स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "बिंदी हिंदू महिला के शादीशुदा होने का प्रतीक है जिसका हम सम्मान करते हैं, ठीक उसी तरह जैसे शादी की अंगूठी को जिस तरह मान्यता हासिल है वैसे ही हिंदू महिलाओं की बिंदी को भी होनी चाहिए।" सबसे पहले सरकारी एडिंगनटन अस्पताल ने नर्सों को ड्यूटी के दौरान बिंदी, मंगलसूत्र और नथ पहनने से रोक दिया था। मामले ने तूल पकड़ा, नर्सों ने इसका विरोध किया और फिर स्वास्थ्य मंत्री को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। इस फैसले को लागू करने वालों का कहना था कि ऐसा करने का मकसद संक्रमण को रोकना था। इस निर्णय के बाद अफ्रीकी तमिल फेडरेशन और दक्षिण अफ्रीकी हिंदू सभा जैसे संगठनों ने इस मुद्दे पर बड़ा अभियान चलाया था। तमिल फेडरेशन ने इस कदम को 'हिंदू धर्म का मजाक और अपमान' बताया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोई भी सरकारी विभाग किसी धर्म विशेष के व्यक्तियों के लिए अलग मानदंड लागू नहीं कर सकता। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "जब महिलाएँ अपने पूरे चेहरे पर पाउडर और लिपस्टिक लगाती हैं तो हमें कोई एतराज नहीं होता लेकिन एक छोटी सी बिंदी पर आपत्ति होती है, यह कहीं से न्यायसंगत नहीं था।" दक्षिण अफ्रीका के हिंदू संगठनों और भारतीय मूल की नर्सों ने इस फैसले का स्वागत किया है।
Friday, December 26, 2008
बिंदी पर लगी पाबंदी अब हटा
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "बिंदी हिंदू महिला के शादीशुदा होने का प्रतीक है जिसका हम सम्मान करते हैं, ठीक उसी तरह जैसे शादी की अंगूठी को जिस तरह मान्यता हासिल है वैसे ही हिंदू महिलाओं की बिंदी को भी होनी चाहिए।" सबसे पहले सरकारी एडिंगनटन अस्पताल ने नर्सों को ड्यूटी के दौरान बिंदी, मंगलसूत्र और नथ पहनने से रोक दिया था। मामले ने तूल पकड़ा, नर्सों ने इसका विरोध किया और फिर स्वास्थ्य मंत्री को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। इस फैसले को लागू करने वालों का कहना था कि ऐसा करने का मकसद संक्रमण को रोकना था। इस निर्णय के बाद अफ्रीकी तमिल फेडरेशन और दक्षिण अफ्रीकी हिंदू सभा जैसे संगठनों ने इस मुद्दे पर बड़ा अभियान चलाया था। तमिल फेडरेशन ने इस कदम को 'हिंदू धर्म का मजाक और अपमान' बताया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोई भी सरकारी विभाग किसी धर्म विशेष के व्यक्तियों के लिए अलग मानदंड लागू नहीं कर सकता। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "जब महिलाएँ अपने पूरे चेहरे पर पाउडर और लिपस्टिक लगाती हैं तो हमें कोई एतराज नहीं होता लेकिन एक छोटी सी बिंदी पर आपत्ति होती है, यह कहीं से न्यायसंगत नहीं था।" दक्षिण अफ्रीका के हिंदू संगठनों और भारतीय मूल की नर्सों ने इस फैसले का स्वागत किया है।
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