बेरोजगार बनते थे सिमी नेताओं का निशाना
सिमी नेता रमजान के पवित्र महीने में भी अपने नापाक इरादों को अमलीजामा पहनाने की साजिशें बुनते थे। इफ्तार पार्टियों के नाम पर होने वाली गुप्त बैठकों में धन उगाही की रणनीति बनाई जाती थी। विवादास्पद ढांचा गिराए जाने और गुजरात दंगों की कहानियां सुनाकर युवकों के दिमाग में जहर भरा जाता था। जब इससे भी बात नहीं बनती थी तो उन्हें पैसे और पद का लालच दिया जाता था।
सीरियल बम धमाकों के आरोपी आमील परवेज ने मध्यप्रदेश पुलिस को पूछताछ में ये जानकारी दी है। उसने बताया कि 2001 में सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद इसके नेता भूमिगत रहकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देते रहे। मुस्लिम युवकों को अपने नापाक मकसद में शामिल करने के लिए विवादास्पद ढांचा गिराए जाने व गुजरात दंगों की कहानिया सुनाकर भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल किया जाता था। जब इससे भी बात नहीं बनती तो पैसा और पद का लालच दिया जाता था। आमील ने बताया कि सिमी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शाहिद बद्र, वर्तमान अध्यक्ष सफदर नागौरी व सिमी की सेंट्रल एडवाइजरी कमेटी के सदस्य अब्दुल सुभान किशोर उम्र के युवकों को बहलाते थे। प्रतिबंध के बाद सिमी लड़खड़ाने लगी थी। तब सिमी का राष्ट्रीय अध्यक्ष शाहिद बद्र थे।
लेकिन नागौैरी को कमान मिलते ही हालात बदलने लगे। उसने राजस्थान, बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु का दौरा किया और सिमी को फिर से खड़ा कर दिया। वह काम के लिए पढ़े-लिखे लेकिन बेरोजगार युवकों को चुनता था। फिर उन्हें इस्लाम के नाम पर गुमराह करता और अपनी साजिश का हिस्सा बना लेता था। कुछ दिनों पहले इदौर के चोरल में हुई बैठक में नागौरी ने सिमी की बिगड़ती आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए सभी राज्यों से धन जुटाने का टारगेट तय किया था। मध्यप्रदेश से तीन लाख, कर्नाटक से पाच लाख, गुजरात से तीन लाख, केरल से एक लाख, महाराष्ट्र से दो लाख रुपए की व्यवस्था करनी थी। सिमी नेता इफ्तार पार्टियों, ईद आदि मौकों पर कटने वाले बकरों की खाल बेचकर भी धन जुटाते थे।
नागौरी समेत पांच आरोपी पुलिस हिरासत में
सिमी प्रमुख सफदर नागौरी समेत अहमदाबाद बम धमाकों के पाचों आरोपियों की रिमाड अवधि समाप्त होने के बाद एक अन्य मामले में उन्हें 24 घटे के लिए पुलिस हिरासत में सौंप दिया गया है। मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में सफदर नागौरी, कमरुद्दीन नागौैरी, हाफिज हुसैन, कर्नाटक निवासी आमील परवेज तथा केरल के शिवली अब्दुल करीम की मंगलवार को 14 दिन की रिमाड अवधि पूरी हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने इन्हें मेट्रो कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने पाचों को खाडिया बम विस्फोट के मामले में चौबीस घटे के लिए पुलिस हिरासत में सौंप दिया।
Tuesday, September 23, 2008
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