Wednesday, November 19, 2008

माकपा के 21 कार्यकर्ताओं को उम्रकैद

पश्चिम बंगाल की एक त्वरित अदालत ने बुधवार को मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता जहूर अली की हत्या के आरोप में पार्टी के 21 कार्यकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।आरामबाग उपमंडलीय अदालत के अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश गौतम सेन गुप्ता ने मुख्य आरोपी असगर अली और 20 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। लोक अभियोजक अब्दुल समद ने बताया कि माकपा कार्यकर्ता असगर अली और उसके 20 सहयोगियों ने पार्टी की आतंरिक दुश्मनी की वजह से बुलुंडी गांव में पार्टी नेता जहूर अली की 25 मार्च 2006 को हत्या कर दी थी। त्वरित न्यायालय ने इस मामले में 20 गवाहों की गवाही के आधार पर आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी। बचाव पक्ष के वकील स्वप्न घोष ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे।

सिस्टर अभया मर्डर केस में दो पादरी बंदी

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 16 साल पुराने सिस्टर अभया हत्याकांड मामले में पहली महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए दो पादरियों को गिरफ्तार किया है।सीबीआई अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दोनों कैथोलिक पादरियों फादर थामस कोट्टूर और फादर जोंस पुथरीक्कायिल को कल शाम कोट्टायम से गिरफ्तार किया गया। अपुष्ट समाचारों के अनुसार कोट्टायम के पायस टेंथ कंवेंट की सिस्टर सेफी को भी गिरफ्तार किया गया है।

सीबीआई ने गत वर्ष इन तीनों का नार्को टेस्ट कराया था और तीनों के खिलाफ सिस्टर अभया की हत्या में हाथ होने के सबूत मिले थे। कोट्टायम स्थित पायस टेंथ कांवेंट की 21 वर्षीय सिस्टर अभया की लाश 27 मार्च, 1992 में कांवेट के एक कुएं में मिली थी। हालांकि पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या का मामला बताया था लेकिन बाद में सीबीआई की जांच और फारेंसिक रिपोर्टो से पता चला कि सिस्टर अभया की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई।गौरतलब है कि इस साल चार सितंबर को केरल हाईकोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीबीआई की दिल्ली शाखा को निर्देश दिया था कि मामले की जांच कोच्चिं शाखा को सौंप दें। सीबीआई ने 29 मार्च 2003 को मामले को अपने हाथ में ले लिया था और तीन रिपोर्ट जमा की थी। इसमें कहा गया था कि यह हत्या का मामला था लेकिन उसे संदिग्ध नहीं मिला। हाईकोर्ट ने रिपोर्ट को स्वीकारने से इनकार कर दिया था और जांच एजेंसी से आगे तहकीकात करने को कहा था। इस मामले की अब तक 12 बार जांच हो चुकी है। इस मामले की जांच करने वाला सीबीआई का यह 13 वां दल है।

पिछले वर्ष अप्रैल में एक समाचार पत्र ने खबर दी कि तिरूवनंतपुरम स्थित एक प्रयोगशाला में नन की मेडिकल रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ की गई थी। इसके बाद इस मामले पर जांच फिर से शुरू की गई। अभया के पिता ने इन गिरफ्तारियों पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे मामले की जांच में मदद मिलेगी और सच्चाई सामने आएगी। गिरफ्तारियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केरल के मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन ने कहा कि कुछ लोगों को काफी अधिक सम्मान दिया जाता है लेकिन ऐसी घटनाओं से सिद्ध होता है कि वे भी अन्य लोगों की तरह ही सामान्य लोग है।



1 comment:

Sanjeev said...

जांच करने वाला पुलिसकर्मी और फैसला सुनाने वाला न्यायधीश जरूर बजरंगी रहे होंगे।