उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में पिछले दिनों की हिंसा में समुदाय विशेष के निर्दोष व्यक्तिओं को निशाना बनाया गया और अब राज्य सरकार अभियुक्तों को सजा देने में ढील बरत कर रही है। आर्क बिशप ने कहा कि हम चाहते हैं कि राज्य में वर्ष 2007 में हुई हिंसा के अलावा विहिप नेता की हत्या तथा उसके बाद फैली सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की जांच सीबीआई से कराई जाए।जान दयाल ने कहा कि हम उन लोगों के खिलाफ भी आपराधिक शिकायत दर्ज करने जा रहे हैं जिन्होंने हमारे खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया। हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि कंधमाल जिले में हुई हिंसा में दिवंगत सरस्वती और उनके समर्थकों का ही हाथ है।जान दयाल ने कहा कि उडीसा पुलिस से उनका विश्वास उठ गया है और ईसाई समुदाय के हजारों लोग आज भी शरणार्थी शिविरों में हैं तथा अपने घर लौटने को लेकर सहमे हुए हैं।इस दौरान दिल्ली कैथोलिक चर्च के प्रवक्ता फादर डोमिनिक इमैनुअल ने यह प्रेस कांफ्रेंस देश की राजधानी में कराए जाने की वजह पूछे जाने पर कहा कि मीडिया का जमावड़ा होने की वजह से हमारी बात ज्यादा लोगों के बीच जाएगी और अदालत अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की सोचेगी।उन्होंने नोएडा के बहुचर्चित आरुषि हेमराज हत्याकांड का हवाला देते हुए कहा कि मीडिया के कवरेज की वजह से ही इस मामले की सीबीआई जांच की गई और हमें उम्मीद है कि इस ईसाइयों के साथ अत्याचार की घटना की भी सीबीआई जांच होगी।
Saturday, October 25, 2008
पुलिस के सामने हुआ दुष्कर्म: नन
उड़ीसा के कंधमाल में हिंसा के दौरान दुष्कर्म की शिकार नन ने शुक्रवार को कहा कि उसके साथ पुलिस के सामने दुष्कर्म हुआ और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। मीडिया से पहली बार रूबरू होते हुए नन ने कहा कि उसे राज्य की पुलिस पर भरोसा नहीं है और इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए।पीड़िता सिस्टर मीना [काल्पनिक नाम] ने अपने साथ हुई घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गत 25 अगस्त को उसके साथ जो कुछ भी हुआ वह सब स्थानीय पुलिस के सामने हुआ और पुलिस ने हमलावरों से उसे बचाने के लिए कुछ नहीं किया। उसने कहा कि मेरे साथ दुष्कर्म हुआ है और मैं फिर से उड़ीसा पुलिस की यातना झेलना नहीं चाहती।पीड़िता नन अपनी व्यथा लिखकर लाई थी जिसे उसने पढ़कर सुनाया। उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में ढिलाई बरती और उसका बयान दर्ज नहीं किया गया। नन ने कहा कि मेरे साथ दुष्कर्म हुआ है और मैं फिर से उड़ीसा पुलिस की यातना झेलना नहीं चाहती।गौरतलब है कि उड़ीसा के कंधमाल जिले स्थित जलेशपाटा आश्रम में गत 23 अगस्त को अज्ञात हमलावरों ने विश्व हिंदू परिषद [विहिप] के नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती और उनके चार समर्थकों की हत्या क र दी थी। इस घटना के बाद जिले में फैली सांप्रदायिक हिंसा में उपद्रवियों ने कई गिरजाघरों को निशाना बनाया और ईसाइयों के घर फूंक डाले।इस हिंसा के दौरान दुष्कर्म की शिकार नन ने सुप्रीम कोर्ट से न्याय की गुहार की। हालांकि अदालत ने गत 22 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि फिलहाल इस मामले को सीबीआई को सौंपने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है।प्रेस कांफ्रेंस के दौरान किसी को भी पीड़िता नन से सवाल जवाब की अनुमति नहीं थी, लेकिन वहां मौजूद आल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल के महासचिव और राष्ट्रीय एकता परिषद के सदस्य आर्क बिशप जॉन दयाल ने कहा कि हम न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और इस मामले की सीबीआई जांच के लिए पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे।
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