Sunday, November 9, 2008

अजनबी शैतान का तेजाबी निशाना

वो मानसिक रोगी हो, चाहे शातिर अपराधी या फिर किसी साजिश का सूत्रधार- 'अजनबी शैतान' डेढ़ महीने से न्यू उस्मानपुर इलाके में आतंक का पर्याय जरूर बना है। महिलाएं तो उसके बारे में चर्चा होते ही कांप उठती हैं। न किसी ने उसका चेहरा देखा, न ही उसकी कोई और पहचान पता चल सकी है। एकदम सुबह या शाम के समय 'अजनबी शैतान' किसी सुनसान इलाके से गुजर रही महिला या लड़की पर अचानक पीछे से आकर तेजाब फेंक देता है। हमले की शिकार जब तक तेजाब की जलन के बीच उसे देखने की कोशिश करती है, संकरी गलियों से वो फरार हो जाता है।एक अक्टूबर को उस्मानपुर थाना क्षेत्र के ब्रह्मपुरी इलाके में रहने वाली नगमा इस सिरफिरे का पहला शिकार बनी। सुबह सात बजे वो घर के पास ही एक दुकान से ब्रेड लेने गई थी। दुकान से लौटते समय अचानक किसी ने उस पर तेजाब फेंका। जब तक वह खुद को संभालती, तेजाब फेंकने वाला नजरों के सामने से ओझल हो चुका था।उस दिन से आज तक कुल आठ युवतियां 'अजनबी शैतान' का शिकार बन चुकी हैं। ज्यादातर घटनाएं सुबह सुनसान माहौल में अथवा शाम को धुंधलका होने के बाद अंजाम दी गई। ये घटनाएं या तो ब्रह्मपुरी में या फिर गौतमपुरी में हो रही हैं। लगातार हो रही इन वारदात के बाद तमाम घरों से तो लड़कियों ने सुबह जल्दी अथवा शाम को घर से निकलना ही बंद कर दिया है। हर घर में तेजाबी हमलावर के किस्से चर्चा में है। सुबह स्कूली छात्रों को घर से बाहर कोई न कोई बड़ा सदस्य ले जाता है। कामकाजी अभिभावकों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है।गौतमपुरी की रहने वाली रुक्सा बताती हैं कि शाम को उन्होंने टीवी पर समाचार देखा था-किसी ने हमारे इलाके में लड़की पर तेजाब फेंक दिया। अगली ही सुबह मेरी बहन अमरीन के साथ वही हादसा हो गया। रुक्सा का पूरा परिवार इस घटना से बुरी तरह डरा है। उसने तो घटना के बाद से कालेज जाना छोड़ दिया है। सुबह-शाम वो घर से बाहर भी नहीं निकल रही है।रुक्सा के ही पड़ोस में रहने वाले श्यामलाल कालेज के छात्र जेएन सिद्धिकी गौका के अनुसार, कोई सिरफिरा ही ऐसी हरकत कर सकता है। बिना कारण कोई लड़कियों व युवतियों को निशाना बना रहा है तो वो सिरफिरा ही हो सकता है। तेजाबी हमले का शिकार हो चुकी चिंकी ओझा के पिता ओम प्रकाश ओझा के अनुसार इस तरह की वारदात करने वाला या तो मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति हो सकता है अथवा किसी साजिश का सूत्रधार। वे आशंका जताते हैं कि ये सब कुछ राजनीति से भी प्रेरित हो सकता है।

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