Sunday, November 23, 2008

बाला साहब से मिले राज ठाकरे

मराठी गर्व का एजेंडा शिवसेना से झटकने वाले महाराष्ट्र नव निर्माण सेना [मनसे] प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को अपने चाचा और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे से मुलाकात की। भले ही इसे सामान्य मुलाकात बताया जा रहा है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है। 2006 में मनसे के गठन के बाद बाला साहब के साथ राज की यह पहली मुलाकात है।मनसे के सूत्रों ने कहा कि राज ने वयोवृद्ध नेता से बांद्रा स्थित उनके आवास मातोश्री में मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली, लेकिन इस मुलाकात से अफवाहों का बाजार गर्म है।

मनसे सूत्रों ने कहा कि चाचा-भतीजे की मुलाकात का प्रभाव सेना और मनसे के कार्यकर्ताओं पर पड़ेगा। इससे पहले राज ने बाल ठाकरे से 23 जनवरी 2006 को सेना प्रमुख के जन्मदिन पर मुलाकात की थी।अपने चाचा की ही तरह कार्टूनिस्ट राज ने कहा कि मैं आज उनकी कुछ पुरानी किताबों को लौटाने के लिए उनसे मिलने गया था जो अब तक मेरे पास थीं। हमने कार्टून पर बात की। राज ने कहा कि हमने राजनीति के इतर बातें कीं।मुलाकात के दौरान उद्धव भी मौजूद थे जिनसे मतभेद के कारण राज ने सेना छोड़कर मनसे का गठन किया था। राज ने कहा कि उनके चाचा ने आज सुबह फोन करके पुरानी किताबें मातोश्री भेजने को कहा। मैंने उन्हें किताबें पहुंचाने की पेशकश की और मातोश्री चला आया। उन्होंने कहा कि इतने समय बाद उनसे मुलाकात कर मैं खुश हूं।दो साल पहले बाल ठाकरे ने शिवसेना की एक बैठक में सार्वजनिक रूप से राज को डांटा था और कहा था कि उन्हें उनके नाम एवं फोटोग्राफ का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। पिछले दो साल में चाचा एवं भतीजे में संवाद का एकमात्र माध्यम कभी कभार फोन करना एवं जन्मदिनों पर तोहफे का आदान-प्रदान था।राज ने 18 दिसंबर 2005 को घोषणा की थी कि वह शिवसेना छोड़ रहे हैं और 2006 में उन्होंने मनसे का गठन किया। राज ने 27 नवंबर 2005 को उद्धव की कटु आलोचना करते हुए शिवसेना के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि शिवसेना को समान हितों वाले किरानी चला रहे हैं। शिवसेना छोड़ने के कारणों के बारे में राज ने कहा था कि मुझे सम्मान मिलने की उम्मीद थी लेकिन मेरा तिरस्कार हुआ।

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