Wednesday, December 3, 2008

हर घंटे दो महिलाओं का दुष्कर्म

भारत में प्रत्येक 60 मिनट में दो महिलाएं दुष्कर्म की शिकार होती हैं।राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो [एनसीआरबी] की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले साल 133 बुजुर्ग महिलाओं पर यौन हमले किए गए। पिछले साल बलात्कार के कुल 20737 मामले दर्ज किए गए। यह संख्या वर्ष 2006 की तुलना में 7.2 फीसदी अधिक है। ऐसे अपराधों की सूची में मध्यप्रदेश का नाम सबसे ऊपर है।एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि देश में हर एक घंटे में दो महिलाओं का दुष्कर्म होता है। मध्यप्रदेश में पिछले साल दुष्कर्म के कुल 3010 मामले, पश्चिम बंगाल में 2106 मामले, उत्तरप्रदेश में 1648 मामले, बिहार में 1555 मामले और राजस्थान में 1238 मामले दर्ज किए गए। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दुष्कर्म के 598 मामले दर्ज किए गए।एनसीआरबी ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट भारत में अपराध 2007 में कहा है कि कम से कम 19188 मामलों 92.5 फीसदी में हमलावर पीडि़त के परिचित थे। 6902 मामलों में पड़ोसी लिप्त थे। अभिभावक या परिवार के करीबी सदस्यों द्वारा दुष्कर्म के 405 मामले दर्ज किए गए। 448 मामलों में परिजन लिप्त थे।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि देश में दुष्कर्म के 90 फीसदी से अधिक मामलों में पीडि़त के साथ दुष्कर्म उन लोगों ने किया है जिन्हें वह पहले से जानती हैं। दुष्कर्म पीडि़तों में 11984 महिलाएं 18 से 30 साल की उम्र की हैं, जबकि 30 से 35 वर्षीय महिलाओं की संख्या 3530 है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 617 पीडि़त दस साल से कम उम्र की और 4507 पीडि़त 10 से 18 साल की उम्र की हैं। देश में वर्ष 2006 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 164765 मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2007 में 12.5 फीसदी वृद्धि के साथ यह आंकड़ा 185312 हो गया।महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में आंध्रप्रदेश सबसे आगे है जहां ऐसे 13.3 फीसदी मामले दर्ज किए गए। दूसरे स्थान पर उत्तरप्रदेश है जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध के 11.3 फीसदी मामले दर्ज किए गए। छेड़छाड़ के मामलों में पिछले साल 5.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। छेड़छाड़ के कुल दर्ज 36617 मामलों में से मध्यप्रदेश में सर्वाधिक 6772 मामले ओर आंध्रप्रदेश में 4406 मामले दर्ज किए गए।देश भर में यौन प्रताड़ना के 10950 मामले पिछले साल दर्ज किए गए। इनमें से आंध्रप्रदेश में यौन प्रताड़ना के 3316 मामले, उत्तरप्रदेश में 2882 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल पति और संबंधियों से प्रताड़ना के मामलों में भी 20.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। ऐसे कुल 62128 मामले दर्ज किए गए जिनमें आंध्रप्रदेश 11335 मामलों के साथ सबसे ऊपर रहा।महिलाओं को प्रताड़ना के मामले में दूसरा स्थान पश्चिम बंगाल का और तीसरा स्थान राजस्थान का है जहां क्रमश: ऐसे 9900 मामले और 8170 मामले दर्ज किए गए।

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