Saturday, November 15, 2008

बिना खर्च, चार करोड़ की कमाई!

पुलिस के सामने ही सड़क पर खुलेआम चलता है आटो चालकों से वसूली का कारोबार एक ऑटो से निर्धारित है दस रुपया प्रतिदिन:- बिना एक पैसे की पूंजी लगाए करोड़ों की कमाई। एक अवैध कारोबार, वो भी खुलेआम सड़क पर। उस पर तुर्रा यह कि सब कुछ पुलिस की आखों के ठीक सामने। जी हां, हम बात कर रहे हैं बीच सड़क ऑटो चालकों से जबरन उगाही की। एक ऐसा धंधा जिसमें हींग लगे न फिटकरी फिर भी रंग चोखा। उगाही भी ऐसी जिसे सुनकर हर कोई दांतों तले उंगली दबा लेगा। एक लाख बीस हजार रुपये प्रतिदिन। 36 लाख रुपया महीना। यानी 4 करोड़ 32 लाख रुपया सालाना! चौंकिये मत, यह कोई मजाक नहीं बल्कि हकीकत है। डंडे के जोर पर होता है कारोबार : इस अवैध कारोबार को कुछ दबंग किस्म के लोग डंडे के जोर पर संचालित करते हैं। इसके लिए बाकायदा एक संगठित तरीके से काम किया जाता है। अगर कोई ऑटो चालक इन लोगों को रुपया देने से इंकार करता है तो ऐसे में यह मारपीट करने से भी नहीं चूकते।

उगाही के बदले गारंटी :-सूत्र बताते हैं कि दस रुपया प्रतिदिन देने पर आटो चालकों की प्रत्येक समस्या के समाधान की गारंटी ली जाती है। इसमें यदि किसी आटो चालक के खिलाफ चालान की कार्रवाई होती है तो गिरोह द्वारा ही इस चालान के जुर्माने का भुगतान किया जाता है।

पुलिस की मिलीभगत :-सूत्र बताते हैं कि इस पूरे अवैध कारोबार में कुछ पुलिसकर्मी भी जुडे़ होते हैं। इस बात को इससे भी बल मिलता है कि पुलिस के सामने ही यह लोग आटो चालकों से उगाही करते हैं और पुलिसकर्मी आराम से इस पूरे कृत्य को देखकर भी अनजान बने रहते हैं। महानगर में ऐसे कई स्थान हैं जहां पुलिस की चेकिंग भी होती है और दबंगों द्वारा आटो चालकों से उगाही भी। घंटाघर चौक, सीमापुरी बार्डर, महराजपुर बार्डर, लालकुआं व विजयनगर तिराहा ऐसे ही कुछ स्थान हैं, जहां आटो चालकों से खुलेआम उगाही की जाती है।

महानगर में 12 हजार आटो :-वर्तमान समय में महानगर में 12 हजार से ज्यादा आटो विभिन्न रूट पर दौड़ते हैं। प्रति आटो चूंकि दस रुपये की वसूली की जाती है। यानी एक लाख बीस हजार रुपया प्रतिदिन व 36 लाख रुपया महीना इन आटो से वसूली की जाती है। यदि एक साल का आंकड़ा निकाला जाए तो पता चलता है कि यह रकम 4 करोड़ 32 लाख बैठती है। सूत्र बताते हैं कि उगाही की इस बड़ी रकम का एक हिस्सा पुलिस को भी जाता है। इसी से पुलिस इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती।

पूर्व एसएसपी द्वारा की गई थी कार्रवाई:-करीब दो वर्ष पूर्व गाजियाबाद के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीयूष मोर्डिया द्वारा आटो चालकों से उगाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। एसएसपी ने स्वयं घंटाघर चौक से उगाही करते कुछ युवकों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद कुछ दिनों तक तो यह धंधा बंद रहा, मगर समय के साथ-साथ फिर से इस अवैध कारोबार से जुडे़ लोगों ने अपनी जडे़ जमा लीं।

सख्त होगी कार्रवाई : एसएसपी एसएसपी एल। रवि कुमार का कहना है कि इस प्रकार का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है तो यह वाकई गंभीर अपराध है। एसएसपी का कहना है कि अब वह स्वयं गोपनीय तरीके से इस मामले की जांच करेंगे। आटो चालकों से उगाही करने वाले तो जेल जाएंगे ही साथ ही साथ संबंधित पुलिसकर्मियों व थानेदारों के खिलाफ भी सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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