Tuesday, September 16, 2008

45 रूपये रिश्वत के लिये एक साल का कठोर कारावास

बिहार की राजधानी पटना में सतर्कता के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार पॅवार की अदालत ने 45 रूपये की रिश्वत लेने के मामले में आज बिहार राज्य खादी ग्राम उद्योग विभाग के एक पर्यवेक्षक महेन्द्र कुमार मस्ताना को एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा के साथ एक हजार रूपये का जुर्माना किया !विशेष न्यायाधीश श्री पॅवार ने लगभग 30 साल पुराने इस मामले में सुनवाई के बाद विभाग के गया जिला स्थित पीरपैंती शाखा के पूर्व पर्यवेक्षक महेन्द्र कुमार मस्ताना को भारतीय दंड विधान और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनायी है !आरोप के अनुसार 22 सितम्बर 1978 को सतर्कता के अधिकारियों ने दोषी को विभाग के एक ग्राहक का ऋण चेक जारी करने के बदले 45 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था !

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