न्यायालय ने इन आतंकियों को सात अक्तूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।मुंबई के पुलिस आयुक्त हसन गफूर एवं संयुक्त पुलिस आयुक्त [अपराध] राकेश मारिया ने संवाददाता सम्मेलन में इन पांचों आतंकवादियों के बारे में कई खुलासे किए। ये आतंकी पाकिस्तान से प्रशिक्षण पाकर आए हैं और वर्ष 2005 के बाद देश में हुए लगभग सभी विस्फोटों में शामिल रहे हैं। इनसे अब तक हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस ने बताया कि बनारस के संकटमोचन मंदिर, बनारस स्टेशन, लखनऊ एवं फैजाबाद की अदालतों एवं जयपुर व अहमदाबाद के विस्फोटों में भी इन आतंकियों की अहम भूमिका रही है।पुलिस आयुक्त के अनुसार इन सभी के पास से बरामद सामग्री एवं योजनाओं से पता चला है कि जल्दी ही ये एक बार फिर मुंबई को निशाना बनाने की योजना पर काम कर रहे थे। पुलिस आयुक्त के अनुसार इन सभी के सिमी, इंडियन मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा एवं आईएसआई से संबंध हो सकते हैं।आज पकड़े गए आतंकियों में से सिर्फ अफजल का पूर्व आपराधिक रिकार्ड सामने आता है। उस पर 1996 में हत्या के प्रयास का एक मामला मुंबई के शिवाजी नगर पुलिस थाने में दर्ज हो चुका है। उस समय वह फजलुर्रहमान गिरोह के लिए काम करता था।इन आतंकियों को गिरफ्तार करने वाले पुलिस दल को राज्य गृह मंत्रालय के प्रभारी और उपमुख्यमंत्री आरआर पाटिल ने पांच लाख रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।
ये पांचों भी आजमगढ़ के अफजल मुतालिब उस्मानी [32] : आजमगढ़ के मूल निवासी अफजल ने ही अहमदाबाद विस्फोटों में काम आई कारें नवी मुंबई से चुराई थीं । अहमदाबाद के बाजारपेठ एवं अस्पताल में विस्फोटकों से लदी कारें भी उसने ही खड़ी की थीं।मुहम्मद सादिक शेख [31] : आजमगढ़ के संजरपुर का निवासी सादिक इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापकों में से एक बताया जा रहा है। इंडियन मुजाहिदीन द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में किए गए विस्फोटों के लिए साधन व लड़के जुटाने का काम सादिक ही करता था। मुंबई के चीता कैंप क्षेत्र में रह रहा सादिक एक इलेक्ट्रानिक कंपनी में प्रोग्राम इंजीनियर के रूप में कार्यरत था। एक बार नौ माह और दूसरी बार 45 दिन का आतंकवादी प्रशिक्षण लेने के लिए वह पाकिस्तान में भी रह कर आया है।मुहम्मद आरिफ शेख [38] : आजमगढ़ का मूल निवासी आरिफ मुंबई के निकट ठाणे के मुंब्रा क्षेत्र में रहता था। पेशे से इलेक्ट्रीशियन आरिफ पाकिस्तान से बम का सर्किट बनाने का प्रशिक्षण लेकर आने के बाद वर्ष 2005 से भारत में हुए कई सिलसिलेवार विस्फोटों के लिए बम बना चुका है।मुहम्मद जाकिर शेख [28] : आजमगढ़ का जाकिर मुंबई के निकट भिवंडी में रह कर कबाड़ का काम करता था। सन् 2004 में वह पाकिस्तान से आतंकवाद का प्रशिक्षण लेकर आ चुका है।मुहम्मद अंसार शेख [31]: व्यवसाय से साफ्टवेयर इंजीनियर अंसार भी आजमगढ़ का ही मूल निवासी है। वह मुंबई में चीता कैंप क्षेत्र में रहता था। वह भी सन् 2004 में पाकिस्तान से आतंकवाद का प्रशिक्षण लेकर आ चुका है।
क्या-क्या मिला?इन पांच आतंकवादियों के पास से बम बनाने में इस्तेमाल होने वाला जिलेटिन, 10 किलो अमोनियम नाइट्रेट, 8 किलो बाल बियरिंग, 15 डिटोनेटर्स, बमों में इस्तेमाल होनेवाले चार सर्किट, .38 बोर के दो रिवाल्वर, एक सब मशीन कार्बाइन, 9 एमएम कार्बाइन के 30 जीवित कारतूस, .38 बोर रिवाल्वर के 8 जीवित कारतूस बरामद हुए हैं।
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