यूपी सरकार ने रेल कोच फैक्ट्री के लिए ग्राम समाज की 189.25 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण 19 मई, 2008 को किया था। अचानक 11 अक्टूबर की रात में राज्य सरकार ने अपनी इस अधिग्रहण की कार्रवाई को निरस्त कर दिया। पूरी जमीन फिर से ग्राम समाज में निहित कर दी। रविवार को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव विजय शंकर पांडे ने इसकी जानकारी प्रेस कांफ्रेंस में दी। सरकार की तरफ से एक प्रेस नोट भी जारी किया गया, जिसमें इस पूरे प्रकरण पर पक्ष रखा गया है। बताया गया है कि जिलाधिकारी रायबरेली ने दो दिन पहले यानी 10 अक्टूबर को शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट में बताया गया है-'रेल कोच फैक्ट्री के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रभावितों और पास-पड़ोस के ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्हें लगने लगा है कि खाली पड़ी गांव सभा की यह भूमि जिसका पट्टा मिलने की उन्हें वर्षो से आशा थी, वह एक तरह से समाप्त हो गई है। प्रदेश सरकार विभिन्न गांव सभाओं के गरीब, जिनमें ज्यादातर अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति और अपर कास्ट के गरीब तबके के लोग हैं, उनको जमीनें न देकर भूमिहीन उद्योगों के हितों के विरुद्ध कार्य कर रही है। 'विजय शंकर पांडेय इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए कि रायबरेली जिले के लोग लालगंज एवं डलमऊ क्षेत्र में रेल कोच फैक्ट्री के लिए दी गई भूमि का विरोध किसके नेतृत्व में कर रहे हैं। पांडेय के अनुसार भूमि को लेकर लोगों की नाराजगी के बारे में जिला पुलिस एवं एलआईयू ने डीएम रायबरेली को जानकारी दी थी। उसी जानकारी केआधार पर जिलाधिकारी ने 10 अक्टूबर को शासन को रिपोर्ट भेजी। रिपोर्ट में बताया गया है कि स्थानीय लोगों को अब यह आशंका है कि फैक्ट्री के लिए 700 एकड़ भूमि और ली जाएगी। जिसके चलते क्षेत्र में भूमिहीनों की संख्या बढ़ेगी। उन्हें खाली पड़ी भूमि पट्टे पर नहीं मिलेगी। पांडेय ने बताया कि डीएम रायबरेली ने ग्रामीणों की इस स्थिति से शासन को अवगत कराते हुए यह भी लिखा है कि स्थानीय जनता में काफी रोष है। आत्मदाह एवं खूनखराबे की नौबत आ सकती है। यह स्थिति शांति व्यवस्था की दृष्टि से घातक होगी। पूरे जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। इन परिस्थितियों में रेल कोच फैक्ट्री को ग्रामसभा की भूमि अधिग्रहीत करके दिए जाने के संबंध में गत 19 मई को जारी शासनादेश को निरस्त किया जाए।पांडेय के मुताबिक डीएम के पत्र पर राजस्व विभाग से विचार-विमर्श किया गया। विस्फोटक हो रही स्थितियों को ध्यान में रखते हुए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई को निरस्त करने का निर्णय लिया गया। इसी के साथ भूमि के संबंध में जमा धनराशि को संबंधित संस्था को वापस करने के निर्देश दिए गए। पांडेय ने बताया कि स्थानांतरित की गई गांव सभा की भूमि लगभग 30 वर्षो तक केंद्र सरकार के कृषि फार्म के पास थी। लेकिन इस भूमि पर कोई लाभप्रद कार्यवाही नहीं की गई।फैसले से क्षुब्ध लोग सड़क पर उतरे बरेली। रेल कोच कारखाने की जमीन वापस लिए जाने की खबर सुनने के बाद स्थानीय लोगों का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने दिनभर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पर व आम जनता ने डेकौली के पास पुतला फूंक सड़क जाम की। लालगंज के पास शेखवापुर, यूसुफपुर, बन्नामऊ, ऐहार, खैरहनी, महमदमऊ, गोविंदपुर वलौली, दतौली व स्टेट फार्म हाउस समेत 542.54 हेक्टेयर भूमि पर रेल कोच कारखाने का निर्माण होना है। 14 अक्टूबर को होने वाले भूमि पूजन के 48 घंटे पहले सरकार ने रेलवे को दी जमीन वापस लेकर एक बार फिर इस योजना में अड़ंगा डाल दिया। प्रतिक्रिया स्वरूप कांग्रेस पार्टी ने शहर के बस अड्डे, सुपर मार्केट में जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री मायावती का पुतला फूंका। वहीं पार्टी कार्यालय में सरकार के उक्त फैसले के संबंध में जिला कांग्रेस अध्यक्ष उमा शंकर मिश्र, सांसद प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा, विधायक अशोक सिंह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता मंत्रणा में लगे थे। सरेनी में ब्लाक अध्यक्ष के नेतृत्व में आक्रोशित लोगों ने मायावती का पुतला फूंका। बछरावां कस्बे के बस स्टेशन पर आक्रोशित लोगों ने मुख्यमंत्री मायावती का पुतला फूंका। हरचंदपुर में चौराहे पर आक्रोशित लोगों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सूबे की मुखिया का पुतला फूंका। लालगंज के करुणा बाजार चौराहे पर आक्रोशित जन सैलाब उमड़ पड़ा जिसमें बसपा को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों ने शिरकत की। सबने कहा कि मामला विकास का है राजनीति का नहीं। चौराहे पर विधायक अशोक सिंह आदि ने मायावती की सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया।
Sunday, October 12, 2008
सोनिया के ड्रीम प्रोजेक्ट को मायावती का झटका
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के 'ड्रीम प्रोजेक्ट' को यूपी की मायावती सरकार ने तगड़ा झटका दिया है। उनके निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली में रेल कोच फैक्ट्री के लिए भूमि अधिग्रहण की अपनी समस्त कार्रवाई को रद कर दिया है। फैक्ट्री के लिए मंगलवार को सोनिया गांधी भूमि पूजन करने वाली थीं। राज्य सरकार ने बताया है कि वैकल्पिक जमीन उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया है।
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