Wednesday, December 3, 2008

मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर प्राधिकरण में बढ़ी सक्रियता

जनवरी माह में मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे से पहले प्राधिकरण किसानों की समस्याओं को हल करने में जुट गया है। ग्रेटर नोएडा में आबादी की समस्या को हल करने के अलावा जिन किसानों को अभी तक अर्जित भूमि की एवज में छह प्रतिशत के भूखंड नहीं मिले हैं, उन्हें दिसंबर के अंत तक भूखंड देने के निर्देश दिए गए हैं। प्राधिकरण के सीईओ पंकज अग्रवाल ने बुधवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए हैं।बैठक में सीईओ ने कहा कि किसानों के जितने भी मामले लंबित हैं, उनकी सूची बनाकर निस्तारण की कार्रवाई तत्काल शुरू की जाए। जो भी विभाग अपने काम में देरी करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के अधिकारी भी गांव-गांव जाकर किसानों को जमीनों का मुआवजा उठाने के लिए मनाने में जुट गए हैं। बुधवार को डीसीईओ आरके सिंह व ओएसडी कुलवीर सिंह ने अट्टा गुजरान, मूंजखेड़ा, मुस्तफाबाद व दनकौर के किसानों के साथ बैठक कर उनसे मुआवजा उठाने का आग्रह किया।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मायावती 15 जनवरी को गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में परिवर्तन चौक का उद्घाटन करने आ रही हैं। प्राधिकरण अधिकारी चाहते हैं कि इससे पहले किसानों की सभी समस्याओं का समाधान हो जाना चाहिए। ताकि मुख्यमंत्री को कोई शिकायत न मिले। इससे पहले मुख्यमंत्री दो बार ग्रेटर नोएडा का दौरा कर चुकी हैं। पहले दौरे के दौरान उन्होंने मुआवजा वितरण में शिकायत मिलने के बाद एडीएम मानवेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया था। दूसरे दौरे में छह प्रतिशत स्कीम के भूखंडों का समय पर आवंटन न कराने की शिकायतों पर महाप्रबंधक नियोजन लीनू सहगल को प्लानिंग विभाग से हटाकर दूसरे विभाग से अटैच कर दिया था। वहीं किसानों की आबादी की समस्या का निस्तारण न करने के बाद डीसीईओ पीके अग्रवाल समेत दो अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया था। मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर प्राधिकरण अधिकारी इस बात से सहमे हुए हैं कि कहीं कोई शिकायत मिली, तो पता नहीं किस-किस पर गाज गिरे। इसलिए अधिकारी किसानों की मुआवजा, आबादी, छह प्रतिशत का आवंटन व लंबित समस्याओं का समय पर समाधान करने में जुटे हैं।

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