कई रसूखदार भी हैं शामिल:-पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस घपले में हरियाणा व नोएडा के कई रसूखदार लोग भी शामिल हैं। इसकी जांच की जा रही है। साथ ही उन कंपंनियों के अधिकारियों के मिले होने की भी संभावना है, इनकी कंपनियों में गाड़ियां चलती थीं।
कैसे हो रहा था घपला:-कंपनियां से ट्रेवल एजेंसी यूपी के बाहर की गाड़ियों के लिए तय किराये से लगभग चौदह हजार रुपये ज्यादा परिवहन विभाग के टैक्स के नाम पर लेती हैं। मार्च 2006 के शासनादेश के अनुसार अन्य राज्यों की गाड़ियों को यूपी में व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए चलाने के एवज में परिवहन विभाग को 13,680 रुपये प्रति माह देने होंगे। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को फर्जी मोहर व परिवहन विभाग की फर्जी रसीद बना कर परिवहन विभाग को पैसा जाम होने का सबूत कंपनियों को पेश कर देते थे, जबकि ये लोग तीस दिन की बजाए परिवहन विभाग से तीन दिन के ही टैक्स का रसीद कटाते थे। यही नहीं यूपी की गाड़ियों को भी अन्य राज्यों का नंबर लगा उनके भी पैसे कंपनियों से वसूला करते थे।कौन-कौन है जांच के घेरे मे
-परिवहन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी
-अन्य ट्रेवल एजेंसियां
-जिन कंपनियों में चल रही थी गाड़ियां उनके अधिकारी
-हरियाणा से जुड़े कुछ सफेदपोश
-लगभग तीन हजार ऐसी गाड़ियां जो अन्य राज्यों से नोएडा में आती हैं।
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