Saturday, October 25, 2008
मालेगांव धमाके में एक और साध्वी गिरफ्तार
मालेगांव विस्फोट की साजिश का पर्दाफाश करने में जुटी पुलिस का कहना है कि इंडियन मुजाहिदीन के मुकाबले के लिए दो दक्षिणपंथी संगठन बनाए गए हैं। पुलिस इन संगठनों की जांच करेगी।विस्फोट की साजिश का पर्दाफाश करने के क्रम में कई और गिरफ्तारियों की खबर है। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक और साध्वी व सेना के कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हैं। साध्वी को भोपाल से गिरफ्तार किया गया है, जबकि सेना के कुछ पूर्व अधिकारियों से मुंबई में पूछताछ की जा रही है। महाराष्ट्र के नासिक से भी कुछ गिरफ्तारियां होने के संकेत हैं। उधर, दक्षिणपंथी संगठन श्री राम सेना खुल कर साध्वी प्रज्ञा व उनके साथियों के समर्थन में उतर गई है।मालेगांव धमाके के सिलसिले में सूरत से एक साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को गिरफ्तार किए जाने के बाद मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक और साध्वी की गिरफ्तारी की खबर है। हालांकि पुलिस इस बारे में मुंह नहीं खोल रही है। मुंबई में पूर्व सैन्य अधिकारियों से पूछताछ के बारे में भी आधिकारिक रूप से कोई कुछ नहीं बता रहा। एटीएस ने शनिवार को बस इतना बताया कि जिन तीन लोगों को शुक्रवार को अदालत ने पुलिस रिमांड पर भेजा, उन्होंने दो दक्षिणपंथी संगठन बना रखे थे। ये संगठन इंदौर और सूरत में स्थित थे। ये संगठन इंडियन मुजाहिदीन की ओर से किए जाने वाले हमलों का जवाब देने के लिए बनाए गए थे। एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस इन दोनों संगठनों की जांच करेगी।साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शिवनारायण और श्याम साहू को सूरत और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। इन सभी को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने इन्हें तीन नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था। इनकी मदद के लिए शनिवार को एक दक्षिणपंथी संगठन आगे आया। श्री राम सेना ने इन्हें कानूनी मदद की पेशकश की है। यह वही संगठन है, जो हाल में नई दिल्ली में एम.एफ. हुसैन की पेंटिंग प्रदर्शनी में तोड़फोड़ करने के बाद चर्चा में रहा था।सेना के महासचिव विनय सिंह ने दिल्ली में कहा कि ये गिरफ्तारियां राजनीति से प्रेरित हैं। इसलिए उनका संगठन आरोपियों को कानूनी मदद मुहैया कराएगा। सेना औपचारिक तौर पर खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध नहीं मानती, लेकिन तीन साल पहले इसकी स्थापना संघ के एक पूर्व अधिकारी प्रमोद मुत्तालिक ने की थी। संगठन की राजनीतिक ईकाई राष्ट्रीय हिंदुस्तान सेना भाजपा विरोध की नीति पर चलती है।उधर, मुंबई में एटीएस के संयुक्त पुलिस आयुक्त हेमंत करकरे ने बताया कि वैसे तो कोई खास संगठन नहीं है, जिससे ये तीनों संबद्ध हों, लेकिन जय वंदे मातरम, जय कल्याण समिति नामक संगठन के पंपलेट हमें मिले हैं। ये संगठन 2992 में प्रज्ञा सिंह ने स्थापित किए हैं। मोबाइल फोन स्टोर चलाने वाले साहू ने इंदौर में राष्ट्रीय जागरण मंच नाम से संगठन बना रखा है। करकरे ने फिलहाल इन लोगों के किसी दक्षिणपंथी संगठन से संबद्ध होने की पुष्टि करने से इनकार किया, लेकिन यह जरूर कहा कि इनके पास से दक्षिणपंथी साहित्य मिला है। इनके फोन रिकार्ड की भी जांच हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 29 सितंबर को मालेगांव में हुए धमाकों की साजिश से ये तीनों अंजान नहीं हो सकते।उधर, एटीएस का एक तीन सदस्यीय दल शनिवार को भोपाल पहुंचा। पुलिस सूत्रों ने औपचारिक तौर पर कुछ बताने से इनकार किया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक भोपाल से कुछ और गिरफ्तारियां हुई हैं।इस बीच, भाजपा ने इन तीनों की गिरफ्तारी पर पुलिस से स्पष्टीकरण की मांग की है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने नागपुर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि पुलिस को कथित तौर पर हिंदू जागरण मंच से संबंध रखने वाले व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बारे में मीडिया को स्पष्ट तौर पर सब कुछ बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये गिरफ्तारियां राजनीतिक संतुलन साधने की साजिश का हिस्सा हैं।
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