Monday, September 1, 2008

जरदारी की सेहत पर अमेरिकी नेता चिंतित

न्यूयार्क। अमेरिका के कई अधिकारियों ने इन रिपोर्टो पर चिंता जताई है कि डाक्टरी रिपोर्टो में पाकिस्तान के राष्ट्रपति पद के दावेदार पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी को मानसिक समस्या से पीडि़त बताया गया है।न्यूजवीक की एक रिपोर्ट के अनुसार हालांकि जरदारी की प्रवक्ता की दलील है कि पीपीपी नेता मानसिक समस्याओं से मुक्त हो चुके हैं लेकिन अमेरिकी अधिकारियों को इसपर चिंता है कि अगर वह छह सितंबर का चुनाव जीत कर पाकिस्तान के राष्ट्रपति बन जाते हैं तो देश के परमाणु हथियारों के जखीरे पर उनका भी आंशिक नियंत्रण रहेगा।अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की खुफिया समिति में शामिल वरिष्ठ रिपब्लिकन नेता पेटे होएक्स्ट्रा ने कहा कि विशिष्ट रूप से अमेरिका कतई नहीं चाहेगा कि इस तरह का कोई व्यक्ति परमाणु कमान श्रंखला से जुड़े।

रिपोर्ट के अनुसार जरदारी के वकीलों ने लंदन के हाईकोर्ट में यह दलील पेश की थी कि पीपीपी नेता इस कदर बीमार हैं कि वह भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में अदालत में हाजिर होकर अपनी बात नही कह सकते। उन्होंने इस संबंध में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी डाक्टरों का हाल का आकलन पेश किया था। उल्लेखनीय है कि डाक्टरों ने कथित रूप से जरदारी का निदान मनोभ्रंश, अवसाद और पोस्ट-ट्रामैटिक स्ट्रेस डिसआर्डर से ग्रस्त के रूप में किया था।फिनांशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार न्यूयार्क के मनोवैज्ञानिक स्टीफन रीख इस नतीजे पर पहुंचे थे कि जरदारी अत्यधिक चिंताग्रस्त एवं आशंकित हैं और उन्हें आत्महत्या करने का ख्याल आता है। अलबत्ता उन्होंने इस सिलसिले में कभी कदम नहीं उठाया। टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार न्यूयार्क के एक मनोचिकित्सक फिलिप साल्टियेल ने पाया कि भ्रष्टाचार के मामलों का सामना करते समय जेल की लंबी मीयाद ने उन्हें भावनात्मक अस्थिरता में डाल दिया है और साथ ही साथ उन्हें याददाश्त एवं एकाग्रता की समस्या भी है। न्यूजवीक ने कहा कि रीख ने इसपर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।इस बीच, न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार दो अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जरदारी ने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को रोकने के लिए चिकित्सीय निदान को एक कानूनी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। पाकिस्तानी अधिकारियों और जरदारी समर्थकों का कहना है कि पीपीपी नेता के खिलाफ सारे आरोप मनगढंत हैं। लेकिन उनका कहना है कि कैदखाने का तनाव असली है।न्यूजवीक को भेजे एक ई-मेल में अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी ने लिखा कि जरदारी कि स्वाभाविक रूप से बिना दोषी ठहराए कैद की यातना से प्रभावित हुए। इसी तरह का निदान रिहाई के तुरंत बाद पूर्व युद्धबंदियों का भी किया जाता है लेकिन यह इन लक्षणों से पूर्ण मुक्ति और बाद में उच्च राजनीतिक पद के लिए खड़ा होने के उनके रास्ते में आड़े नही आता। हक्कानी ने कहा कि जरदारी को अभी कोई ऐसी स्थिति नहीं है जिसके लिए मनोचिकित्सीय मदद या उपचार की जरूरत पड़े।होएक्स्ट्रा ने न्यूजवीक को बताया कि उन्हें याद नहीं है कि उन्हें कभी मानसिक अक्षमता के जरदारी के दावों के बारे में जानकारी दी गई है। न्यूजवीक के अनुसार विदेश नीति से जुड़े दो अन्य अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इन रहस्योद्घाटनों से वे हतप्रभ ह

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