नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले आतंकवाद के मुद्दे पर संप्रग सरकार को घेरते हुए भाजपा ने बुधवार को केंद्र से सिमी पर श्वेतपत्र जारी करने, अफजल गुरु को अविलंब फांसी देने और फिर से पोटा कानून बनाने की मांग की।पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार एलके आडवाणी और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां भाजपा मुख्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह मांग की। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने यहां जारी संयुक्त बयान में आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की चार साल से अधिक की सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है और कुछ समय बाद जनता को उसके कार्यकाल पर अपनी राय देने का अवसर मिलेगा। दोनों नेताओं ने कहा कि मनमोहन-सोनिया की सरकार की सबसे बड़ी विफलता आतंकवाद से निपटने में रही और इस मामले से जिस तरह उसने निपटा है उसने आतंकवाद को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रोत्साहन दिया है। आडवाणी ने कहा कि संप्रग के इस आचरण के चलते पहले सीमा पार से चलने वाला आतंकवाद अब देश की धरती पर भी जड़ें जमा चुका है।दोनों नेताओं ने सरकार से तीन प्रमुख मांग की आतंकवाद के प्रति लोगों को सचेत करने के लिए सिमी पर श्वेतपत्र जारी किया जाए और उसमें वे सभी सामग्री उपलब्ध कराई जाए जो सरकार के पास हैं। आतंकवाद से निपटने के लिए पोटा और अन्य संबंधित कानून फिर से बनाए जाएं। संसद पर हमले के षड्यंत्रकारी अफजल गुरु को फांसी की सजा पर तुरंत तामील हो।मोदी ने इस बात पर रोष प्रकट किया कि गुजरात विधानसभा द्वारा दो बार पारित किए गए गुजरात संगठित अपराध कानून [गुजकोक] पर केंद्र लंबे समय से कुंडली मारे बैठी है। गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि अफसोस की बात यह है कि चुनी हुई विधानसभा द्वारा दो बार पारित कानून को केंद्र सरकार दबा के बैठी है। उसने इस बारे में एक जवाबी चिठ्ठी तक नहीं दी, सुझाव तो छोड़ो.. टाइम किलिंग कर रही है। मोदी ने कहा कि देश में आतंकवाद का एक नया तबका पैदा हो रहा है और यह बाहर से प्रायोजित आतंकवाद का तबका है, जिसे लागू करने वाले देश में हैं और यह बहुत बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति आतंकवाद को प्रोत्साहन देने वाली सबसे बड़ी शक्ति बन गई है। उन्होंने दावा किया कि सिमी का नाम बदलकर इंडियन मुजाहिदीन इसलिए किया गया, ताकि उसमें 30 साल की समयसीमा की बंदिश न रहे।आडवाणी ने कहा कि सरकार यह स्वीकार करे कि सिमी और इस तरह के दूसरे संगठन राष्ट्र सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं और सरकार उन पर अंकुश लगाने तथा उनका विरोध करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को निर्दोष लोगों की सुरक्षा करने में अपनी विफलता और अयोग्यता के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
Wednesday, September 3, 2008
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