Friday, November 14, 2008

कूड़े में बम धमाका, दो बच्चे घायल



नॉएडा शहर के सेक्टर 22 में शुक्रवार दोपहर सड़क किनारे पड़े कूड़े में धमाका होने से कचरा बीन रहे दो सगे भाई घायल हो गए। दोनों को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। धमाके के बाद पुलिस तो तत्काल मौके पर पहुंच गई, लेकिन बम स्क्वॉयड और डॉग स्क्वायड सहित बम निरोधक दस्ता लगभग एक घंटे देरी से पहुंचा। घायल बच्चे के मुताबिक धमाका हरे रंग के देसी बम से हुआ। प्रशासन ने दोनों बच्चों के इलाज का खर्च उठाने की घोषणा की है। एसएसपी ने इसे आतंकी गतिविधि मानने से इनकार किया है। पुलिस को मौके से कोई सबूत नहीं मिला है।

धमाका शुक्रवार दोपहर एक बजकर तीन मिनट पर सेक्टर 22 की मुख्य सड़क पर राजकीय इंटर कॉलेज के ठीक सामने हुआ। मौके पर पहुंची कोतवाली सेक्टर 24, 58 व 20 पुलिस ने पट्टी लगाकर घटना स्थल के आसपास घेराबंदी कर दी। धमाके के समय चौड़ा गांव निवासी लखन के दो बेटे मोनू व गोलू वहां कूड़ा बीन रहे थे। लखन मूल रूप से बिहार के सीतामणी का रहने वाला है और सेक्टर 12 में पराठे की ठेली लगाता है। अस्पताल में भर्ती गोलू के मुताबिक कूड़े से कुछ दूरी पर हरे रंग की सुतली से लिपटी हुई गोलाकार चीज दिखाई दी थी, जिसे उसके भाई मोनू ने उठाकर कूड़े में डाल दिया। इससे जोरदार धमाका हुआ। फिर क्या हुआ उसे पता नहीं। घटना स्थल के पास ही चाय की दुकान लगाने वाले प्रत्यक्षदर्शी सोनू का कहना है कि दोनों बच्चों ने सड़क किनारे से हरे रंग की कोई गोलकार चीज उठाई थी। आकार में वह क्रिकेट की गेंद से थोड़ी बड़ी थी। उसे कूड़े में डालते ही जोरदार धमाका हुआ और तेज धुआं उठा। इसके बाद मोनू हाथ झटकता हुआ सड़क पर बदहवास दौड़ने लगा, जबकि गोलू बेसुध था। वहां से गुजर रहे एक मोटरसाइकिल सवार ने एक बच्चे को और दूसरे बच्चे को आसपास के लोगों ने जिला अस्पताल पहुंचाया। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद दोनों बच्चों को एक निजी अस्पताल की एंबुलेंस से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल के डॉक्टर डीके वर्मा ने बताया कि मोनू के एक हाथ का पंजा उड़ गया है। उसके पैर व चेहरे पर भी गंभीर चोट है। वहीं गोलू के दोनों पैर जख्मी हैं। उनके मुताबिक मोनू के जख्मों से लोहे का बुरादा और कुछ कंकरीट जैसी चीज निकली है। उसके चेहरे पर बाई तरफ भी बारूद लगा था। जिस कूडे़ में बम फटा, उसे जांच के बाद प्राधिकरण की मदद से उठवा दिया गया।

एसएसपी आरके चतुर्वेदी का कहना है कि डाक्टरों से हुई बातचीत के आधार पर बम में कम क्षमता का बारूद था, जिसे पटाखों में प्रयोग किया जाता है। उन्होंने धमाकों के पीछे किसी आतंकी साजिश से साफ इनकार किया है। धमाके के करीब दो घंटे बाद मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी श्रवण कुमार शर्मा ने घोषणा की कि घायलों के इलाज में आने वाला खर्च प्रशासन वहन करेगा। इसके अलावा प्रशासन उसके परिवार को भी संभव आर्थिक मदद देगा।

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