Friday, December 19, 2008

जबरन दहेज देने का मामला

विवाहिता द्वारा दहेज उत्पीड़न के मामले दर्ज कराना कोई नई बात नहीं है, लेकिन ऐसा सुनने में कम ही आता है जब पति, पत्नी व ससुरालियों पर जबरन दहेज देने का आरोप लगाए। ऐसा एक मामला शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट के आदेश पर कोतवाली सेक्टर-39 में दर्ज किया गया है। जबरन दहेज देने का मामला एक डॉक्टर ने अपनी डॉक्टर पत्नी और उसके परिजनों के खिलाफ दर्ज कराया है। कुछ दिन पहले कोतवाली सेक्टर-20 में भी एक कर्नल के खिलाफ दहेज देने का मामला प्रकाश में आया था।

इस बार दहेज देने का मामला दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा विभाग में तैनात डॉक्टर मनोज मित्तल ने दर्ज कराया है। मेरठ के न्यू फूलबाग कॉलोनी निवासी डॉ. मनोज की वर्ष 2000 में नोएडा के सेक्टर-41, जे 59 निवासी डॉक्टर पीयूषा रस्तोगी से विवाह हुआ था। डॉ. पीयूषा भी निजी प्रैक्टिस करती हैं। दोनों की आठ साल की एक बेटी है, जो अभी अपनी मां के साथ नोएडा में ही रह रही है।पुलिस के मुताबिक डॉ. पीयूषा ने पहले 22 अप्रैल 2007 को अपने पति डॉ. मनोज, ससुर वेद प्रकाश, सास मिथलेश, ज्येष्ठ संजय व राजीव और देवर नवीन के खिलाफ कोतवाली सेक्टर-39 में ही दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। मामले की तफ्तीश कर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी। इसमें डॉक्टर सहित सभी आरोपियों को दोषी पाया गया था। वेदप्रकाश, मिथलेश व संजय को जेल जाना पड़ा था, जबकि अन्य तीन ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी के खिलाफ स्थगनादेश ले लिया था।इसके बाद डॉ. मनोज ने कोर्ट की मदद से शुक्रवार को अपनी पत्नी डॉ. पीयूषा, ससुर राम अवतार, सास यशोदा रस्तोगी और साले अवनीश व रजनीश के खिलाफ कोतवाली सेक्टर-39 में धारा 388 के तहत जबरन दहेज देने का मामला दर्ज कराया। इसके लिए मनोज ने दहेज अधिनियम की उपधारा तीन को आधार बनाया। इसके तहत दहेज देना और लेना दोनों कानूनन जुर्म है। इसके लिए लड़की के घरवालों पर भी कार्रवाई किए जाने का नियम है। गौरतलब है कि इसी तरह का एक मामला हाल ही में चार दिसंबर को भी कोतवाली सेक्टर-20 में दर्ज किया गया था। इस मामले में सेक्टर-20 सी 68 निवासी नमित जुयाल ने सेवानिवृत्त कर्नल सहित छह लोगों के खिलाफ जबरन दहेज देने का मामला दर्ज कराया था। इससे पहले कर्नल नमित और उसके परिजनों के खिलाफ दहेज के लिए बेटी को प्रताड़ित करने का मामला भी दर्ज करा चुके थे।

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