मुम्बई। विजय दशमी के मौके पर हर साल मुम्बई के शिवाजी पार्क में आयोजित की जाने वाली सभा में राज ठाकरे से पस्त उद्धव ठाकरे की शिवसेना दहाड़ लगाते नजर आई। दशहरा के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा उद्धव ठाकरे ने कहा कि, “मुंबई किसी के बाप की नहीं है।” इसके साथ ही, उद्धव ठाकरे ने कहा कि, “मैं नामर्द नहीं हूं और अपने पिता की इस परम्परा की रक्षा कर सकता हूं। दूसरे राज्य से आए लोगों को मराठियों का सम्मान करना होगा। ”
बाल ठाकरे ने राज ठाकरे को फटकारा
दशहरा रैली को शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने भी संबोधित करते हुए लोगों से अगले आम चुनाव में और विभिन्न राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार सुनिश्चित करने का आह्वान किया।श्री बाल ठाकरे विशेष रूप से बनाए गए मंच पर आए और लगभग 20 मिनट तक बोले। उन्होंने स्वीकार किया कि उम्र बढ़ती है तो हाथ में लाठी थामनी पड़ती है।बाल ठाकरे ने अपने भतीजे राज ठाकरे का नाम लिए बगैर ही स्पष्ट किया कि, “शिवसेना का जन्म ही मराठी भाषियों के हित के लिए हुआ है और बाद में आए लोग उन्हें न सिखाएं कि मराठी हित क्या होता है।”
गैर-मराठी फिर बाल ठाकरे के निशाने पर
गौरतलब है कि, आज ही शिवसेना पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में श्री ठाकरे ने अपने भतीजे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अध्यक्ष राज ठाकरे, शिवसेना से कांग्रेस में गये नारायण राणे और उन पर दाखिल मानहानि का मुकदमा वापस लेने वाले छगन भुजबल के उनकी उम्र और स्वास्थ्य के प्रति सहानुभूति दर्शाने वाले बयानों को लेकर फटकार लगाई थी और कहा था कि उम्र से भले वह बूढ़े हों पर वह विचारों से युवा हैं।
हालांकि, दशहरे के मौके पर आयोजित इस रैली में वो काफी कमजोर दिख रहे थे। श्री ठाकरे ने देश में विभिन्न स्थानों पर हो रहे बम विस्फोटों का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है और इसके विपरीत सत्तासीन आतंकवादियों से सहानुभूति रखते हैं।भाषण में उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राकांपा नेता शरद पवार, ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे, शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में गए नारायण राणे समेत कई नेताओं पर अपनी व्यंग्यात्मक शैली में कटाक्ष किए।
Saturday, October 11, 2008
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