, शन्नो खुराना, के. विक्रमसिंह, लीला वेंकटरामन, गंगाप्रसाद विमल, कीर्ति जैन और असगर वजाहत जैसे अनेक जाने माने लेखक रंगकर्मी शास्त्रीय गायक तथा चित्रकारों ने भाग लिया।

मेरठ में विस्फोट, पाँच लोगों की मौत

मेरठ के अहमदनगर इलाके की बंगाली बस्ती में शनिवार को कचरे के ढेर में एक मोर्टार गोला फटने से दो बच्चों समेत पाँच लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग आधा दर्जन लोग घायल हो गए।
पुलिस ने इसे आतंकवादी घटना मानने से इनकार किया है। यह हादसा अपराह्न सवा तीन बजे हुआ। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रघुवीर लाल ने कहा कि कुछ कचरा बीनने वालों को कचरे में मोर्टार का गोला मिला और वे उस समय धातु निकालने का प्रयास कर रहे थे, जब विस्फोट हुआ। मरने वालों की पहचान उमर दत्त (10), निजामुल हसन (12), सुधिया (18), रज्जाक अली (16) और 17 वर्षीय मुशर्रफ के रूप में की गई है। डीआईजी पीवी शास्त्री ने बताया कि इस घटना में करीब आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं। इनमें से दो की हालत गंभीर है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने इलाके की झुग्गी से अन्य मोर्टार गोला बरामद किए हैं। इस इलाके में ज्यादातर बांग्लादेशी शरणार्थी रहते हैं।
उन्होंने कहा कि जबरदस्त विस्फोट में पाँच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने कहा कि करीब आधा दर्जन अन्य लोग घायल हो गए। लाल ने कहा कि यह दुर्घटनावश हुआ विस्फोट था और यह किसी आतंकवादी गतिविधि से जुड़ा नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि किस प्रकार गोला कचरे के ढेर में पहुँचा। जिलाधिकारी कामिनी चौहान ने बताया कि घटना में मरे बालिग लोगों को एक-एक लाख रुपए तथा नाबालिगों को 50-50 हजार रुपए की सरकारी सहायता दी जाएगी। घायलों को 30-30 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी और उनके इलाज का सारा खर्च प्रशासन वहन करेगा। घटनास्थल पर पहुँचे पूर्व सांसद शाहिद अखलाक ने भी पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने की बात कही है।

Friday, November 7, 2008

प्रेमियों को नहीं ढूंढ पाई पुलिस

ग्रेटर नोएडा में जिन प्रेमियों के चलते दो चचेरी बहनों को जान से हाथ धोना पड़ा, पुलिस उनको अब तक ढूंढ नहीं पाई है। हालांकि इतनी जानकारी जरूर मिल गई है कि दोनों युवक अलीगढ़ के रहने वाले हैं। पुलिस दोनों की तलाश में जुटी हुई है।सूरजपुर कस्बे में गुरुवार को इज्जत की खातिर पिंकी व सोनम की उनके परिजनों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। दोनों युवतियां प्रेमियों के बहकावे में आकर दो नवंबर को उनके साथ अलीगढ़ चली गई थीं। बताया जाता है कि वहां पहुंचकर दोनों को एहसास हुआ कि जिस रास्ते पर वह जा रही हैं, घरवाले उसे स्वीकार नहीं करेंगे। इसलिए दोनों प्रेमियों के यहां से भागकर अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर पहुंची। रेलवे स्टेशन पर किसी परिचित युवक ने दोनों बहनों को देखा तो उसने सूरजपुर में अपने एक दोस्त को फोन से इसकी जानकारी दी।जिस युवक ने लड़कियों को पहचाना था, वह पहले सूरजपुर में बाबा मोहन राम मंदिर वाली गली में रह चुका है। लड़की के परिजनों को किसी और माध्यम से इसकी सूचना मिली। इस पर वे अलीगढ़ गए और दोनों बहनों को घर ले आए।पुलिस दोनों प्रेमियों तक पहुंचने के लिए उस युवक की तलाश में है, जिसके जरिये घर वालों को सूचना मिली थी। बताया जाता है कि युवतियों के प्रेमियों के बारे में गांव के कुछ लोगों को जानकारी थी। लेकिन युवतियों के चचेरे भाई सोनू के डर से कोई कुछ कह नहीं पाया। बताते हैं कि सोनू की बाबा राममोहन वाली गली में दबंगई चलती है। दोनों युवक पहले सोनू के घर के बगल में किराये का मकान लेकर रहते थे। एक माह पहले दोनों ने मकान खाली कर दूसरी जगह पर कमरा ले लिया था। दोनों सूरजपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक कंपनी में नौकरी करते थे।युवक मकान खाली करने के बाद भी युवतियों से मिलते रहते थे। यही नहीं पिंकी व सोनम के परिवार में महिलाओं को भी इस बारे में जानकारी थी। घर वालों को डर था कि अगर सोनू को यह पता लग गया तो वह दोनों युवक के साथ मारपीट कर सकता था। दोनों बहनों के आने जाने पर रोक लगने के बाद उन्होंने प्रेमियों के साथ भागने की योजना तैयार की थी। हालांकि अभी कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है। थाना सूरजपुर प्रभारी नरेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि दोनों युवकों की तलाश की जा रही है। जिस युवक ने फोन कर दोनों बहनों के बारे में जानकारी दी थी, उसकी भी तलाश की जा रही है ताकि दोनों युवकों तक पहुंचा जा सके।

Thursday, November 6, 2008

घाटी के स्कूलों में कश्मीरी पढ़ाई अनिवार्य

कश्मीर घाटी में माध्यमिक कक्षाओं तक कश्मीरी भाषा की पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने घाटी के सभी स्कूलों में माध्यमिक कक्षाओं तक कश्मीरी भाषा को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करने का फैसला किया है। शिक्षा विभाग ने घाटी में सोमवार से शुरू हो रही परीक्षा में आठवीं कक्षा के सभी बच्चों के लिए कश्मीरी विषय की परीक्षा अनिवार्य कर दिया है। हालाँकि सूत्रों ने बताया कि कश्मीरी भाषा में हासिल अंक छात्रों द्वारा कुल प्राप्त अंकों में नहीं जोड़े जाएँगे और इस अंक से छात्रों के मेरिट पर कोई असर नहीं पडे़गा लेकिन अगले सत्र से आठवीं कक्षा में कश्मीरी विषय में प्राप्त अंक कुल प्राप्तांक में जोड़े जाएँगे। इस बीच अभिभावकों और छात्रों ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि किसी और स्कूल खासकर निजी क्षेत्र के स्कूलों में कश्मीरी पढ़ाने की कोई व्यवस्था नहीं है।

बिहार में बनेगा 200 करोड़ का फिल्म स्टूडियो

मुंबई में गैर मराठियों को लेकर जारी विवाद और विरोध के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रसिद्ध भोजपुरी फिल्म अभिनेता मनोज तिवारी की पहल पर बिहार में 200 करोड़ रुपए की लागत से विश्वस्तरीय फिल्म स्टूडियो बनाने का निर्णय लिया है।
तिवारी ने बताया मुख्यमंत्री ने उनसे इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया इस स्टूडियो के लिए पटना से 40 किलोमीटर दूर राजगीर रोड पर 200 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। तिवारी ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष भोजपुरी फिल्मों कें निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिये कदम उठाने की माँग की थी और मुख्यमंत्री ने उनकी इस पहल का स्वागत किया था। स्टूडियो के निर्माण के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी और स्टूडियो के निर्माण की जिम्मेदारी भारतीय प्रशासनिक सेवा के किसी अधिकारी को सौंप दी जाएगी। ज्ञातव्य है कि भोजपुरी फिल्मों से जुड़े हुए कुछ कलाकारों एवं फिल्मकारों ने भोजपुरी फिल्म निर्माण के केन्द्र को मुंबई से हटाए जाने तथा उसे बिहार या उत्तरप्रदेश ले जाने का विरोध किया था और कहा था कि वे मुंबई छोड़कर कहीं नहीं जाएँगे, लेकिन अब स्थितियाँ काफी बदल चुकी हैं। भोजपुरी फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों का कहना है कि बिहार में स्टूडियो बनने से बिहार के हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।

Wednesday, November 5, 2008

स्टेम सेल के प्रत्यारोपण से होगा डायबिटीज का इलाज

डायबिटीज के मरीजों की तेजी से बढ़ती समस्या से जूझ रहे भारत के वैज्ञानिकों ने स्टेम सेल का प्रत्यारोपण करके पैंक्रियाज [अग्न्याशय] को सक्रिय करने का दावा किया है। पैंक्रियाज से इंसुलिन निकलता है। यदि प्रयोग का दूसरा चरण सफल रहा तो डायबिटीज के मरीजों को न सिर्फ इंसुलिन के इंजेक्शन से बल्कि दवाओं से भी मुक्ति मिल जाएगी।पीजीआई चंडीगढ़ के एंडोक्राइनोलाजी विभाग के अध्यक्ष डाक्टर अनिल भंसाली ने बताया कि कई चरण वाले इस प्रयोग के शुरुआती परीक्षण फिलहाल 11 मरीजों पर किए गए हैं। भंसाली इस प्रोजेक्ट के प्रमुख भी हैं। उन्होंने बताया कि पहला स्टेम सेल प्रत्यारोपण इस साल 11 मार्च को एक 51 वर्षीय टाइप टू डायबिटीज के मरीज पर किया। उसे पिछले 15 साल से डायबिटीज थी। डेढ़ साल से वह व्यक्ति प्रतिदिन 80 यूनिट इंसुलिन ले रहा था। अब उसे इंसुलिन के इंजेक्शन से पूरी तरह मुक्ति मिल चुकी है। वहीं एक अन्य मरीज जिसे प्रतिदिन 65 यूनिट इंसुलिन लेना पड़ता था, इंसुलिन के इंजेक्शन से मुक्ति पा चुका है। उन्होंने बताया कि स्टेम सेल के प्रत्यारोपण पर बीस हजार रुपये खर्च आता है। फरवरी में प्रोजेक्ट का मूल्यांकन किया जाएगा।

ओबामा की कश्मीर व चीन नीति पर सस्पेंस

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बराक ओबामा की जीत पर दुनिया भर में जताई जा रही खुशदिली में भारत के प्रमुख राजनीतिक दल भी शामिल हैं। मगर भारतीय राजनीतिक दलों को ओबामा प्रशासन से अपने लिए कुछ चिंताएं भी दिख रही हैं। सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्य विरोधी दल भाजपा दोनों इस बात को लेकर एक मत दिखते हैं कि कश्मीर, परमाणु अप्रसार संधि और आउटसोर्सिग पर नए प्रशासन के नजरिए को लेकर भारत को बेहद सतर्क रहना होगा। चीन को तवज्जो देते रहने की डेमोक्रेट प्रशासन की परंपरागत नीति भी भारत की चिंता बढ़ा सकती है।कांग्रेस और भाजपा ही नहीं, घोर अमेरिका विरोधी वामपंथी दलों का भी मानना है कि ओबामा की नीति में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं होगा। लेकिन कांग्रेस और भाजपा दोनों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर पर ओबामा ने प्रचार अभियान के दौरान मध्यस्थता की जो बात कही थी, उसे लेकर भारत को सतर्क रहना होगा। बुश प्रशासन ने इस मामले में भारत की कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करने की नीति का सम्मान किया है।

कांग्रेस का मानना है कि ओबामा आम भारतीयों की पसंद के रूप में उभरे हैं। लेकिन भारतीय प्रशासन के दिल के शायद उतने करीब नहीं हैं। इसकी वजह डेमोक्रेट प्रशासन की हस्तक्षेप करने की पुरानी नीति मानी जा रही है। बिल क्लिंटन के कार्यकाल में अमेरिकी प्रशासन ने कोसोवो, हैती और कांगो सहित कई देशों में दखल देने की नीति अपनाई। हालांकि बुश प्रशासन ने अफगानिस्तान और इराक में सीधा हस्तक्षेप किया, लेकिन कांग्रेस इसे अमेरिका के आतंकवाद का शिकार होने के पहले प्रत्यक्ष अनुभव का नतीजा मानती है।राजनीतिक दल इस राय से भी सहमत हैं कि रिपब्लिकन प्रशासन परंपरागत तौर पर चीन को रोकने की नीति अपनाता रहा है। जार्ज बुश ने भी भारत को इसीलिए ज्यादा अहमियत दी। लेकिन डेमोक्रेट चीन को रोकने के बजाय उसके साथ आपसी समझ-बूझ बढ़ाने की नीति पर चलते रहे हैं। कांग्रेस इस मामले में भी ओबामा प्रशासन की नीति पर सजग रहने की पक्षधर है। खास कर 1998 के क्लिंटन और तत्कालीन चीनी राष्ट्रपति जियांग जेमिन के गुप्त समझौते की बात को लेकर, जिसमें दोनों ने दक्षिण एशिया को संयुक्त रूप से प्रशासित करने की राय जाहिर की थी।सीटीबीटी के लिए ओबामा प्रशासन दबाव बढ़ा सकता है, कांग्रेस और भाजपा इस पर भी एक मत हैं। मुख्य विरोधी दल भाजपा नौकरियों की आउटसोर्सिग पर ओबामा की नीति को लेकर कुछ ज्यादा ही चिंतित है। उसका मानना है कि ओबामा कर ढांचे को कठोर बना भारतीयों की नौकरियों के लिए चुनौती पैदा कर सकते हैं।वाम दलों की राय में भी अमेरिका की बुनियादी नीति में ओबामा शायद ही कोई बदलाव करें। इसीलिए वामपंथी भी अमेरिका को लेकर अपनी नीति नहीं बदलेंगे और देखो तथा इंतजार की नीति अपनाएंगे।

Tuesday, November 4, 2008

सस्ता होगा कर्ज

सार्वजनिक बैंक हो गए तैयार, रियल एस्टेट और छोटे-मझोले उद्योगों पर भी होगी सरकार की नजर-ए-इनायत
देश के सार्वजनिक बैंक ब्याज दरों में कटौती की सरकार की अपील पर विचार करने को तैयार हो गए हैं।

एक बैठक में सार्वजनिक बैंकों के प्रमुखों ने वित्त मंत्री को इस बाबत आश्वासन भी दे दिया है। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बैठक के बाद यह जानकारी दी। इस मौके पर चिदंबरम ने रियल एस्टेट और छोटे एवं मझोले उद्योगों (एसएमई) को पर्याप्त नकदी मुहैया कराने का वादा भी किया। उन्होंने बताया कि आरबीआई जल्दी ही नेशनल हाउसिंग बैंक की क्रेडिट लाइन का विस्तार कर इसे 10,000 करोड़ रुपये करेगा ताकि आवास क्षेत्र में पर्याप्त फंड उपलब्ध रहे। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने नकदी और कर्ज की स्थिति की समीक्षा के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुख कार्यकारियों के साथ यह बैठक बुलाई थी। बैठक में एसबीआई के अध्यक्ष ओ.पी. भट्ट, पीएनबी के प्रमुख के.सी.चक्रवर्ती, बैंक ऑफ बड़ौदा के अध्यक्ष एम.डी. माल्या, केनरा बैंक के प्रमुख ए.सी. महाजन, यूको बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस.के. गोयल आदि ने हिस्सा लिया। इनके अलावा वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के उच्चाधिकारी भी इसमें शामिल थे। यह बैठक भारत के प्रमुख उद्योगपतियों की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात के एक दिन बाद हुई। इस बैठक में उद्योगपतियों ने नकदी बढ़ाने और ब्याज दरों में कटौती के लिए माहौल तैयार करने के लिए कदम उठाने की मांग की थी। बैंकर्स के साथ हुई बैठक की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि ऋण की मांग अधिक है और बैंकर दबाव महसूस कर रहे हैं। निजी और विदेशी बैंकों द्वारा भी कर्ज दरों में कटौती के मसले पर चिदंबरम ने कहा कि वित्त सचिव अरुण रामनाथन ने इस पर बातचीत के लिए बैठक बुलाई है।
यूको और सिंडीकेट बैंक ने की कटौती:-पंजाब नेशनल बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के बाद यूको और सिंडिकेट बैंक ने भी अब ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर दिया है। यूको बैंक ने कहा कि वह अगले हफ्ते प्रधान ऋण दरों (पीएलआर) में 50 आधार अंकों की कटौती करेगा। जबकि सिंडीकेट बैंक ने अपनी प्रमुख उधारी दर में 75 आधार अंकों की कटौती करके इसे 13.25 प्रतिशत सालाना कर दिया है। यह कटौती मंगलवार से ही प्रभावी होगी।
स्टेट बैंक भी कतार में:-देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मंगलवार को कहा कि वह बुधवार को अपनी बेंचमार्क प्रधान ऋण दरों (पीएलआर) में 50 आधार अंकों तक की कटौती कर सकता है। एसबीआई के अध्यक्ष ओ.पी.भट्ट ने यहां वित्त मंत्री के साथ बैठक के बाद यह जानकारी दी। दरों में प्रस्तावित कटौती अगले सप्ताह से प्रभावी होगी। भट्ट ने पहले कहा था कि ब्याज दर चरम पर पहुंच गई है और उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में इसमें कमी आएगी। भट्ट ने कहा- हमारी एल्को (परिसंपत्ति एवं देनदारी समिति) की बैठक बुधवार को होनी चाहिए और इसमें ही कटौती का निर्णय होने की उम्मीद है।

...इसी घी से मिटेगी मंदी की सुस्ती:-कार, आवास एवं अन्य व्यावसायिक उत्पादों के लिए ऋण सस्ता हो सकता है। पीएलआर में हो रही ये कटौतियां बेहद अहम हैं। क्योंकि सभी बैंकों द्वारा दिए जाने वाले सभी किस्म के ऋण बेंचमार्क दरों से जुड़े हैं और पीएलआर में बढ़ोतरी या कटौती के साथ बढ़ते-घटते हैं।जाहिर है, इसके चलते बाजार में नकदी का प्रवाह भी तेजी से बढ़ेगा, जिससे मंदी से मंद हो रहे औद्योगिक उत्पादन और अन्य कारोबारी क्षेत्रों को फिर से रफ्तार मिल सकेगी।

...बाजार में तो ऐलान भर से ही आ गई चुस्ती-फुर्ती:-वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद जाहिर करने से शेयर बाजार में अच्छी तेजी देखी गई। इससे पहले बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी, दोनों गिरावट पर खुले थे और ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली भी देखी गई, लेकिन वित्त मंत्री के बयान के बाद बाजार में तेजी आनी शुरू हुई।
कारोबार समाप्ति पर सेंसेक्स 293.44 अंक ऊपर 10,631.12 के स्तर पर, जबकि निफ्टी 98.25 अंक ऊपर 3142.10 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा करीब 14 फीसदी का उछाल रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के शेयरों में देखा गया।

शिमला में बस खड्‍ड में गिरी, 45 मरे

शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कुफरी के नजदीक मंगलवार को एक निजी बस के 200 मीटर गहरे खड्ड में गिर जाने से 45 यात्रियों की मौत हो गई और पाँच अन्य घायल हो गए।
पुलिस अधीक्षक राजेंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि 44 यात्रियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य ने शिमला स्थित इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मरने वालों में बहुत सी महिलाएँ भी शामिल हैं, लेकिन वह तत्काल महिलाओं और बच्चों की संख्या नहीं बता पाए। पाँच घायल लोग इंदिरा गाँधी मेडिकल कालेज में भर्ती हैं। शर्मा ने बताया कि हादसा सुबह लगभग 11 बजे उस समय हुआ जब बस रामपुर उपमंडल के कोठी घाट से शिमला जा रही थी।रामपुर शिमला रोड पर कुफरी से लगभग पाँच किलोमीटर दूर लांबी धर के नजदीक यह बस खड्ड में जा गिरी। हादसे में बस पूरी तरह नष्ट हो गई है।घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक के अतिरिक्त शिमला के उपायुक्त जेएस राणा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोहिन्दरसिंह घटनाथल पर राहत एवं बचाव कार्यों के निरीक्षण के लिए पहुँच गए।

Monday, November 3, 2008

उत्तर प्रदेश में उर्वरक की कमी के लिए रामविलास पासवान जिम्मेदारः बसपा

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तथा सहकारिता मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रदेश में रासायनिक खाद की कमी के बारे में मीडिया में दिये जा रहे कांग्रेस पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के नेताओं के बयानों के लिए दोनों दलों के नेताओं को आड़े हाथों लिया है और प्रदेश में उर्वरक की कमी के लिए केन्द्र सरकार तथा उसके उर्वरक मंत्री श्री राम विलास पासवान को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इस मामले में सपा के रवैये को शर्मनाक बताया है।

श्री मौर्य ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ष रबी के लिए केन्द्र से 14 लाख मीट्रिक टन डीपी की मांग की गयी थी, लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के प्रति अपनी पुरानी भेदभाव की नीति अपनाते हुए केवल 10.50 लाख मी0 टन खाद देने का आश्वासन दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस आश्वासन के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश हेतु अक्टूबर माह के लिए आवंटित कोटा भी अभी तक पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर माह में शेष रह गयी 40 हजार मी0 टन खाद अभी तक उपलब्ध न कराये जाने के फलस्वरूप प्रदेश के किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी कांग्रेस पार्टी और केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार को समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा इस मुद्दे पर मीडिया में दिये जा रहे बयानों से यह सिध्द होता है कि ये दोनों पार्टियां प्रदेश की जनता व किसानों के बीच भ्रम पैदा करके अपनी कमी का ठीकरा प्रदेश सरकार के सिर पर फोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में चल रही केन्द्र की यूपीए की सरकार तथा उसे समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी, दोनों ही किसानों की कितनी हितैषी हैं, इसे पूरे देश का किसान अच्छी तरह जान और पहचान चुका है, इसलिए इन पार्टियों के नेताओं द्वारा दिये जा रहे उल्टे-सीधे बयानों का उस पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण ही पूरे देश में किसान बड़े पैमाने पर आत्महत्याएं करने के लिए मजबूर हो रहे हैं, जिसकी शुरूआत कांग्रेस शासित अथवा कांग्रेस पार्टी द्वारा समर्थित राज्य सरकारों के कार्यकाल में ही हुई थी और आज भी इन्हीं राज्यों में आत्महत्याएं करने वाले किसानों की तादाद सबसे ज्यादा है, जिससे पूरी तरह साफ है कि किसानों के प्रति कांग्रेस पार्टी की संवेदनशीलता महज ड्रामेबाजी है और कांग्रेस को किसानों के हित से कोई लेना-देना नहीं है।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस वर्ष मानसून की अच्छी वर्षा के कारण प्रदेश के रबी के बुआई क्षेत्र में वृध्दि हुई है, जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने केन्द्र से अधिक उर्वरक उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, किन्तु केन्द्र सरकार ने इस अत्यंत संवेदनशील मुद्दे पर भी पूर्व की भांति उत्तर प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करना जारी रखा और इस बात की कोई परवाह नहीं की कि उसकी इस नीति से प्रदेश के किसानों को कितना नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय रबी की बुआई का सीजन चरम पर है और ऐसे में किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं कराई गयी, तो जाहिर है कि खाद्यान्न उत्पादन पर इसका काफी बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसान इसे अच्छी तरह समझ चुका है कि कांग्रेस तथा उसे समर्थन देने वाली पार्टियां उसकी बिल्कुल भी हितैषी नहीं हैं और इन पार्टियों के नेता ठोस मुद्दों के अभाव में अपनी बेरोजगारी का दर्द छुपाने के लिए किसी भी मुद्दे पर ओछी बयानबाजी करके प्रदेश की बसपा सरकार की छवि धूमिल करने के कुत्सित प्रयास में लगे रहते हैं।

श्री मौर्य ने कहा कि अपने को प्रदेश के किसानों की सबसे बड़ी चैम्पियन घोषित करने वाली समाजवादी पार्टी का रवैया तो इस मामले में और भी ज्यादा शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि अगर सपा प्रदेश के किसानों की जरा भी शुभचिंतक होती, तो किसानों के लिए उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए उसने केन्द्र की यूपीए सरकार पर दबाव बनाया होता, जबकि इसकी बजाय सपा के नेता जुबानी जमाखर्च से ही काम चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश के किसान यह जान चुके हैं कि सपा नेताओं ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की यूपीए सरकार पर इस मुद्दे को लेकर कोई दबाव बनाने का प्रयास नहीं किया है। उन्होंने आगे कहा कि इसके स्थान पर किसानों के हित का दम भरने वाली समाजवादी पार्टी, केन्द्र की किसान विरोधी सरकार को समर्थन देकर उसे जिन्दा रखे हुए है। उन्होंने सपा और उसके नेताओं को यह सलाह भी दी कि उन्हें अगर प्रदेश के किसान की वास्तव में चिन्ता है, तो किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाली कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र की यूपीए सरकार से तत्काल अपना समर्थन वापस लें और भ्रम पैदा करने वाली झूठी बयानबाजी करने के स्थान पर किसान विरोधी नीतियों में परिवर्तन हेतु केन्द्र की सरकार पर दबाव बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के नेतृत्व वाली प्रदेश की वर्तमान बसपा सरकार के साथ सहयोग करें, ताकि किसानों के बीच सपा का पूरी तरह खो चुका जनाधार उसे कुछ हद तक फिर से हासिल हो सके।

पर्यावरण और छठ पर्व में गहरा संबंध

आज जब पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण तथा पर्यावरण संरक्षण की समस्या से जूझ रहा है, सूर्य की उपासना का महापर्व छठ का केवल धार्मिक महत्व ही नहीं है, बल्कि ऊर्जा के अक्षय स्रोत सूर्य की पूजा और उन्हें अप्रसंस्कृत वस्तुओं का भोग लगाया जाना पर्यावरण के प्रति इस पर्व के महत्व को रेखांकित करता है। सोनपुर के गजेन्द्र मोक्ष नौलख्खा मंदिर महंत आचार्य लक्ष्मणानंद शास्त्री के अनुसार पर्यावरण संरक्षण और छठ पूजा के बीच गहरा संबंध है। छठ पूजा में प्रसाद के रूप में नई फसलों का उपयोग किया जाता है।
उन्होंने कहा गन्ना, सिंघाड़ा, नींबू, हल्दी, अदरख, नारियल, केला, संतरा, सेब के अलावा आटा चीनी एवं घी के मिश्रण से बनी ठेकुआँ जैसी वस्तुएँ प्रकृति के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के इस पर्व के महत्व को स्पष्ट करती हैं। शास्त्री ने कहा छठ पूजा में मिट्टी के बने हाथी चढ़ाए जाते हैं, जो इस पर्व के माध्यम से प्रकृति प्रदत्त इस अद्भुत जीव के संरक्षण का संदेश देती है। मिट्टी के बने हाथी को नई तैयार धान की फसल चढ़ाई जाती है।सूर्य की उपासना के महापर्व छठ की शुरुआत 'नहा खा' से होती है। इस दिन व्रती नदी के स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद मिट्टी के बने चूल्हे में आम की सूखी लकड़ी जला कर पारंपरिक रूप से सात्विक शाकाहारी भोजन तैयार करते हैं और भगवान सूर्य की पूजा के बाद इसे ग्रहण करते हैं। खरना के दिन शाम को सूर्य की पूजा के बाद प्रसाद खाकर व्रती 36 घंटे के उपवास की शुरुआत करते हैं।
छठपूजा मुख्य रूप से महिलाएँ करती हैं, लेकिन काफी संख्या में पुरुष भी इन दिनों उपवास रखते हैं। परना को सुबह के अर्घ्य के साथ छठ पूजा सम्पन्न हो जाती है। शास्त्री ने कहा छठ एक अद्भुत पर्व है, जिसमें डूबते हुए सूर्य की उपासना के साथ पूजा की शुरुआत की जाती है। उन्होंने कहा छठ छह अंक का प्रतीक है, जिसका भारतीय धार्मिक पंचांग में काफी महत्व है। छठ व्रती रेखा देवी ने बताया छठ पूजा में स्वच्छता का काफी ख्याल रखा जाता है। मिट्टी के चूल्हे और आम की सूखी लकड़ी का उपयोग पूजा के जरिये स्वच्छता के महत्व को स्पष्ट करते हैं। इस दिन मिट्टी के चूल्हे की कीमत तो 100 से 150 रुपए तक पहुँच जाती है। यही हाल लौकी जैसी कुछ खास सब्जियों को होता है। उन्होंने बताया प्रसाद रखने के लिए बाँस की बनी टोकरी की खरीद भी लोग शुरू कर देते हैं और इन दिनों इसकी कीमतें आसमान छूती दिखाई देती हैं।

Sunday, November 2, 2008

जमानत जघन्य अपराधों में सोच-विचारकर

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि हत्या, डकैती और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में जमानत स्वीकार करने से पहले अदालतों को आरोपी के खिलाफ अभियोजन और साक्ष्यों की प्रकृति का अध्ययन करना चाहिए। शीर्ष अदालत के अनुसार सत्र और उच्च न्यायालयों को अभियोजन की प्रकृति दंड की गंभीरता और सहायक साक्ष्यों की प्रकृति का अध्ययन करने के बाद ही जमानत स्वीकार करना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि जमानत स्वीकार करने से पहले अदालतों को यह मूल्यांकन कर लेना चाहिए कि कहीं किसी अभियुक्त द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ करने या शिकायतकर्ता को धमकाए जाने की उचित आशंका तो नहीं है। न्यायाधीश अरिजीत पसायत और न्यायाधीश सीके ठक्कर की पीठ ने उत्तरप्रदेश के लखनऊ जिले में आशियाना पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सुपारी लेकर एक व्यक्ति की हत्या करने के आरोपी की जमानत रद्द करते हुए किसी अभियुक्त को जमानत देने के लिए मानकों पर जोर दिया।
आरोप था कि अभियुक्त ने चंद्रपालसिंह की हत्या के लिए 10 लाख रुपए की सुपारी ली थी। 21 सितंबर 2006 को चंद्रपालसिंह की हत्या कर दी गई थी। सत्र अदालत ने हालाँकि अभियुक्त का जमानत आग्रह खारिज कर दिया था, लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अभियोजन के दावे के विपरीत कुछ निश्चित चीजों के आधार पर जमानत स्वीकार कर ली थी। उच्च न्यायालय के जमानत देने के फैसले से नाराज मृतक के परिजनों ने उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर कर आरोपी की जमानत रद्द करने की माँग की। परिजनों ने अपने वकील के माध्यम से शिकायत की कि उच्च न्यायालय ने एक तरह से आरोपी को बरी करने का फैसला लिख दिया है। पीड़ित परिवार की बातों से सहमति जताते हुए उच्चतम न्यायालय ने आरोपी की जमानत रद्द कर दी।

बच्चों में होती है बचत की आदत

अगर आप यह सोचते हैं कि बच्चे सिर्फ खर्च करना जानते हैं तो आप गलत हैं, क्योंकि विशेषज्ञ मानते हैं कि अधिकतर बच्चों में बचत की प्रवृत्ति शुरू से पाई जाती है और जिनमें यह आदत नहीं होती उनके माता-पिता उन्हें यह सिखा देते हैं। बच्चों में गुल्लक के जरिये बचे हुए पैसे इकट्ठे करने की आदत होती है। उनकी इस प्रवृत्ति को और बढ़ावा देने के लिए दो नवंबर को पिगी बैंक डे मनाया जाता है। बेसहारा बच्चों के लिए कार्यरत गैर सरकारी संगठन 'स्माइल फाउंडेशन' के वरिष्ठ प्रबंधक संदीप नायक ने कहा कि हमने पाँच से 11 वर्ष के छोटे बच्चों और फिर 12 से 20 वर्ष तक के किशोरवय के बच्चों के लिए कई प्रोजेक्ट चलाए हैं। इसके तहत हम उन्हें बुनियादी शिक्षा देते हैं जिसमें बचत के लिए उन्हें प्रवृत्त करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न अध्ययनों में हमारा निष्कर्ष यही रहा है कि अधिकतर बच्चों में बचत की प्रवृत्ति शुरू से होती है। बेसहारा और गरीब बच्चों में यह आदत विशेष तौर पर इसलिए पाई जाती है क्योंकि वे विपरीत परिस्थितियों में जीते हैं। दिल्ली पब्लिक स्कूल की पाँचवीं कक्षा में अध्ययनरत अर्णव मिश्रा भी बचत करते हैं। वह कहते हैं मैं माता-पिता से जेब खर्च नहीं लेता लेकिन जब कभी बड़ों से त्योहारों पर कुछ रुपए मिलते हैं तो उन्हें खर्च नहीं करता और अभिभावकों के ही हवाले कर देता हूँ, ताकि जरूरत के समय के लिए यह बचत मेरे काम आए। अर्णव ने कहा कि स्कूलों में जब कभी शिक्षकों से अनौपचारिक चर्चा होती है, वे अकसर बचत पर जोर देते हैं। अध्यापक हमें बताते हैं कि रुपए लापरवाही से खर्च नहीं करना चाहिए बल्कि अचानक पड़ने वाली जरूरत के लिए उन्हें बचाकर रखना चाहिए। राजधानी स्थित चाइल्ड केयर डेवलपमेंट फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक दीपिका शर्मा ने कहा कि कुछ बच्चों में बचत की प्रवृत्ति होती है, लेकिन इसे विकसित करने में उनके माता-पिता की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। कई बार बड़ी बचत के बाद बच्चे उसे खर्च करना चाहते हैं, क्योंकि छोटी उम्र में उन्हें नई चीजें जानने की जिज्ञासा होती है। पिगी बैंक का इतिहास शब्द पिगी से जुड़ा है। मध्यकाल में यूरोप में पिगी एक तरह की मिट्टी होती थी जिससे रसोई के पात्र बनाए जाते थे। बाद में लोग इन पात्रों में बचत का धन रखने लगे और इसे पिगी बैंक के नाम से पहचाना जाने लगा। वर्तमान में वॉशिंगटन के सिएटल स्थित पाइक प्लेस बाजार में 600 पाउंड वजनी पिगी बैंक है जिसे कलाकार जार्जिया गेरबर ने बनाया है। इसे वहाँ दान के लिए रखा गया है और इससे सालाना नौ हजार अमेरिकी डॉलर की राशि एकत्रित की जाती है। इसका इस्तेमाल वहाँ का व्यावसायिक संगठन सामाजिक कार्यों के लिए करता है।

Saturday, November 1, 2008

बाल ठाकरे ने किया साध्वी प्रज्ञा का बचाव

शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने मालेगाँव विस्फोट की मुख्य अभियुक्त साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर और मामले के अन्य अभियुक्तों के समर्थन में आते हुए हिन्दुत्व का दम भरने वाले उन लोगों और दलों को आड़े हाथों लिया, जिन्होंने इन लोगों से अपना पल्ला झाड़ लिया है। इसके साथ ही उन्होंने वकील समुदाय से इन लोगों का बचाव करने को कहा। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में ठाकरे ने लिखा है कि पूरे हिन्दू समुदाय को साध्वी, सेना के अवकाश प्राप्त मेजर रमेश उपाध्याय और समीर कुलकर्णी का समर्थन करना चाहिए, जिन्हें इस मामले में फँसाया गया है।
ठाकरे ने कहा कि वे देश को कमजोर करने वाली किसी आतंकवादी कारवाई का समर्थन नहीं करते और मालेगाँव में हुई जन-धन की क्षति पर हमें खेद है। ठाकरे ने कहा कि यदि देश के कुछ छद्म धर्मनिरपेक्ष लोग अफजल गुरु (संसद हमले के अभियुक्त) का समर्थन कर सकते हैं तो हम साध्वी प्रज्ञा, रमेश उपाध्याय और समीर कुलकर्णी से प्रेम या उन पर गर्व क्यों नहीं कर सकते। ठाकरे ने कहा कि प्रतिदिन इस्लामी आतंकवादी भारत में आतंकी योजनाओं को अंजाम दे रहे हैं और हिन्दुओं को मार रहे हैं। अभी हाल ही में असम में हुए विस्फोट में भी बांग्लादेशी घुसपैठिए लिप्त पाए गए हैं। ऐसे परिदृश्य में यदि साध्वी प्रज्ञा, उपाध्याय अथवा समीर कुलकर्णी जैसे लोग पैदा होते हैं तो उसके लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि एटीएस मशीनरी को कांग्रेस इस्तेमाल कर रही है क्योंकि वह इसके जरिये अपना वोट बैंक बनाना चाहती है। यह एक प्रकार से हिन्दुओं को कुचलकर मुसलमानों को खुश करने का प्रयास है।

बैंकों के लिए और कैश का इंतजाम

आरबीआई ने एक बार फिर सीआरआर को 1 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत करने का एलान किया गया है। रिजर्व बैंक की इस कटौती से बैंकों को 40 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे। नई दर दो चरणों में लागू होगी। 0.5 प्रतिशत की कटौती 25 अक्टूबर,08 से और 0.5 प्रतिशत कटौती 8 नवंबर से प्रभावी होगी। इसके अलावा रेपो रेट में 0.5 प्रतिशत की कटौती की गई है। अब नई रेपो दर 7.5 प्रतिशत हो गई है। नई रेपो दर सोमवार यानी 3 नवंबर, 08 से लागू होगी। आरबीआई ने एसएलआर को भी 1 प्रतिशत से कम कर 24 प्रतिशत तक लाने का एलान किया है। SLR की नई दर भी 8 नवंबर, 08 से लागू होगी।
पिछले कुछ दिनों में आरबीआई ने तीसरी बार अपनी महत्वपूर्ण दरों में बदलाव किया है। सीआरआर में हाल में 3.5 फीसदी तक की कटौती की जा चुकी है। वैश्विक वित्तीय संकट को देखते हुए बाजार में नकदी का बेहतर नियंत्रण करना और विकास दर को काबू में करना सरकार के लिए बहुत जरूरी हो गया है। इसलिए आरबीआई ने अपनी प्रमुख दरों में एक बार और बदलाव करने का फैसला किया।
इस वित्तीय वर्ष में विकास दर 8 प्रतिशत से नीचे रहने की उम्मीद है। यह भी आरबीआई के लिए एक चिंता का विषय है क्योंकि वैश्विक उत्पादन में गिरावट को देखते हुए निर्यात में कमी हो रही है। औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर भी कम होकर 1.3 प्रतिशत पर आ गई है।
रेपो दर : बैंकों को अपने दैनिक कामकाज के लिए प्राय: ऐसी बड़ी रकम की जरूरत होती है जिनकी मियाद एक दिन से ज्यादा नहीं होती। इसके लिए बैंक जो विकल्प अपनाते हैं, उनमें सबसे सामान्य है केंद्रीय बैंक (भारत में रिजर्व बैंक) से रात भर के लिए (ओवरनाइट) कर्ज लेना। इस कर्ज पर रिजर्व बैंक को उन्हें जो ब्याज देना पड़ता है, उसे ही रेपो दर कहते हैं।
रेपो रेट कम होने से बैंकों के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज लेना सस्ता हो जाएगा और इसलिए बैंक ब्याज दरों में कमी करेंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा रकम कर्ज के तौर पर दी जा सके। रेपो दर में बढ़ोतरी का सीधा मतलब यह होता है कि बैंकों के लिए रिजर्व बैंक से रात भर के लिए कर्ज लेना महॅँगा हो जाएगा। साफ है कि बैंक दूसरों को कर्ज देने के लिए जो ब्याज दर तय करते हैं, वह भी उन्हें बढ़ाना होगा।
सीआरआर : सभी बैंकों के लिए जरूरी होता है कि वह अपने कुल कैश रिजर्व का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास जमा रखें। इसे नकद आरक्षी अनुपात कहते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि अगर किसी भी मौके पर एक साथ बहुत बड़ी संख्या में जमाकर्ता अपना पैसा निकालने आ जाएँ तो बैंक डिफॉल्ट न कर सके।

आरबीआई जब ब्याज दरों में बदलाव किए बिना जब बाजार से तरलता कम करना चाहता है, तो वह सीआरआर बढ़ा देता है। मंगलवार को मौद्रिक नीति की सालाना समीक्षा के बाद सीआरआर 5.5 फीसदी हो गया है, यानी बैंकों को अब अपने 100 रुपए के कैश रिजर्व पर 5.5 रुपए का रिजर्व रखना होगा। इससे बैंकों के पास बाजार में कर्ज देने के लिए ज्यादा रकम बचेगी।
एसएलआर : कैश रिजर्व रेशियो के अलावा बैंकों को अपनी जमा राशि का एक निश्चित भाग सरकारी प्रतिभूतियों में भी जमा करना पड़ता है। यह राशि उनकी वैधानिक तरलता रेशियो (एसएलआर) कहलाती है। एसएलआर का प्रमुख उद्देश्य अर्थव्यवस्था में बहुत अधिक धन को बाजार में लाने से बैंकों को रोकना है।